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सिरसा में इलाज के दौरान बच्चे की मौत, दो आरोपी डॉक्टरों पर केस दर्ज

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इलाज में लापरवाही बरतने के आरोप लगाए बच्चे के परिजनों ने डाक्टरों

सिरसा 24 जनवरी। यहां एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज के दौरान चार साल के मासूम बच्चे की मौत हो गई। बच्चे के परिजनों ने डॉक्टर पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। इसके बाद बच्चे का नागरिक अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया गया।

जानकारी के मुताबिक पुलिस ने बच्चे के पिता की शिकायत के आधार पर खुराना अस्पताल के संचालक डॉ.आशीष खुराना व जिंदल अस्पताल हिसार के सर्जन डॉ.गौरव पराशर के खिलाफ सिविल लाइन थाने में केस दर्ज कर लिया है। बच्चे का परिवार मूलरूप से रोहतक का निवासी है। फिलहाल परिवार रानियां क्षेत्र के जीवननगर कस्बे में रहता है। बच्चे के पिता बलजीत सिंह ने बताया कि उन्होंने अपने चार साल के बेटे वैदिक कुमार का हाइपोस्पेडियस का इलाज खुराना अस्पताल में करवाया था। जिंदल अस्पताल हिसार से सर्जन डॉ.गौरव पराशर को बुलाया था।

उनका आरोप है कि पूरे इलाज के दौरान लापरवाही बरतने से बेटे की मौत हो गई। जबसे उन्होंने ऑपरेट किया था, तब से सूजन व दर्द कंट्रोल नहीं हो पा रहा था। जिसकी वजह से बेटा ना सही से खा पा रहा था और ना ही सही से सो पा रहा था। अंदरूनी रूप से वह बहुत कमजोर हो गया था। जब भी नली डाली तो बच्चे को दर्द होता था। इसी कारण उन्होंने अपना बच्चा खो दिया।

मेरे अस्पताल में लाए तब बच्चा मृत था : खुराना अस्पताल के संचालक डॉ.आशीष खुराना का कहना है कि शुक्रवार सुबह पौने चार बजे बच्चे को लेकर आए थे। बच्चे को जब लेकर आए, तब बच्चा मृत हो चुका था, वह ब्रॉड डेड था। इससे पहले डेढ़ महीने पहले सर्जरी हमारे अस्पताल में हुई थी। बच्चे के पेशाब का रास्ता दूसरी तरफ बना हुआ था, इसके लिए यह सर्जरी हुई थी। पेशाब का नया रास्ता बनाया गया था।

जिंदल अस्पताल से डॉ.पराशर ने ऑपरेट किया था। उसके बाद से पेशाब करने वाली जगह सूजन आ जाती थी, जिसके लिए हमने बताया था कि यह एलर्जी हो सकती है। तीन दिन पहले डॉ.पराशर ने बच्चे के दोबारा नल्की लगाई थी।

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