बीजेपी नेताओं ने जीपीओ पर किया धरना प्रर्दशन
जनहितैषी, 20 अप्रैल, लखनउ। समाजवादी पार्टी के पोस्टर एवं होर्डिंग में बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी चित्र से आधा चेहरा हटाकर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का चेहरा जोड़ने से आक्रोशित भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को समाजवादी पार्टी द्वारा किए गए बाबा साहब डॉ. भीमराव आम्बेडकर के अपमान के विरोध में पूरे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन किया। राजधानी लखनऊ में अटल चौक, हजरतगंज स्थित बाबा साहब डॉ. भीमराव आम्बेडकर जी की प्रतिमा के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन में राज्यमंत्री विजय लक्ष्मी गौतम, प्रदेश महामंत्री गोविन्द नारायण शुक्ला, राज्यसभा सांसद बृजलाल, सदस्य विधान परिषद लाल जी निर्मल, मुकेश शर्मा, लखनऊ महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी व जिला अध्यक्ष विजय मौर्या सहित बड़ी संख्या में पार्टी पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि व कार्यकर्ता उपस्थित रहे। प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर कार्यकर्ताओ ने अनुसूचित मोर्चा के नेतृत्व में बाबा साहब डॉ. भीमराव आम्बेडकर जी की प्रतिमा के समक्ष विरोध प्रदर्शन कर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव द्वारा किए गए बाबा साहब के अपमान के विरोध में प्रदर्शन किया।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने कहा कि भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव आम्बेडकर ने शिक्षा, समानता और संवैधानिक मूल्यों के लिए जीवनभर संघर्ष किया। लेकिन अपने पूरे जीवन में सिर्फ परिवारवाद की राजनीति करने वाले सपा प्रमुख अखिलेश यादव बाबा साहब के बराबर खड़े होने का दुस्साहस कर रहे है। उन्होंने कहा सपा की होर्डिंगों और पोस्टरों में बाबा साहब डॉ. भीमराव आम्बेडकर की आधी तस्वीर काटकर उसमें अखिलेश यादव का चित्र जोड़ना बाबा साहब का अपमान है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि क्या समाजवादी पार्टी और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को यह नही पता कि संविधान शिल्पी बाबा साहब डॉ. भीमराव आम्बेडकर न किसी जाति के थे, ना किसी पार्टी के? वे विचारधारा थे। सपा प्रमुख अखिलेश यादव को उनके समक्ष प्रस्तुत करना सीेधे तौर पर दलितों, वंचितों के संघर्ष का अपमान है। उन्होंने कहा कि बाबा साहब का पूरा जीवन समाजिक न्याय और अधिकारों की लड़ाई में बीता जबकि अखिलेश यादव का पूरी राजनीति अपने पिता द्वारा दी गई कुर्सी बचाने में लगी रही। परिवारवाद का सबसे बडे़ उदाहरण समाजवादी पार्टी ने क्या कभी किसी दलित नेता को मुख्यमंत्री बनाया? क्या किसी को समाजवादी पार्टी ने संगठन का शीर्ष नेतृत्व सौंपा?