हरियाणा में पत्नी ने बॉयफ्रेंड के साथ मिलकर पति का गला घोंटा, लाश बाइक पर रख नाले में फेंक दी
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आरोप, पति रोकता था रील्स बनाने से, आशिक के साथ मिलकर किया पाक-रिश्ते का कत्ल
हरियाणा, 18 अप्रैल। करीब एक महीने पहले यूपी के मेरठ में दिल दहलाने वाले हत्याकांड ने सबको हिला दिया था। जहां मुस्कान नामक आरोपी महिला पर आशिक के साथ मिलकर पति का कत्ल कर उसके जिस्म के टुकड़े कर ड्रम में भर सीमेंट का लेप कर दिया गया था। अब हरियाणा के
भिवानी में भी ऐसी ही आरोपी रवीना नामक कलयुगी पत्नी ने प्रेमी के साथ मिलकर पति को गला घोंटकर मार डाला। रील-शॉर्ट फिल्म बनाने की शौकीन महिला पति द्वारा टोकाटाकी से खफा थी। लिहाजा बॉयफ्रेंड के साथ पति को मारने के बाद उसकी लाश चादर में लपेटकर दोनों बाइक पर ले गए और उसे नाले में फेंक दिया।
जानकारी के मुताबिक पुलिस जांच में सीसीटीवी कैमरे में लाश ले जाते दिखने के बाद पूरे हत्याकांड से पर्दा उठ गया।
सदर थाने की पुलिस के अनुसार 29 मार्च को दिनोद रोड के नाले में एक शव पड़ा होने की सूचना मिली। इसके बाद पुलिस ने जांच की तो वह एक व्यक्ति का शव था, अगले दिन उसके परिजन आए।
यह शव पुराने बस स्टैंड क्षेत्र के गुजरों की ढाणी के युवक प्रवीण का था। उसके पिता सुभाष ने बताया कि उनके बेटे की शादी करीब 8 साल पहले रेवाड़ी के गांव जुड़ी की रवीना से हुई थी। उनका एक बेटा करीब 6 साल का है। शादी के कुछ महीनों बाद से ही रवीना और प्रवीण के बीच अनबन शुरू हो गई थी। उनका आरोप है कि रवीना यूट्यूब पर कुछ फिल्में बनाती थी। यह बात प्रवीण को पसंद नहीं थी। इसलिए दोनों में झगड़ा होता था। इसके अलावा करीब डेढ़ साल पहले हांसी के गांव प्रेमनगर के सुरेश से उसके अवैध संबंध थे। सुरेश 2 बच्चों का बाप है और यूट्यूब पर वीडियो बनाता था। पुलिस ने आरोपी सुरेश को पकड़ा तो सब कुछ उगल दिया। उसने मान लिया कि प्रवीण की हत्या उन दोनों ने ही की है।
कोट्स—–
–बेशक ऐसे संगीन अपराधिक मामलों का अदालतों को तेज से सुनवाई कर जल्द निपटारा करना चाहिए। पीड़ित पक्ष चाहे तो गुहार लगा सकता है और हाईकोर्ट निचली अदालत को जरुरी आदेश दे सकता है। ऐसे मामलों में वैसे तो अमूमन फास्ट ट्रैक में सुनवाई कर अदालतें जल्द सुनवाई प्रक्रिया पूरी कर फैसला सुनाती हैं। नैतिक-पतन के ऐसे मामलों में दोषियों को सख्त सजा मिलने से समाज में सकारात्म संदेश जाने के साथ ही ऐसे घिनौने अपराध करने की सोचने वालों में भी जाहिर तौर पर खौफ पैदा होता है।—पीयूष कांत जैन, एडीश्नल एडवोकेट जरनल, पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
–इस तरह के दरिंदगी वाले जुर्म होने पर जाहिर तौर अदालतें पूरी संजीदगी से जल्द से जल्द सुनवाई कर फैसले सुना देती हैं। साथ ही आम तौर पर दोषियों को सख्त सजा मिलती है। ऐसे अदालती फैसलों से समाज में बेहतर संदेश जाता है। साथ ही पीड़ित पक्ष के हक में न्याय दिलाने के लिए सरकारी पक्ष के अलावा अन्य वकील भी बतौर मददगार भूमिका निभाते हैं।—-चेतन वर्मा, वाइस चेयरमैन, पंजाब एंड हरियाणा, चंडीगढ़ बार कौंसिल
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