तस्वीर के दो पहलू : चंडीगढ़ में हेल्थ- शिक्षा पर खर्च होंगे 150 करोड़, 80 बैड का अस्पताल, स्कूल-हॉस्टल बनेंगे

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चंडीगढ़ निगम की खस्ताहालत, केंद्र से 200 करोड़ मिलने पर भी दूर नहीं होगी कंगाली, 50 करोड़ की देनदारी

चंडीगढ़, 21 अप्रैल। सिटी ब्यूटीफुल में आर्थिक-हालात चिंताजनक बने हैं। ऐसे में सेहत, शिक्षा और खेलों के क्षेत्र में बुनियादी ढांचा मजबूत करने को चंडीगढ़ प्रशासन ने इस वर्ष अहम कदम उठाए हैं। प्रशासन ने मौजूदा वित्तीय वर्ष में इन तीनों क्षेत्रों के लिए कुल 150 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया है।

जानकारी के मुताबिक धनास में 80 करोड़ रुपए की लागत से 80 बैड का नया अस्पताल बनेगा। वहीं चार नए सरकारी स्कूल और चार हॉस्टल्स का निर्माण होना है। शहर के बाहरी व घनी आबादी वाले इलाकों में शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने को धनास, मलोया, मनीमाजरा और सैक्टर 41 में नए स्कूल बनेंगे। इसके अलावा पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज, चंडीगढ़ कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी और अन्य संस्थानों में लड़कों के लिए नए हॉस्टल बनेंगे।

जबकि सैक्टर-18 में हॉकी के पुराने ग्राउंड पर सिंथेटिक टर्फ बिछेगा। यह शहर का दूसरा सिंथेटिक ग्राउंड होगा, पहला ग्राउंड सैक्टर-42 में है। अर्बन प्लानिंग डिपार्टमेंट से इन सभी प्रोजेक्ट्स की मंजूरी ली जा चुकी है। वहीं धनास, मलोया, सारंगपुर और डड्डूमाजरा जैसे इलाकों की बढ़ती आबादी के मद्देनजर प्रशासन ने वहां नए अस्पताल बनवाएगा किया है।

नगर निगम ने केंद्र से मांगा बजट :

चंडीगढ़ नगर निगम के लिए मेयर हरप्रीत कौर बबला और अधिकारियों ने केंद्र सरकार से 200 करोड़ रुपये का बजट मांगा है। इसको लिए पिछले दो महीने से प्रयास चल रहा है। यहां तक की इसके लिए मेयर देश के गृहमंत्री अमित शाह से भी गुहार लगा चुकी हैं। अब बजट मिलने में परेशानी और विकास कार्य ठीक से ना होने से नाराज मेयर समेत भाजपा के सभी पार्षदों ने इस्तीफे की चेतावनी दे डाली है। हालांकि अगर यह बजट आ भी जाता है तो नगर निगम का वित्तीय संकट समाप्त नहीं होगा। आते ही करीब 150 करोड़ रुपये खर्च हो जाएंगे। इसमें 35 करोड़ रुपये का भुगतान तो ठेकेदारों का है। उसके अलावा पेंशन मद से पैसा निकाला गया था और कर्मचारियों के बाकी मद का पैसा भी नहीं गया है।

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