क्या लंबे समय को टलेगा लुधियाना वैस्ट विस हल्के का उप चुनाव !

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अगर इलैक्शन टला तो विपक्षी पार्टियों की सियासी-मंशा होगी पूरी तो आप को मिलेगा ‘साख’ सुधारने का मौका

लुधियाना, 6 मई। इन दिनों लुधियाना वैस्ट विधानसभा हल्के के उप चुनाव पर सबकी निगाहें टिकी हैं। चुनाव आयोग के मुताबिक इलैक्शन की घोषणा से पहले वाली सभी औपचारिकताएं तो पांच मई को पूरी हो चुकी हैं। इसी बीच चर्चाएं शुरु हो गईं कि चुनाव नवंबर महीने तक टल सकते हैं। ऐसे में दिलचस्प सियासी-माहौल बनने के आसार हैं।

 

विपक्ष का एक ही एजेंडा, केजरीवाल को रोकना :

यहां काबिलेजिक्र है कि इस उप चुनाव को लेकर विपक्षी पार्टियां शुरु से आम आदमी पार्टी को टारगेट कर रही हैं। वह आप ने जैसे ही सबसे पहले पार्टी के राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा को उम्मीदवार घोषित किया, विपक्षी पार्टियां और हमलावर हो गईं। उनका सीधा आरोप रहा है कि आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल इस चुनाव के बहाने राज्यसभा की सीट खाली कराने की साजिश रच रहे हैं। ताकि वह पंजाब के जरिए राज्यसभा में पहुंच सकें। पंजाब में प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस के प्रदेश प्रधान व लुधियाना से लोकसभा सांसद अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने इसी तर्ज पर केजरीवाल को टारगेट किया। वहीं, केंद्रीय राज्यमंत्री रवनीत सिंह बिट्‌टू ने तो दो कदम आगे बढ़कर भाजपा की तरफ से मोर्चा संभाला था। उन्होंने बड़ा इलजाम जड़ा था कि केजरीवाल इस उप चुनाव की आड़ में मुख्यमंत्री भगवंत मान का पंजाब से ‘बिस्तर-गोल’ कर उनको दिल्ली भेज देंगे। हालांकि उन्होंने इसे लेकर कोई तकनीकी तर्क नहीं दिया था। रही बात, शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल के निशाने पर भी केजरीवाल ही रहे हैं। ऐसे में अगर उप चुनाव लंबे समय को टले तो कुल मिलाकर विपक्षी पार्टियों के ‘केजरीवाल-रोको’ अभियान को बल मिलेगा।

आप को मिलेगा ‘रिपोर्ट-कार्ड’ मजबूत करने का मिलेगा मौका :

सियासी-जानकारों की नजर में उप चुनाव टलने की सूरत में पंजाब की आप सरकार को दोहरा सियासी-फायदा मिल सकता है। राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा अपने कार्यकाल की शुरुआत से लगातार समाज के हर वर्ग के बीच सक्रिय हैं। कारोबारियों से लेकर आम लोगों से जुड़ी कई अहम समस्याएं वह हल करा चुके हैं। जल्द ही हलवारा एयरपोर्ट भी चालू होने के आसार हैं। इसी बीच यहां लाल-डोर के दायरे में एक हजार रजिस्ट्रियां लोगों को सौंपी गई हैं। लुधियाना में एसबीएस नगर के बाद पिछली सरकारों में कोई नई टाउनशिप नहीं बनी। दूसरी तरफ, लैंड पुलिंग पॉलिसी के तहत महानगर लुधियाना के साथ ही पांच अन्य शहरों में 23 हजार एकड़ एरिया में सरकारी रोसल स्कीम लागू होनी हैं। दूसरी तरफ, नई सड़कें बनाने और कई सड़कों की मरम्मत का भी जारी है। कुल मिलाकर उप चुनाव टलने की सूरत में इस दौरान पंजाब की आप सरकार को अपनी साख सुधारने का मौका मिलेगा। साथ 2027 के अगले विस चुनाव के लिए पार्टी की साख मजबूत होगी।

अरोड़ा का किरदार, उनको सियासत में बना रहा वजनदार :

उद्योग-जगत में खास पहचान रखने वाले एमपी संजीव अरोड़ा के बारे में मशहूर रहा है कि वह पॉजेटिव-सोच रखते हैं। लिहाजा आलोचकों पर पलटवार करने की बजाए अपने मिशन में जुनून की हद तक जुटे रहते हैं। इस उप चुनाव में विरोधियों ने उनको कार्पोरेट-लीडर कहकर तंज कसा, मगर अरोड़ा बिना प्रतिक्रिया दिए समाज के हर वर्ग के बीच सक्रिय हैं। आज मंगलवार को उन्होंने नगर निगम के सफाई सेवकों के साथ खुद झाड़ू थामक हंबड़ां रोड से सफाई अभियान चलाया। साथ ही सफाई सेवकों को अपने हाथों पारंपरिक पेय ‘सत्तू’ पिला महानगर की सफाई व्यवस्था के बारे में फीडबैक भी लिया।

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