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माया गार्डन मैग्नीशिया के निवेशकों ने लगाए बिल्डर पर वादाखिलाफ़ी करने के लगाए आरोप

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डायरेक्टर लोकल बॉडीज के आदेशों पर कार्यकारी अधिकारी द्वारा बनाई गई टीम ने माया गार्डन मैग्नीशिया का किया दौरा

निवेशकों ने टीम को प्रोजेक्ट की सभी कमियों से करवाया अवगत

जीरकपुर 05 Feb : स्थानीय चंडीगढ़ अंबाला हाईवे पर स्थित माया गार्डन मैग्नीशिया प्रोजेक्ट के निवेशकों ने बिल्डर पर वादाखिलाफी के आरोप लगाए तथा प्रोजेक्ट में अनियमितताओं के आरोप लगाते हुए सरकार से की जांच की मांग थी। माया गार्डन मैग्नीशिया प्रोजेक्ट के पीड़ित निवेशकों द्वारा मैग बायर्स वेलफेयर एसोसिएशन का गठन करके रिटायर्ड कर्नल प्रवीण विज को इस संस्था का सर्व समिति से अध्यक्ष बनाया गया था जिसमें सभी पीड़ित निवेशकों को सदस्य बनाया हुआ है। इस संस्था के पदाधिकारीयों के अनुसार करीब 5, 6 वर्ष पहले बरनाला बिल्डर द्वारा माया गार्डन मैग्नीशिया के नाम पर जीरकपुर के चंडीगढ़ अंबाला हाईवे पर एक प्रोजेक्ट शुरू किया गया था जिसमें लोगों को निवेश करने के लिए कहा गया था। प्रोजेक्ट शुरू करने से पहले जो बिल्डर द्वारा सी एल यू लिया गया था उसमें साफ-साफ लिखा गया था कि यह प्रोजेक्ट एक ही यूनिट है इसको अलग-अलग हिस्सों में डेवलप नहीं किया जा सकता। इसके बाद रेरा से भी जब मंजूरी ली गई है। वह भी सिंगल यूनिट की ही मंजूरी ली गई थी। उसमें भी यही बात लिखी गई थी कि इसको अलग-अलग हिस्सों में डेवलप नहीं किया जा सकता और इसकी पूरे प्रोजेक्ट के मुकम्मल होने की तिथि भी एक ही होगी। लेकिन बिल्डर द्वारा पैसे बचाने के चक्कर में सबसे पहले गलती यही की गई कि उसके अलग-अलग टावर बना दिए गए। निवेशकों ने आगे आरोप लगाया के बिल्डर द्वारा जो प्रोजेक्ट की डिजाइन की मंजूरी ली गई है उसमें भी बिल्डर द्वारा बदलाव कर दिए गए हैं तथा प्रोजेक्ट में जो शोरूम तथा दुकानें बनाई गई है उनके भी साइज पहले बताए गए साइज से कम बनाए गए हैं। निवेशकों ने यह भी आरोप लगाया के नगर कौंसिल से प्रोजेक्ट की कंप्लीशन सर्टिफिकेट लेने के लिए 8 से 10 एनओसी लेनी पड़ती है लेकिन बिल्डर के पास सारी एनओसी नहीं है और नगर कौंसिल अधिकारियों ने बिल्डर के साथ मिली भगत करके उसे कंप्लीशन सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया है उन्होंने आरोप लगाया के बिल्डर द्वारा दो तरह के सर्टिफिकेट लिए जाने जरूरी है जिनमें से एक कंप्लीशन सर्टिफिकेट और दूसरा ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट जब के तथा नियमों के अनुसार दोनों सर्टिफिकेट एक साथ जारी नहीं किया जा सकते इनमें से कंप्लीशन सर्टिफिकेट पहले जारी होता है इसके बाद ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट जारी होता है लेकिन नगर कौंसिल द्वारा बिल्डर को मिली भगत करके एक ही सर्टिफिकेट में दोनों का जिक्र किया हुआ है जो के नियमों के बिल्कुल विपरीत है। इन सभी अनियमितताओं को लेकर निवेशकों ने वर्षों से डायरेक्टर लोकल बॉडीज तथा रेरा को बार-बार इसकी जांच करने के लिए शिकायतें दर्ज करवाई बार-बार शिकायतें करने के बाद रेरा द्वारा इस प्रोजेक्ट की जांच करने के लिए डायरेक्टर लोकल बॉडीज को पत्र लिखा इसके बाद डायरेक्टर लोकल बॉडीज द्वारा कार्यकारी अधिकारी को पत्र लिखकर इस प्रोजेक्ट की जांच करके रिपोर्ट भेजने के लिए आदेश दिए गए हैं। उसी पत्र के मिलने के बाद कार्यकारी अधिकारी नगर कौंसिल जीरकपुर द्वारा एक टीम का गठन किया गया जिसमें एटीपी सरबजीत सिंह, बिल्डिंग इंस्पेक्टर अजय बराड़ तथा फायर विभाग से जसवंत सिंह को लिया गया इस गठित टीम ने माया गार्डन मैग्नीशिया प्रोजेक्ट का दौरा किया। इस दौरान मौके पर पहुंचे हुए माया गार्डन मैग्नीशिया के निवेशकों ने टीम को प्रोजेक्ट की सभी कमियों संबंधी अवगत करवाया गया। इस जांच करने गई टीम द्वारा अपनी रिपोर्ट बनाकर कार्यकारी अधिकारी को दी जाएगी। इसके बाद नगर कौंसिल जीरकपुर के कार्यकारी अधिकारी इस रिपोर्ट को डायरेक्टर लोकल बॉडीज को भेजेंगे उसके बाद ही अगली कार्रवाई की जाएगी।

