पंजाब की नदियों को प्रदूषणमुक्त बनाने के लिए जन आंदोलन की आवश्यकता पर जोर
राजनीति से ऊपर उठकर पंजाब का पानी बचाना होगा: संत सीचेवाल
लुधियाना, 02 फरवरी : पंजाब की सबसे प्रदूषित बुड्ढा दरिया की कार सेवा की पहली वर्षगांठ गुरुद्वारा गऊघाट में बड़े धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर राज्यसभा सदस्य और पर्यावरण प्रेमी संत बलवीर सिंह सीचेवाल ने बुड्ढा दरिया की पुनर्जीवित करने की दिशा में किए गए प्रयासों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि 2 फरवरी 2024 को कार सेवा के पहले चरण में दरिया के किनारे लगभग 11,000 पौधे लगाए गए थे, और दोनों तटों पर रास्ते बनाए गए थे।
संत सीचेवाल ने आगे कहा कि कार सेवा का दूसरा चरण 22 दिसंबर 2024 को गुरुद्वारा गऊघाट में अरदास के साथ शुरू किया गया। इस दौरान दरिया में अवैध सीवेज के निर्वहन को रोकने के लिए विशेष अभियान चलाया गया। उन्होंने यह भी बताया कि गुरुद्वारा गऊघाट के निकट वर्षों से लंबित पंपिंग स्टेशन को अस्थायी रूप से चालू कर दिया गया है, जिससे लगभग 60 एमएलडी गंदा पानी दरिया में जाने से रोका गया है। इसके अलावा, प्रदूषित डेयरियों से निकलने वाले गोबर को दरिया में डाले जाने पर रोक लगा दी गई है और गोबर के सही प्रबंधन के लिए कदम उठाए गए हैं।
संत सीचेवाल ने यह भी कहा कि बुड्ढा दरिया के किनारे बसे सात गांवों से गिरने वाले गंदे पानी को रोकने के लिए “सीचेवाल मॉडल” को लागू किया जा रहा है। उनका विश्वास है कि इस प्रयास से बुड्ढा दरिया में जल्द ही स्वच्छ जल प्रवाहित होगा और इससे लोगों में उम्मीद और विश्वास जगेगा।
इस अवसर पर संत बलवीर सिंह सीचेवाल ने 2 फरवरी को विश्व जलगाह दिवस के रूप में मनाने की महत्ता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि जल स्रोतों को बचाना आज के समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है, क्योंकि यह पृथ्वी के पर्यावरणीय संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और इनका अस्तित्व अब खतरे में है।
संत सीचेवाल ने बुड्ढा दरिया को “पवित्र दरिया” के रूप में पहचानते हुए कहा कि यह दरिया श्री गुरु नानक देव जी के चरणों से पवित्र है। उन्होंने आगे कहा कि गुरु साहिब ने हमें पर्यावरण की रक्षा, पानी, हवा और धरती को बचाने की सीख दी थी। संत सीचेवाल ने यह भी चिंता व्यक्त की कि बुड्ढा दरिया का नाम बदलकर ‘नाला’ कर दिया गया है, जो एक बहुत बड़ी त्रासदी है। उन्होंने इसका नाम फिर से बुड्ढा दरिया रखने की आवश्यकता जताई और इसे स्वच्छ बनाने के लिए हर संभव कदम उठाने का वादा किया।
संत सीचेवाल ने कहा कि बुड्ढा दरिया के किनारे स्नान घाट बनाए जा रहे हैं और उन्होंने पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और लुधियाना नगर निगम के अधिकारियों से अपील की कि वे दरिया में गंदे और जहरीले पानी को डालने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें।
इस कार्यक्रम में संत सुखजीत सिंह, संत कुलवंत सिंह, संत सुखविंदर सिंह, गुरुद्वारा गऊघाट के प्रबंधक लखवीर सिंह, एडवोकेट सुरेश शर्मा, बलबीर सिंह विर्क, हरभजन सिंह काहलोन, जसविंदर सिंह काला, सुरजीत सिंह शंटी, नेक सिंह (पूर्व अध्यक्ष), बीबी मिन्हास और अन्य स्थानीय कारसेवक मौजूद थे।
संत सीचेवाल ने इस अवसर पर सभी से अपील की कि वे राजनीतिक भेदभाव से ऊपर उठकर पंजाब की नदियों और जल स्रोतों की रक्षा के लिए एक जन आंदोलन की शुरुआत करें, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी शुद्ध जल का लाभ उठा सकें।