मांगे गए बजट को किया केंद्र ने खारिज, एमपी तिवारी ने जताया रोष
चंडीगढ़ 2 फरवरी। सिटी ब्यूटीफुल को अब तक का सबसे बड़ा बजट मिला। केंद्र सरकार ने चंडीगढ़ की झोली में 6983.18 करोड़ रुपये डाले हैं। इसमें रेवेन्यू हेड में 6185.18 करोड़ और कैपिटल हेड में 798 करोड़ रुपये मिले हैं। चंडीगढ़ प्रशासन ने इस बार अब तक के सबसे बड़े बजट 7950 करोड़ की मांग की थी। यह पिछले साल के बजट से 1,436.38 करोड़ रुपये ज्यादा था। हालांकि, 966.85 करोड़ पर केंद्र ने कैंची चला दी है लेकिन पिछले साल से 469.56 करोड़ रुपये ज्यादा मिले हैं।
प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि बड़े बजट की मांग इसलिए की गई थी, ताकि कुछ रुकी हुई परियोजनाओं और गांवों के विकास को गति दी जा सके। अतिरिक्त पैसा नगर निगम के लिए भी मांगा गया था। हालांकि, शनिवार को घोषित बजट में मांग अनुसार बजट चंडीगढ़ को नहीं मिला है। पिछले साल चंडीगढ़ को 6513.62 करोड़ रुपये मिले थे। इस बार 6983.18 करोड़ मिले हैं। यह 7.21 फीसदी की बढ़ोतरी है। प्रशासन को पिछले साल के मुकाबले रेवेन्यू हेड में 326.56 करोड़ और कैपिटल हेड में 143 करोड़ रुपये ज्यादा मिले हैं। रेवेन्यू हेड यानी वेतन, भत्ते व अन्य खर्चों के लिए प्रशासन को राशि मिलती है, जबकि कैपिटल हेड में मिलने वाले पैसों का इस्तेमाल विकास कार्यों के लिए किया जाता है।
चंडीगढ़ के सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्रीय बजट में चंडीगढ़ के लिए कुछ भी नहीं है। वित्त वर्ष 2024-25 में कुल व्यय 5838.66 करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2025-2026 में 6187.48 करोड़ हो गया है, जो मुश्किल से मुद्रास्फीति को कवर करता है। वार्षिक मुद्रास्फीति 5.22 फीसदी है। वास्तव में पूरे उत्तरी क्षेत्र जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ को केंद्रीय बजट में कोई स्थान नहीं मिला है। पंजाब और हरियाणा की सीमाओं पर वर्षों से बैठे आंदोलनकारी किसानों के लिए कुछ भी नहीं है।
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