चर्चाएं, निगम के विवादित एसई कंवर के बाद क्या यह ‘बड़े-साहब’ भी विजिलेंस के रडार पर ?

लुधियाना/यूटर्न/27 अप्रैल। प्रशासनिक अधिकारियों के लिए पंजाब में लुधियाना महानगर पहली पसंद माना जाता है, इस राज की पर्ते अकसर खुलती रहती हैं। गत दिनों ही यहां नगर निगम के एक विवादित अफसर को दस परसेंट कमीशन कांड का मुख्य सूत्रधार होने के आरोप में विजिलेंस ब्यूरो ने गिरफ्तार कर लिया था। इस दस कमीशन की बंदरबांट में दरअसल आरोपी अफसर द्वारा अपनी पत्नी को बेशकीमती मर्सडीज कार गिफ्ट की गई थी। जबकि कई अन्य अफसरों को भी कारों के तोहफे मिलने की चर्चाएं जोरों पर थीं। फिलहाल विजिलेंस जांच में एक कार भी बरामद हो चुकी है। जबकि आगे तफ्तीश जारी होने की वजह से कई अफसरों की नींद उड़ी हुई बताई जाती है।
अब ‘बड़े साहब’ ने पत्नी को गिफ्ट की बेशकीमती कोठी !
चर्चाओं पर भरोसा करें तो अब लुधियाना से ट्रांसफर हुए एक आला प्रशासनिक अधिकारी ने चंडीगढ़ में बेशकीमती कोठी खरीदी है। ट्राई-सिटी की प्राइम लोकेशन पर यह कोठी करीब सात-आठ कनाल में बनी बताई जाती है। चर्चा यह भी है कि इन बड़े-साहब ने भी अपनी पत्नी के लिए तोहफे के तौर पर इसको खरीदा है। जो यहां अपनी पोस्टिंग रहते हुए कलैक्शन करने के लिए मशहूर रहे हैं।
क्या बड़े साहब की भी जांच होगी ?
शहर से लेकर पंजाब भर में चर्चा है कि करप्शन खत्म करने के नाम पर भी आम आदमी पार्टी ने सूबे में सत्ता हासिल की थी। जब कई अफसरों पर करप्शन के आरोप लगे तो पंजाब की आप सरकार ने सख्त रवैया अपना शुरु किया। नतीजतन लुधियाना में नगर निगम के विवादित एसई संजय कंवर पर विजिलेंस ब्यूरो ने शिकंजा कसते हुए बड़ी कार्रवाई की। अब ऐसे में लोग चर्चा कर रहे हैं कि चंडीगढ़ में बेशकीमती कोठी खरीदने वाले चर्चित बड़े अफसर के मामले में भी क्या विजिलेंस ब्यूरो की जांच शुरु होगी।
लुधियाना में क्यों पोस्टिंग चाहते हैं अफसर ?
इस मुद्दे पर भी लोग चर्चाएं करते हैं कि आखिर तमाम प्रशासनिक अधिकारी लुधियाना में ही पोस्टिंग क्यों चाहते हैं। उनकी मानें तो यहां किसी भी सरकारी महकमे में मलाईदार पोस्ट पर रहने वाले कई अफसर मालामाल होकर चर्चाओं में आए। ऐसे कई अफसर विजिलेंस और अन्य जांच एजेंसियों के रडार पर आने के बाद कानूनी-शिकंजे में भी फंसे।
कई डीसी, सीपी बदले सरकार ने :
आप सरकार के इस कार्यकाल के दौरान लुधियाना के कई डिप्टी कमिश्नर, पुलिस कमिश्नर के अलावा नगर निगम कमिशनर को बदला गया। हालांकि इन तबादलों को रुटीन मैटर बताया गया। जबकि चर्चा यही है कि करप्शन पर लगाम कस पाने में नाकामी की शिकायतों के बाद सरकार ने इन अफसरों को बदला। इसे संयोग कहें या चर्चाओं की तस्दीक मानें कि जिन अफसरों को बदला गया, उनमें से कई के महकमों या संबंधित उप विभागों में अफसर-मुलाजिम करप्शन के मामलों में फंसे।
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