अमेरिका की शिकागो यूनिवर्सिटी एक फरवरी को देगी डॉ.बैंबी को यह सम्मान
लुधियाना 28 जनवरी। निकल, सिल्वर और गोल्ड प्लेटिंग में माहरथ हासिल करने वाले बिक्रमजीत बैंबी इंडस्ट्रियल सिटी लुधियाना से ताल्लुक रखते हैं। अब उनको अमेरिका की शिकागो यूनिवर्सिटी ऑनरेरी डॉक्ट्रेट इन इलैक्ट्रोप्लेटिंग अवॉर्ड से नवाजेगी। उनको यह सम्मान यूनिवर्सिटी की नोएडा-यूपी स्थित बॉच में दिया जाएगा।
अपनी सफलता की यात्रा के बारे में डॉ.बैंबी ने बताया कि उनका जन्म 8 मई, 1950 को हुआ था। वह लुधियाना के सराभा नगर इलाके के रहने वाले हैं। साल1972 में पंजाब यूनिवर्सिटी से बीएससी करने के बाद, मेटल फिनिशिंग में उच्च अध्ययन के लिए यूके गए। वहां प्रतिष्ठित इंस्टीट्यूट ऑफ मेटल फिनिशिंग की फेलोशिप प्राप्त की। फिर यूके इंग्लैंड में व्यावहारिक कार्य का समृद्ध अनुभव प्राप्त किया। बकौल बैंबी आईएमएफ से मिला शिक्षा और इंग्लैंड से मेटल फिनिशिंग में औद्योगिक अनुभव भारत में उद्योग में मेरी अभूतपूर्व सफलता की कुंजी रही। मैटल फिनिशिंग और इसके प्रदूषण नियंत्रण के क्षेत्र में नवीनतम विकास के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए मैंने यूके और जर्मनी में सलाहकारों को नियुक्त किया।
वर्ष 1974 में एचजी इलेक्ट्रोप्लेटर्स लिमिटेड लंदन में एक साल तक काम बैंबी ने काम किया। दुनिया के शीर्ष ब्रांडों पर विभिन्न प्रकार की धातु रंगाई प्रक्रियाएं कीं। इसके बाद वर्ष 1976 में भारत लौटने के बाद एवन साइकिल लिमिटेड में प्लेटिंग और पेंट प्लांट हेड के रूप में अपनी सेवाएं दी। फिर 1977 से आज तक राष्ट्रीय उद्योगों के प्रबंध निदेशक और संस्थापक भागीदार के तौर पर सेवाएं दे रहे हैं।वह बताते हैं कि 1977 में इलेक्ट्रोप्लेटिंग जॉब वर्क के लिए अपनी खुद की कंपनी शुरू की। बाद में, ऑटो के निर्माण में प्रवेश किया पार्ट्स, मालिकाना चढ़ाना रसायन का निर्माण किया। तब से लेकर अब तक मेटल क्लीनर, निकेल और जिंक ब्राइटनर, इलेक्ट्रोलेस निकेल, प्रदूषण नियंत्रण उपकरण जैसे विशेष रसायनों में बहुत सारे अनुसंधान और विकास कार्य किए, जो एक आयात विकल्प साबित हुए। इसके अलावा, भारत में पहली बार अर्ध-कीमती धातुओं को पुनर्प्राप्त करने और अपशिष्ट अपशिष्ट से इनका पुनर्चक्रण करने के लिए, घरेलू उपयोग के लिए और बाद में बाजार में बिक्री के लिए निकेल और क्रोम रिकवरी सिस्टम विकसित किया गया।डॉ.बैंबी के मुताबिक इसके अलावा उन्होंने कारोबारी नवनीत जैरथ के मसाथ मिलकक नेशनल इंडस्ट्रीज शुरु की। जिसका मौजूदा कारोबार 140 करोड़ रुपये है। इसमें 1000 से अधिक लोगों को रोजगार मिला है। इसके 10 से ज्यादा प्लांट देशभर में है। डॉ.बैंबी के मुताबिक उन्होंने इलैक्ट्रोप्लेटिंग के जरिए इंडस्ट्री में सबसे बड़ा क्रांतिकारी प्रयास जल प्रदूषण को कम करने का किया। जिसे पंजाब पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने भी मान्यता दी। इसके साथ ही एक और खासियत, पहले इलैक्ट्रोप्लेटिंग के लिए कैमिकल इंपोर्ट किए जाते थे। डॉ.बैंबी के प्रयास से अब वही कैमिकल यहां तैयार होने लगे हैं।
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