बाबा शेख फरीद को समर्पित, हिस्सों में दिखेगी राज्य की विरासत
नई दिल्ली 24 जनवरी। राष्ट्रीय राजधानी के कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस पर होने वाली परेड में इस बार पंजाब की झांकी देखने को मिलेगी। झांकी में पंजाब की खेती से लेकर फुलकारी तक को जगह दी गई है। झांकी बाबा शेख फरीद को समर्पित है।
गौरतलब है कि 21 दिन की मेहनत के बाद यह झांकी तैयार की गई है। परेड की रिहर्सल में पहुंची झांकी हर किसी के दिल को छू रही है। इसे तैयार करने वाली टीम काफी उत्साहित है। वहीं, केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू भी इस झांकी को देखने पहुंचे। उन्होंने खुद अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर इससे जुड़ी फोटो और जानकारी शेयर की है। उन्होंने पोस्ट में लिखा है कि मेरा दिल पंजाब के लिए धड़कता है। झांकी मंत्रमुग्ध कर देने वाली है, मैं खुद को इस झांकी की तस्वीरें लेने से नहीं रोक पाया।
इस झांकी को लेकर दिल्ली पहुंचे डॉ. रणदीप सिंह आहलूवालिया के मुताबिक पंजाब की झांकी को चार भागों में दिखाया गया है। ट्रेलर के आगे वाले भाग में पंजाब कृषि प्रधान राज्य है, इसलिए पहले भाग में हल चलाते बैलों की जोड़ी है। जो इस बात का प्रतीक है कि देश को अनाज के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में पंजाब का अहम योगदान है। पंजाब का लोक संगीत पूरी दुनिया में जाना जाता है। परंपरागत पहनावे में लोक संगीत का एक दृश्य दिखाया है। उसमें कलाकारो को पंजाब के पुराने वाद्य यंत्रों के साथ दिखाया है।
झांकी का तीसरा हिस्सा भी काफी अहम है। इसमें पंजाब की एक लड़की को अपने घर के बाहर बैठकर फुलकारी निकालते हुए दिखाया गया है। यह पंजाब की पुरानी विरासत को दिखाती है। झांकी की चौथे हिस्से में पंजाब के पहले पंजाबी कवि बाबा शेख फरीद को दिखाया गया है। इनकी वजह से पंजाबी साहित्य बुलंदियां छू रहा है। वहीं, ट्रेलर पार्ट पर पंजाब की औरतों की तरफ से घर में बनाई जानी वाली दरियों को प्रदर्शित किया। इसके अलावा फुलकारी के दृश्य हैं।
पिछले साल केंद्र सरकार ने पंजाब की 26 जनवरी की झांकियां रद कर दी थीं। रक्षा मंत्रालय ने भी कहा था कि पंजाब की झांकी दिल्ली में भारत पर्व में भेजी जाएगी। उस समय राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा था कि वह पंजाब की झांकी को खारिज श्रेणी में नहीं भेजेंगे। साथ ही पंजाब की झांकियां पंजाब और दिल्ली में ही निकाली जाएंगी।
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