लुधियाना वैस्ट उप चुनाव : क्या सांसद संजीव अरोड़ा बदल रहे सियासत का ट्रेंड

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इलजामों की रवायती-सियासत से परे पॉजेटिव-सोच से लुभा रहे आप उम्मीदवार अरोड़ा

लुधियाना, 18 अप्रैल। देश में नकारात्मक-राजनीति के माहौल में राजनेता एक-दूसरे के खिलाफ ‘जहरीले-बयान’ देने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं। ऐसे में पंजाब की सियासत की धुरी कहलाने वाले कारोबारी शहर लुधियाना के वैस्ट विधानसभा हल्के में उप चुनाव हो रहे हैं। जहां सूबे की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी ने बड़ा सियासी-दांव चला। आप के राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा को इस सीट से सबसे पहले पार्टी उम्मीदवार घोषित किया गया। इसके बाद कांग्रेस ने सूबे के पूर्व कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु पर दांव चला। जो इसी सीट से दो बार चुनाव जीतकर कैबिनेट मंत्री बने थे। फिर शिरोमणि अकाली दल-बादल ने सीनियर एडवोकेट परउपकार सिंह घुम्मन को पार्टी उम्मीदवार बनाया। हालांकि कभी पंजाब की सत्ता में अकालियों की साझीदार भारतीय जनता पार्टी ने अभी तक अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है।

यूटर्न टाइम ने टटोली वोटरों की सियासी-नब्ज :

ऐसे सियासी-हालात में यूटर्न टाइम की टीम ने इस हल्के के वोटरों का मन टटोला तो दिलचस्प सियासी-प्रतिक्रियाएं सामने आए। सियासी अदावत के डर से ज्यादातर वोटरों ने अपने नाम ना बताने की शर्त पर प्रतिक्रियाएं जताई।

अरोड़ा की नीति, सिर्फ अपने काम गिनवाने हैं….।

इलाके के वोटरों में सभी प्रमुख दलों के समर्थकों से यूटर्न टाइम टीम ने बातचीत की। विरोधियों ने भी बेबाकी से यही कहा कि सांसद अरोड़ा ने इस चुनाव में आप उम्मीदवार बनकर नया ट्रेंड कायम किया है। करीब डेढ़ महीने से प्रचार के दौरान उन्होंने कभी भी विरोधियों के खिलाफ कोई आपत्तिजनक बात नहीं की। उन्होंने केवल राज्यसभा सांसद बनने के बाद से अपनी उपलब्धियां जरुरी गिनवाईं। यह बात दीगर है कि विरोधियों ने अब उनके खिलाफ बयानबाजी कर खुद को नैगेटिव-पॉलिटिक्स करने वालों में शुमार कर लिया है। अरोड़ा के होर्डिंग भी शालीन भाषा में विरोधियों पर नरम लहजे में सियासी-वार करने का सबूत बनने के साथ चर्चा में बने हुए हैं।

आगाज तो अच्छा है, अंजाम जो भी हो :

इस मुद्दे पर केवल आप वर्कर और अरोड़ा समर्थक ही नहीं, उनके कामों के कायल इलाके के विरोधी पार्टियों के वोटरों ने भी ऑफ द रिकॉर्ड चौंकाने वाली प्रतिक्रियाएं दीं। उनके मुताबिक सियासत की आसान राह राज्यसभा होती है। राज्यसभा एमपी होने के बावजूद अरोड़ा ने कांटों भरी राह चुनकर यह उप चुनाव लड़ने की हामी भरी। हकीकत में देखा जाए तो चिकित्सा के क्षेत्र में खामोशी से काम कर रहे अरोड़ा ने बतौर राज्यसभा सांसद भी कई ऐसे जनहित के काम किए, जो बाकी जनप्रतिनिधि अरसे से नहीं करा पाए। अगर वह विधानसभा में जीतकर पहुंचे तो औद्योगिक नगरी लुधियाना को अपनी सत्ताधारी पार्टी आप से काफी राहत दिला सकते हैं।

अरोड़ा का चुनाव प्रचार जारी है लगातार :

आप उम्मीदवार संजीव अरोड़ा ने शहीद भगत सिंह नगर स्थित वार्ड नंबर 56 के एफ-ब्लॉक में चुनावी रैली की। इस मौके पर इलाका कौंसलर तनवीर सिंह धालीवाल की अगुवाई में मीटिंग हुई। इसी ब्लॉक में मीटिंग के दौरान बुजुर्ग  समाजसेविका कमलजीत कौर बल ने भावुक होकर एमपी अरोड़ा को गले लगाकर चुनावी-जीत के लिए आशीर्वाद दिया तो लोगों ने तालियां बजाकर स्वागत किया। वहीं सांसद अरोड़ा ने नगर निगम कमिश्नर को पत्र लिखकर पक्खोवाल रोड के साथ एसकेएस नगर, फेज 2 में एक सार्वजनिक पार्क विकसित करने का आग्रह किया।

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