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बिल्डर द्वारा नहीं दिया जा रहा निवेश की गई रकम का मुनाफा :::

मैग बायर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अनुसार निवेश करते समय बिल्डर द्वारा निवेशकों को हर वर्ष उनके निवेश की गई रकम का 11% मुनाफा देने का भी वादा किया गया था जो के शुरू-शुरू में एक दो बार निवेशकों को दिया गया था। इसके बाद बिल्डर द्वारा निवेशकों का पैसा देना बंद कर दिया गया जिसके कारण निवेशकों में आक्रोश की लहर दौड़ गई।

 

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रजिस्ट्री करवाने के लिए बिल्डर द्वारा किया जा रहा है टालमटोल :::

बायर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अनुसार अब एक तरफ बिल्डर द्वारा पोजेशन लेने के लिए कहा जाता है और दूसरी तरफ रजिस्ट्री भी नहीं करवाई जा रही। निवेशकों का कहना है कि बिल्डर द्वारा पिछले 3 साल की मेंटेनेंस की मांग की जा रही है और कहां जा रहा है कि अगर आप पिछले 3 साल की मेंटेनेंस नहीं दोगे तो मैं रजिस्ट्री नहीं करवाऊंगा।

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आज की जांच के बाद निवेशकों को जागी इंसाफ की उम्मीद :::

निवेशकों द्वारा बार-बार शिकायत करने के बाद आज जब नगर कौंसिल तथा फायर विभाग की टीम माया गार्डन मैग्नीशिया प्रोजेक्ट में जांच करने के लिए पहुंची तो निवेशकों में उम्मीद जगी के अब उन्हें इंसाफ मिलेगा। जांच दौरान मौके पर पहुंचे हुए निवेशकों ने कहा के इस प्रोजेक्ट में बहुत सी कमियां है जैसे के प्रोजेक्ट में सीवरेज लीक कर रहा है पूरे प्रोजेक्ट में एक भी फायर एक्सटिंग्विशर नहीं लगा हुआ फायर सायरन बंद है पानी के हाइड्रेंट काम नहीं कर रहे मोटे लगी हुई है लेकिन उनको टैंक से नहीं जोड़ा गया फायर कंट्रोल रूम बेसमेंट में बना हुआ है जो के उपरी मंजिल में बना होना चाहिए डक खुले पड़े हैं लिफ्ट के पैनल टूटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि इतनी सारी कमियां होने के बावजूद नगर कौंसिल द्वारा इस प्रोजेक्ट को पास कैसे कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि बहुत से निवेशक परेशान होकर अदालत में चले गए हैं क्योंकि बार-बार यहां आना उनके लिए संभव नहीं है इस प्रोजेक्ट में कर्नाटक असम उत्तर प्रदेश बिहार आदि से लोगों ने अपने पैसे निवेश किए हुए हैं बिल्डर 3 वर्ष पहले भी मेंटेनेंस ले चुके हैं और आगे भी 3 वर्ष की और मेंटेनेंस मांग रहे हैं और कहते हैं कि अगर मेंटेनेंस नहीं दोगे तो आपकी रजिस्ट्री नहीं होगी और तो और नगर कौंसिल द्वारा जब इस प्रोजेक्ट को कंप्लीशन सर्टिफिकेट दिया गया था तो बिल्डर द्वारा उसे समय भी टैक्स नहीं जमा करवाया गया था जो के सरासर सरकार का वित्तीय नुकसान है। उन्होंने कहा कि टीम द्वारा अगर जांच की सही रिपोर्ट अधिकारियों को भेजी जाती है तो उन्हें जरूर इंसाफ मिलेगा। अब यह देखना है की जांच करने वाले अधिकारियों ने क्या रिपोर्ट बनाई है।

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बिल्डर ने नहीं उठाया फोन ::::

इस मामले संबंधी बरनाला बिल्डर के प्रोजेक्ट माया गार्डन मैग्नीशिया के बिल्डर सतीश जिंदल को फोन किया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।

कोट्स::::

माया गार्डन मैग्नीशिया एक कमर्शियल प्रोजेक्ट है और अप्रूव्ड प्रोजेक्ट है जिसकी पार्शियल कंप्लीशन भी हो चुकी है जो के 2021 में हुई थी उसके बाद कुछ मेंटेनेंस इश्यूज आए थे जो हमें लोगों द्वारा बताए गए थे उनका चेक करने के लिए बिल्डिंग ब्रांच की टीम भेजी गई थी। उनके साथ फायर विभाग के अधिकारी भी थे। अगर प्रोजेक्ट में कोई कमियां होगी उनकी लिस्ट टीम द्वारा हमें दी जाएगी। इसके बाद बिल्डर को वह कमियां दूर करने के लिए कुछ दिन का समय दिया जाएगा और सभी कर्मियों की लिस्ट उच्च अधिकारियों को भी भेजी जाएगी।

अशोक पथरिया, कार्यकारी अधिकारी नगर कौंसिल जीरकपुर।

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