अजीब मामला : चंडीगढ़ पुलिस का कांस्टेबल ब्याज पर पैसा देकर मुसीबत में फंसा

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बदले में लिया चैक बाउंस होने पर कांस्टेबल ने किया केस, कोर्ट ने पूछा-कहां से आए 17 लाख, डीजीपी कराएं जांच

चंडीगढ़, 24 अप्रैल। ट्राई-सिटी में  पुलिस का एक कॉन्स्टेबल खुद ही अपने चैक बाउंस केस के चलते अजीब मुसीबत में फंस गया। लाखों रुपये ब्याज पर देकर चैक बाउंस होने के मामले में उसने केस किया तो अदालत ने उल्टे उसके ही खिलाफ जांच का आदेश जारी कर दिए।

जानकारी के मुताबिक धनास पुलिस काम्पलेक्स निवासी कॉन्स्टेबल नरेंद्र कुमार ने रोपड़ निवासी किशोर कुमार के खिलाफ 6 लाख के चैक बाउंस का केस फाइल किया था। हालांकि कोर्ट में यह मामला झूठा निकला और आरोपी को बरी कर दिया गया। चंडीगढ़ कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि कॉन्स्टेबल के पास 17 लाख रुपए कहां से आए, इसकी जांच होनी चाहिए। जज ने चंडीगढ़ के डीजीपी और एसएसपी को निर्देश दिए कि इस मामले की जांच करें।

बताते हैं कि कोर्ट में खुलासा हुआ कि कॉन्स्टेबल नरेंद्र लोगों को ब्याज पर पैसे देता है। उसने किशोर कुमार को कथित तौर पर 17 लाख रुपए उधार दिए थे। जब किशोर ने चैक के जरिए पैसे लौटाए तो एक चैक बाउंस हो गया। कॉन्स्टेबल ने उसी आधार पर केस दर्ज करा दिया, लेकिन कोर्ट में सबूत नहीं टिके। नरेंद्र ने अदालत में जो तर्क दिए, उनमें वह खुद फंस गया।

बचाव पक्ष के वकीलों ने कोर्ट में दलील दी कि नरेंद्र ने 6 प्रतिशत ब्याज दर से उधार दिया था और बदले में खाली चैक पर साइन कराए थे। किशोर ने उधार लिए 5 लाख रुपए समय पर लौटाए थे, लेकिन नरेंद्र ने उसका चैक नहीं वापिस किया या और गलत तरीके से इस्तेमाल कर केस दर्ज करा दिया।

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