आखिरकार केंद्र की दखल से निकला जल-विवाद सुलझा

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मिलेगा हरियाणा को 8 दिन अतिरिक्त पानी, बीबीएमबी को पंजाब के लिए भी आदेश दिए

चंडीगढ़, 3 मई। पंजाब और हरियाणा के बीच सतलुज यमुना लिंक नहर के विवाद लगातार तनाव बना था। दोनों सूबे जब अपनी शर्तों पर अड़ गए तो आखिरकार केंद्र सरकार को दखल देना ही पड़ गया। केंद्र ने जल विवाद का हल निकाल दिया है।

जानकारी के मुताबिक केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन की अध्यक्षता में दिल्ली में बैठक में केंद्र ने भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड  को उसके प्रस्ताव के अनुसार हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने को कहा। दरअसल बोर्ड द्वारा हरियाणा को नहरी पानी देने के मुद्दे पर शुक्रवार को सियासत गरमा गई थी। पंजाब सरकार ने साफ कर दिया था कि 21 मई से पहले वह हरियाणा को अतिरिक्त पानी नहीं देगा। वहीं, हरियाणा ने इसे अपना हक बताया।

इसके बाद केंद्र ने तत्काल बैठक बुलाकर मामले को सुलझा लिया। दिल्ली में केंद्रीय गृह सचिव की ओर से बुलाई बैठक में हरियाणा से मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी और गृह व वित्त सचिव सुमिता मिश्रा शामिल हुईं। हरियाणा ने मजबूती से पक्ष रखते हुए 8500 क्यूसेक पानी की मांग दोहराई। इसके पीछे तर्क दिया गया कि इस समय राज्य में पेयजल संकट चल रहा है। कपास की बिजाई का समय है। वहीं, केंद्र ने नंगल बांध में ताला लगाने और पुलिस का पहरा लगाने पर पंजाब के मुख्य सचिव के समक्ष आपत्ति जताई और तत्काल पुलिस का पहरा हटाने को कहा। भाखड़ा से हरियाणा को अभी 4000 क्यूसेक पानी दिया जा रहा है, वो 8500 क्यूसेक मांग रहा है।

हरियाणा सरकार ने इसी मुद्दे पर बाद सर्वदलीय बैठक हरियाणा निवास में बुलाई। इसमें भाजपा, कांग्रेस, इनेलो, आप, बसपा, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया और नेशनल पीपुल्स पार्टी के प्रदेश अध्यक्षों को बुलाया गए। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने यह भी कहा कि अगर पंजाब के लोगों को पीने के पानी की आवश्यकता पड़ती है तो हम ट्यूबवेल लगाकर अपनी जमीन का पानी निकालकर पंजाब के लोगों को पिलाने का काम करेंगे।

इधर, पंजाब सरकार ने पांच मई को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है। राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने इसकी मंजूरी दे दी है। इस विशेष सत्र में बीबीएमबी के समझौते, नियमों और अन्य पहलुओं में बदलाव को लेकर प्रस्ताव लाया जाएगा। सीएम भगवंत मान ने कहा कि शनिवार शाम को विशेष सत्र का एजेंडा सभी राजनीतिक दलों के साथ साझा किया जाएगा। सबको अपना पक्ष रखने को बोलने का पूरा समय मिलेगा। साथ ही निंदा की कि केंद्र के थोपे फैसले से पंजाब के जायज हक के मुताबिक पानी नहीं मिलेगा।

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