पुलिस ने प्रदर्शनकारी मुलाजिम किए अरेस्ट, कांग्रेस और शिअद ने मान सरकार को घेरा, गर्माया सियासी-माहौल
लुधियाना, 22 अप्रैल। महानगर में लुधियाना वैस्ट हल्के में ही लगते पंजाब कृषि विश्वविद्यालय में मंगलवार को बड़ा हंगामा हो गया। यहां सूबे की सत्ताधारी पार्टी के एक नेता से विवाद के मामले में पीएयू कर्मचारी को निलंबित करने के बाद मुलाजिम संगठनों ने वाइस चांसलर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया।
जानकारी के मुताबिक मामला इतना बढ़ गया कि पुलिस को करीब 18 कर्मचारियों को हिरासत में लेना पड़ा। सूत्रों की मानें तो एक कर्मचारी और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता के बीच कोई संवेदनशील विवाद हो गया था। जिसके बाद आप के एक वरिष्ठ नेता ने पीएयू के वाइस चांसलर से इसकी शिकायत की। बताते हैं कि इसके बाद वीसी ने कर्मचारी को निलंबित कर दिया।
भड़के मुलाजिमों ने मान सरकार को कोसा :
प्रदर्शन में शामिल भड़के मुलाजिमों ने पंजाब की मान सरकार पर भड़ास निकालते इलजाम लगाया कि पंजाब लोकतंत्र का मजाक बना दिया है। आज हम सभी कर्मचारी शांति से प्रदर्शन करने के लिए आए थे। वहीं, आज सरकार ने हमारे कर्मचारी भाइयों के साथ धक्का किया। हम पुलिस को सिर्फ आग्रह करने आए थे कि मामले में हमारी आवाज उच्च अधिकारियों तक पहुंचाई जाए। प्रदर्शन करना हमारा अधिकार है, हम शांति से प्रदर्शन कर रहे थे, मगर सरकार हमारा हक भी हमसे छीन रही है।
आशु भी कर्मचारियों के हक में उतरे :
लुधियाना वैस्ट से उप-चुनाव में कांग्रेसी उम्मीदवार व पंजाब के पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु भी कर्मचारियों के हक में उतर आए। उन्होंने कहा कि अराजक विरोध प्रदर्शनों से जन्मी आम आदमी पार्टी अपने हाथों पीड़ित लोगों को लोकतांत्रिक विरोध प्रदर्शन भी नहीं करने दे रही है। आप पंजाब सरकार ने गैर-शिक्षण कर्मचारियों के विरोध को कुचलने के लिए पीएयू को एक गढ़ में बदल दिया है। मैं पुलिस की मनमानी की कड़ी निंदा करता हूं, लेकिन मैं प्रदर्शनकारी कर्मचारियों के साथ खड़ा हूं। यह सीधेतौर पर लोकतंत्र की हत्या है।
घुम्मन भी आप पर बरसे :
लुधियाना वैस्ट से ही शिरोमणि अकाली दल-बादल के उम्मीदवार परउपकार सिंह घुम्मन ने भी इस मामले में पंजाब की आप सरकार को जमकर घेरा। उन्होंने रोष जताते सवाल किया कि खुद आंदोलन से पैदा होने वाले आम आदमी पार्टी अब आंदोलनों को ही क्यों कुचल रही है। यह सीधेतौर पर जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों पर आपातकाल लागू करने जैसा घातक कदम है।
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