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चंडीगढ़ में बिजली महकमे के निजीकरण का विरोध, 160 कर्मचारियों ने लिया वीआरएस

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बड़ा खतरा : निजी कंपनी में चले गए 860 कर्मचारी

चंडीगढ़ 1 फरवरी। सिटी ब्यूटीफुल में बिजली अब प्राइवेट हो गई है। बिजली वितरण का जिम्मा एमिनेंट इलेक्ट्रिसिटी के हाथों में आ गया है।
जानकारी के मुताबिक चंडीगढ़ प्रशासन, ईईडीएल और चंडीगढ़ पावर डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड के बीच शेयर खरीद समझौता पूरा हो गया है। वहीं निजीकरण के विरोध में 160 सरकारी कर्मचारियों ने एक साथ वीआरएस ले ली। स्थिति संभालने के लिए पंजाब-हरियाणा से बुलाए कर्मचारियों ने भी आने से इन्कार कर दिया। सुरक्षा के मद्देनजर बिजली सब-स्टेशनों के पास फायर टेंडर तैनात किए गए हैं। चंडीगढ़ प्रशासन, एमिनेंट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड और चंडीगढ़ पावर डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड के बीच शेयर खरीद समझौता हो गया है।
बताते हैं कि आरपी-संजीव गोयनका समूह ने अपनी सहायक कंपनी ईईडीएल के माध्यम से आधिकारिक तौर पर यूटी के बिजली विभाग को अपने हाथों में ले लिया है। शनिवार से बिजली विभाग के 860 कर्मचारी निजी कंपनी के कर्मचारी हो गए हैं। जबकि इसके विरोध में 160 कर्मचारियों ने वीआरएस ले लिया है। इसमें लाइनमैंन, जेई समेत कई कैटेगरी के मुलाजिम शामिल हैं।
प्रशासन ने 68 कर्मचारी अपने पास रखे हैं, जिनमें 22 दिव्यांग हैं। हस्तांतरित की जाने वाली संपत्तियों में 16 सब-डिवीजन कार्यालय, चार डिवीजन कार्यालय, एक सर्कल कार्यालय और एक नियंत्रण कक्ष शामिल हैं। विभाग का कार्यभार संभालने के बाद कंपनी बिजली बिल जारी करेगी और सभी हेल्पलाइन नंबरों का प्रबंधन करेगी। प्रशासन की तरफ से बताया गया कि ईईडीएल ने कर्मचारी सेवा शर्तों और पेंशन की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए, आरक्षित मूल्य से कहीं ज्यादा 871 करोड़ रुपये का निवेश किया है। बता दें कि प्रशासन ने विभाग की पूरी जमीन एक लाख रुपये की लीज पर दी है।
एमिनेंट इलेक्ट्रिसिटी पिछले कई महीनों से बिजली विभाग के कार्यों को देख रही है और अपनी तैयारी कर रही थी। उन्होंने सभी सब-डिवीजन कार्यालयों का दौरा किया। हेल्पलाइन सेंटर भी गए और कर्मचारियों से बात की है। बिजली की शिकायतों के लिए कंपनी अब नए हेल्पलाइन नंबर जारी करेगी। सेक्टर-34 में एक ऑफिस भी बनाया जा रहा है। इसके अलावा, एक ऑनलाइन शिकायत निवारण प्रणाली भी लांच की जाएगी। हालांकि, यह संशय बना हुआ है कि वर्तमान में हेल्पलाइन सेंटरों पर काम करने वाले आउटसोर्स कर्मचारियों का क्या होगा, क्या उन्हें दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा या नहीं।
बिजली विभाग को खरीदने के लिए एमिनेंट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड ने 871 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। जिसे मई 2022 में केंद्रीय कैबिनेट ने आखिरी मंजूरी दी थी। प्रशासन ने पांच साल पहले निजीकरण की प्रक्रिया शुरू की थी। विभाग को खरीदने की दौड़ में कुल सात कंपनियां थीं। इनमें एमिनेंट के अलावा अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड, टाटा पावर, टोरेंट पावर, स्टरलाइट पावर, रिन्यू विंड एनर्जी और एनटीपीसी इलेक्ट्रिक सप्लाई कंपनी लिमिटेड शामिल थीं।
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