लुधियाना 30 जनवरी : राज्य के फूड कमिश्नर डॉक्टर अभिनव त्रिखा ने निरंतर मिल रही मिलावट खोरी की शिकायतों के मध्य नजर 1 वर्ष के लिए निषेधज्ञा जारी की है फूड सेफ्टी एक्ट 2006 के तहत जारी किए गए निर्देशों के तहत निम्नलिखित मामलों में उल्लंघन करने पर फूड सेफ्टी एक्ट के तहत कड़ी कानूनी कार्रवाई की जा सकती है इसके लिए सभी जिलों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं
*जैसे दूध में पानी मिलाना।
*घी में दूध की वसा के बिना किसी अन्य प्रकार का तेल मिलाना।
*25% से कम दूध वसा वाली दूध क्रीम।
* दो से अधिक तेलों को मिलाकर बनाए गए तेल को खाद्य तेल के रूप में बेचना।
*कॉफी पाउंडर में चिकोरी के अलावा कोई अन्य पदार्थ मिलाकर बेचना।
*हल्दी में कोई बाहरी पदार्थ मिलाना।
*उबला हुआ पाश्चुरीकृत/स्टरलाइज़्ड दूध के बिना बनाया गया दही।
* रिफाइंड तेल में घी या कोई अन्य पदार्थ मिलाना।
*स्किम्ड दूध (बिना वसा) को दूध के रूप में बेचना।
उल्लेखनीय है कि उपरोक्त मामलों में विभाग को निरंतर शिकायतें मिल रही थी और उपरोक्त वस्तुओं में मिलावट खोरी करना एक प्रेक्टिस बनता जा रहा था जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अमरजीत कौर ने बताया कि अब दूध के अलावा खाद्य तेलों में भी मिलावट खोरी पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी इसके लिए उन्हें फूड कमिश्नर कार्यालय से कड़े निर्देश प्राप्त हुए हैं मिलावटखोरों को किसी भी कीमत पर बक्शा नहीं जाएगा
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पनीर के 13, दूध के आठ, घी के 6 सैंपल हुए फेल
स्वास्थ्य विभाग की फूड विंग की टीम ने पिछले 5 महीना में पनीर के लगभग 33 सैंपल लेकर जांच के लिए भेजें उनमें से 20 सैंपल पास हुए जबकि 13 सैंपल जांच में फूल्स फेल सिद्ध हुए इसी तरह विभिन्न स्थानों से घी के 20 सैंपल लेकर जांच के लिए भेजेंगे इनमें 14 सैंपल ही पास हुए जबकि 6 सैंपल फेल हो गए किसी तरह दूध के 10 सैंपल लिए गए जिनमें से दो सैंपल ही पास हुए जबकि आठ सैंपल जांच में फेल हो गए डॉ अमरजीत कौर ने बताया कि यह सैंपल सितंबर 2024 से 20 जनवरी 2025 तक लिए गए हैं जिन लोगों के सैंपल जांच में फेल हुए हैं उन पर फूड सेफ्टी एक्ट के तहत कार्रवाई शुरू कर दी गई है उन्होंने कहा कि भविष्य में भी खाने पीने की वस्तुओं की जांच का काम जारी रहेगा इस कार्य में फूड सेफ्टी अफसरो की टीम में जितेंद्र विर्क, हरसिमरन कौर, दिव्यजोत कौर तथा योगेश गोयल शामिल थे