चंडीगढ़ 29 अप्रैल। पंजाब की आम आदमी पार्टी (आप) ने हरियाणा की नायब सैनी सरकार को बड़ा झटका दिया है। हरियाणा को मिलने वाले साढ़े हजार क्यूसिक पानी को घटाकर 4000 क्यूसिक कर दियसा है। पंजाब सरकार के इस फैसले से हरियाणा के लोगों को पानी की किल्लत हो सकती है। करीब 15 दिन पहले पंजाब की भगवंत मान सरकार ने हरियाणा को भाखड़ा नहर से मिलने वाले पानी में ये कटौती की है। अब हरियाणा में सिंचाई और पेयजल को लेकर परेशानी बढ़ सकती है। 20 मई पानी की कमी प्रदेश में दिखाई देने लगेगी।
हिसार सहित पांच जिले होंगे ज्यादा प्रभावित
पंजाब सरकार के इस फैसले से प्रदेश के पांच जिलों में पानी की ज्यादा परेशानी होने की संभावना है। इनमें हिसार, फतेहाबाद, सिरसा, रोहतक, महेंद्रगढ़ शामिल हैं। इन जिलों के अलावा भी दूसरे कई जिलों मे पानी की किल्लत हो सकती है। लोगो को पीने का पानी और किसानो की फसलों के लिए पानी मे किल्लत आ सकती है।
सीएम सैनी ने पंजाब मुख्यमंत्री से बात की
पंजाब सरकार के इस फैसले पर हरियाणा सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई है। इसको लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पंजाब के सीएम भगवंत मान से बात की है। सूत्रों का कहना है कि हरियाणा सीएम ने मान से कहा है कि यह उनका फैसला उचित नहीं है। जल्द ही उन्हें हरियाणा को शर्तों के हिसाब से पूरा नौ हजार क्यूसिक पानी देना होगा।
सिंचाई और पीने के लिए पंजाब देता है पानी
पंजाब, भाखड़ा नहर का पानी हरियाणा को मुख्य रूप से सिंचाई और पेयजल के लिए उपलब्ध कराता है। भाखड़ा नांगल परियोजना, जो सतलज नदी पर बनी है, से पानी का एक महत्वपूर्ण स्रोत है जो पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के क्षेत्रों को सिंचाई और पेयजल प्रदान करता है। इस नहरी पानी से पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में लाखों एकड़ भूमि की सिंचाई होती है। इस नहर का पानी शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है, खासकर जहां पानी की कमी होती है।