पत्नी को मर्सिडीज व कइयों को लग्जरी गाड़ियां देने से लेकर टेंडर कमीशन की बंदरबांट को लेकर रहे चर्चाओं में
राजदीप सिंह सैनी
लुधियाना 14 अप्रैल। नगर निगम से लेकर चंडीगढ़ के अफसरों के चहेते व राजने
ताओं के करीबी नगर निगम लुधियाना जोन-डी के सुपरीटेडेंट इंजीनियर (एसई) संजय कंवर को आखिरकार विजिलेंस ब्यूरो लुधियाना की टीम द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है। उसे ठेकेदार से टेंडर अलॉट करने की एवज में 90 लाख रुपए कमीशन के तौर पर रिश्वत मांगने के आरोपों के तहत अरेस्ट किया गया है। यूटर्न टाइम अखबार की और से एसई संजय कंवर के अवैध कार्यों संबंधी पहले ही खबरें प्रकाशित की गई थी। जिसके बाद अब उन्हीं मामलों में एक्शन हुआ है। हालांकि आरोपी एसई के घर से एक लग्जरी कार फॉरच्यूनर भी जब्त की गई है। यह बेनामी कार चंडीगढ़ नंबर से किसी और के नाम पर रजिस्टर्ड है। थाना विजिलेंस की और से ठेकेदार हितेश अग्रवाल की शिकायत पर संजय कंवर के खिलाफ मामला दर्ज किया है। गौर हो कि यूटर्न टाइम अखबार और जनहितैषी न्यूज चैनल की और से एसई संजय कंवर द्वारा पत्नी को मर्सिडीज कार देने, अफसरों को लग्जरी कारें वितरित करने और टेंडरों में कमीशन खाने का खुलासा किया गया था। जिसके बाद अब विजिलेंस द्वारा ठेकेदार की शिकायत मिलते ही एक्शन ले लिया गया है।
रोज गार्डन नवीनीकरण में हेरफेर को लेकर किया था खुलासा
यूटर्न टाइम अखबार द्वारा रोज गार्डन के नवीनीकरण को लेकर टेंडर घोटाला होने की आशंका को लेकर एक खबर प्रकाशित की थी। जिसमें निगम द्वारा 8.80 करोड़ के टेंडर पोर्टल के जरिए निकाले गए थे। यह टेंडर एसई संजय कंवर व निगम अफसरों द्वारा अपने चहेते ठेकेदार को देना था। जिसके लिए टेक्निकल व फाइनेंशियल बीड में बार बार तारीखें बदलकर हेरफेर
की कोशिश की गई। यूटर्न अखबार द्वारा प्रमुख्ता से इसकी खबर प्रकाशित की थी। जिसके बाद निगम द्वारा इस टेंडर की बीड रद्द की और दोबारा से टेंडर लगाने की घोषणा की थी।
रेस्त्रां में बुलाकर मांगी थी रिश्वत
शिकायतकर्ता ठेकेदार हितेश अग्रवाल ने कहा कि 27 जनवरी 2025 को निगम ने रोज गार्डन के लिए फ्रैश टेंडर खोले। जिसमें हितेश अग्रवाल और जेबी एंड कंपनी के रुपिंदर सिंह सभरवाल ने टेंडर डाले। टेंडर की टेक्निकल बीड में पता चला कि जेबी एंड कंपनी का एक काम पेडिंग है, जिसे टेंडर में नहीं बताया गया। हितेश द्वारा शिकायत करने पर जेबी एंड कंपनी ने कंप्लीशन सर्टीफिकेट पेश किया। जबकि वे जाली था, क्योंकि मौके पर कंपनी का काम चल रहा था। हितेश ने इसकी दोबारा शिकायत दी। जिस पर एसई संजय कंवर ने उसे मिलने के लिए सराभा नगर के एक कैफे में बुलाया। जहां पर संजय कंवर ने हितेश अग्रवाल से 8.80 करोड़ टेंडर की 10 प्रतिशत कमीशन के तौर पर रिश्वत मांगी। उसके न मानने पर 6 प्रतिशत कमीशन संबंधी बात फाइनल हुई। फिर संजय कंवर द्वारा उसे फोन करके रिश्वत की मांग की गई। लेकिन बाद में हितेश ने इंकार कर दिया। जिसके चलते उक्त टेंडर जेबी एंड कंपनी को दे दिया गया। फिर हितेश ने इसकी शिकायत विजिलेंस को की।
स्मार्ट सिटी के 1000 करोड़ के टेंडर कर चुके अलॉट
चर्चा है कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत आने वाले कामों के टेंडर एसई संजय कंवर द्वारा ही अलॉट किए जाते थे। इसके अलावा कोई भी अधिकारी इन टेंडर में दखल नहीं देता था। जिसके चलते उनकी और से अब तक स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत करीब 1000 करोड़ रुपए के टेंडर अलॉट किए जा चुके हैं। चर्चा है कि इन टेंडरों में भी एसई से लेकर उच्च अधिकारियों द्वारा बड़ा हेरफेर किया गया है।
