जिले में 11 नौजवान और एक महिला को डिपोर्ट किया गया
कैथल 9 फरवरी। यहां भी अमेरिका से डिपोर्ट होकर लौटे युवाओं के मामले में जिला पुलिस प्रशासन ने विशेष टीमों का गठन कर उनसे पूछताछ की। एसपी राजेश कालिया के निर्देश पर पुलिस ने इन युवाओं से मुलाकात की।
हालांकि पुलिस सूत्रों का कहना है कि अभी तक किसी भी युवा ने अवैध रूप से विदेश भेजने वाले किसी एजेंट के खिलाफ शिकायत दर्ज नहीं कराई। सरकार ने पुलिस को डंकी रूट (अवैध तरीके से विदेश भेजने वाले रास्ते) से गए युवाओं के एजेंटों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए थे। कैथल जिले में कोई अधिकृत एजेंट ना मिलने के कारण सूची नहीं बनाई जा सकी। सूत्रों के अनुसार विदेश मंत्रालय जल्द ही डिपोर्ट किए गए युवाओं का रिकॉर्ड जांचेगा।
बताते हैं कि इसमें यह देखा जाएगा कि विदेश जाने से पहले इनमें से कोई युवक आपराधिक गतिविधियों में शामिल था या नहीं। हालांकि, अभी तक प्रशासन को मंत्रालय की ओर से इस जांच को लेकर कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है। यह भी स्पष्ट नहीं है कि मंत्रालय जांच के लिए गुप्तचर एजेंसी की मदद लेगा या फिर विशेष टीम भेजी जाएगी। गौरतलब है कि कैथल जिले के 11 युवाओं और एक महिला का नाम अमेरिका से डिपोर्ट किए गए लोगों की सूची में शामिल है। इनमें से सात युवक भारत लौट चुके हैं। जबकि चार अन्य युवकों को 17 फरवरी तक डिपोर्ट किया जाना है।
डिपोर्ट मामलों के बीच, कैथल के मटौर गांव के युवक मलकीत की अमेरिका में गोली लगने से मौत का दावा किया गया है। मलकीत के परिजनों ने सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के आधार पर यह आरोप लगाया कि अमेरिका के बॉर्डर पर डोंकरों (मानव तस्करों) या वहां की पुलिस ने उसे गोली मार दी।
इस मामले में पुलिस के मुताबिक डिपोर्ट होकर लौटे युवाओं में से किसी ने भी अब तक किसी एजेंट के खिलाफ शिकायत नहीं दी है। यदि कोई शिकायत मिलती है तो उचित कार्रवाई की जाएगी। वहीं विदेश मंत्रालय द्वारा किसी जांच टीम के आने की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई।
—————