इस चर्चा में चंडीगढ़ के स्टूडेंट विराज ने भी हिस्सा लिया प्रधानमंत्री से सवालों के जवाब में दिए टिप्स
हरियाणा, चंडीगढ़ 10 फरवरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में हरियाणा और चंडीगढ़ के दो स्टूडेंट्स शामिल हुए। सोमवार को इस कार्यक्रम का प्रसारण किया गया। देशभर के छात्रों ने दिल्ली की सुंदर नर्सरी में मोदी से सवाल किए।
गौरतलब है कि 10वीं कक्षा में पढ़ने वाला अजय सिरसा और 12वीं कक्षा में पढ़ने वाली खुशी नारनौल की रहने वाली है। पीएम से सिर्फ अजय ने सवाल पूछे। अजय ने पीएम से पूछा कि आजकल टैक्नोलॉजी काफी बढ़ गई है। कई बार हम इसका बहुत ज्यादा प्रयोग कर लेते हैं। इस पर आप हमारा मार्गदर्शन करें। इस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि आप उस युग में बड़े हो रहे हैं, जिसमें बड़ी मात्रा में टेक्नोलॉजी का फैलाव है। इसलिए इससे भागने की जरूरत नहीं है। आपको तय करना होगा कि क्या मैं रील देखता रहता हूं ? उसी में समय जाता है क्या ? अगर उसी में रुचि है तो उसकी बारीकी में जाओ। उसे तूफान ना समझो, जो गिरा देगा। टेक्नोलॉजी को जानें और समझें।
वहीं खुशी के स्कूल में कार्यक्रम दिखाने के लिए बड़ी स्क्रीन लगाई गई। खुशी ने कहा कि 105 बच्चों को चुना गया था। 24 से 29 तक हम दिल्ली में रहे। हमें वहां परेड से लेकर संग्रहालय देखने का मौका मिला। पीएम से बातचीत के लिए 36 बच्चों को चुना गया। उसमें वह नहीं थी।
इसके अलावा चंडीगढ़ के स्टूडेंट विराज ने पीएम मोदी से लीडरशिप को लेकर सवाल पूछा। उसने कहा कि कभी टीचर ने हमें मॉनिटर बनाते हैं तो बच्चे बात नहीं सुनते। सभी को समझाने का एक तरीका होता है। उन्हें हम ये नहीं कह सकते कि बैठ जाओ वर्ना तुम्हारा बोर्ड पर नाम लिख दूंगा। ये सुनकर वो और शोर करेंगे। इसके लिए क्या कोई और तरीका है ? इस पर मोदी ने कहा कि लीडरशिप की परिभाषा ये नहीं होती कि नेता ने कुर्ता पजामा पहना है, जैकेट पहनी है और मंच पर संबोधित कर रहा है। आप स्टूडेंट्स में से कोई लीडर बन जाए। अगर वह कहेगा चलो तो आप उसके साथ चलोगे। अगर मॉनिटर कहेगा कि आप चलो, मैं आता हूं तो आपकी बात कोई नहीं सुनेगा। आप जब मॉनिटर की होमवर्क या दूसरी चीजों में सहयोग करोगे तो उसे लगेगा कि मॉनिटर मेरी केयर करता है। इसके लिए हमें अपने व्यवहार को बदलना पड़ेगा। लीडरशिप थोपी नहीं जाती।