पत्नी को लेकर दी मर्सिडीज मायबाक
चर्चा है कि एसई संजय कंवर की और से कुछ समय पहले ही अपनी पत्नी को हाई लग्जरी कार मर्सिडीज मायबाक लेकर दी थी। इसके अलावा कई अफसरों को इनोवा हाइब्रिड समेत लग्जरी कारें भी लेकर दी गई थी। इस संबंधी यूटर्न टाइम अखबार द्वारा पहले ही खुलासा किया जा चुका है। अब देखना होगा कि क्या विजिलेंस इनकी जांच करेगी या नहीं।
निगम के कई कमिश्नर रडार पर
चर्चा है कि एसई संजय कंवर अकेले इस टेंडरों की कमीशन के हेरफेर में शामिल नहीं था। बल्कि निगम के कई कमिश्नर इस टेंडरों के खेल में शामिल थे। एसई संजय कंवर की गिरफ्तारी के बाद वे अफसर भी विजिलेंस की रडार पर आ चुके हैं। हालांकि एसई की गिरफ्तारी के बाद लुधियाना व चंडीगढ़ के कई अधिकारी अपना बचाव करने को लेकर इधर उधर भाग रहे हैं। वहीं लोगों का कहना है कि यह अधिकारी वे तोता है, जिसकी गर्दन में कइयों की सांसें फंसी है। अगर यह बोला तो कई अधिकारियों व राजनेताओं के काले चिट्ठे निकलकर सामने आ जाएंगे।
लैय्यर वैली की रेनोवेशन में किया था हेरफेर
यूटर्न टाइम अखबार द्वारा कुछ दिन पहले लैय्यर वैली की रेनोवेशन करने की एवज में करोड़ों रुपए का हेरफेर करने के मामले को प्रमुख्ता से उठाया था। जिसमें पार्क की मिट्टी तक लाखों रुपए में बेच दी गई थी। इस मामले में भी एसई संजय कंवर का नाम सामने आया था। लेकिन खबर प्रकाशित होने के बाद लगातार मामले को दबाने का प्रयास किया गया।
एनआरआई सिटीजनशिप छोड़ चुके एसई
वहीं पता चला है कि एसई संजय कंवर के पास एनआरआई सिटीजनशिप थी। लेकिन उन्होंने उक्त सिटीजनशिप छोड़ दी और लंबे समय से भारत में रह रहे थे। वहीं लोगों में चर्चा है कि
एसई संजय कंवर की भारत में रहकर ही अच्छी खासी कमाई हो रही थी, इसी के चलते उन्होंने विदेशी नागरिकता छोड़ी और यहीं निगम में रहकर घोटाले करने शुरु किए।
अच्छी ड्राफ्टिंग के चलते अफसरों के थे चहेते
जानकारी के अनुसार एसई संजय कंवर की इंग्लिश काफी हाई है, जबकि उन्हें लेटर ड्राफ्टिंग का काफी अच्छा तजुर्बा भी है। इसी के चलते वे अफसरों के चहेते थे। यहां तक कि चंडीगढ़ में भी अच्छी ड्राफ्टिंग होने के चलते अधिकारी एसई कंवर से ही लेटर लिखवाते थे। इसी कारण जूनियर होने के बावजूद वे सीनियर अधिकारियों की सीक्रेट मीटिंगों में भी शामिल होते थे।
कमीशन बंदरबांट संबंधी अधिकारियों संग चल रहा था विवाद
चर्चा है कि एसई संजय कंवर की और से टेंडर व अन्य निगम कार्यों के जरिए पिछले कुछ समय में जो पैसा इकट्ठा किया जा रहा था, उसमें कई अफसरों का हिस्सा भी था। चर्चा है कि कुंवर ने पैसे इकट्ठे किए, लेकिन अफसरों का हिस्सा नहीं दिया। जिसके चलते कई उच्च अधिकारियों ने सीवीओ को बुलाकर एसई को समझाया भी था। इस बंदरबांट में लुधियाना के कई कमिश्नरों से लेकर उच्च अधिकारियों के नाम चर्चा में रहे हैं।
करीब पांच करोड़ की लग्जरी कारें हैं मौजूद
चर्चा है कि एसई संजय कंवर लग्जरी कारों के शौंकीन है। जिसके चलते उनके पास करीब 5 करोड़ की लग्जरी कारें ही है। उन्हें लग्जरी कारों का इतना शौंक है कि उन्होंने अपने परिवार वालों को भी एक से बढ़कर एक कार लेकर दे रखी है।
सिर्फ एक टेंडर में 90 लाख, बाकियों में कितने होंगे
वहीं एसई संजय कंवर की गिरफ्तारी के बाद लगातार शहर में चर्चा छिड़ गई है कि एक टेंडर में ही उनकी और से 90 लाख रुपए रिश्वत मांगी गई थी, ऐसे में बाकी टेंडर जो आज तक उन्होंने अलॉट किए, उनमें कितनी कमीशन खाई होगी। वहीं लोगों का कहना है कि इस अधिकारी व उसके परिवार की प्रॉपर्टी व अन्य चीजों की जांच होनी चाहिए, जिससे बड़ा खुलासा होगा।
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