लुधियाना 20 जनवरी। लुधियाना की सबसे ज्यादा चर्चित व व्यापारिक स्थान कहे जाते फिरोजगांधी मार्केट में एक बार फिर से पार्किंग के रेट को लेकर विवाद छिड़ना शुरु हो चुका है। इस दौरान मार्केट के बिल्डिंग, शोरुम, स्टॉक एक्सचेंज कारोबारियों व स्टोर मालिकों द्वारा ठेकेदार पर 20 प्रतिशत रेट बढ़ाने के आरोप लगाए गए हैं। जिसके चलते उनकी और से सोमवार को स्टॉक एक्सचेंज में पार्षद कपिल कुमार सोनू और गुरप्रीत सिंह बब्बल के साथ मीटिंग की। इस दौरान व्यापारियों ने कहा कि स्वर्गीय विधायक गुरप्रीत गोगी की और से दो साल पहले ठेकेदार के साथ निगम कमिश्नर के सामने रेट फिक्स करवाए थे। लेकिन अब फिर से ठेकेदार की और से सीधे 20 प्रतिशत रेट बढ़ाने के नोटिस भेज दिए हैं। व्यापारियों द्वारा दोनों पार्षदों को उनके साथ हो रही धक्केशाही के बारे में अवगत कराया। इस दौरान दोनों पार्षदों द्वारा नगर निगम के क्लियर किया कि ठेकेदार को निगम की तरफ से कोई एक्स्ट्रा चार्ज नहीं लिए गए। ठेकेदार की ठेके की राशि में कोई इजाफा नहीं किया गया है। उन्होंने मौके पर ठेकेदार से बातचीत भी की। दोनों पार्षदों द्वारा मौके पर व्यापारियों को आश्वासन दिया कि कालाबाजारी नहीं चलने दी जाएगी। विधायक गोगी द्वारा तय किए गए रेटों पर ही पार्किंग चलेगी। यहां पर किसी भी तरह का भाईचारा नहीं चलने दिया जाएगा। इस मौके पर स्टॉक एक्सचेंज के चेयरमैन टीएस थापर, अश्वनी अग्रवाल, मास्टर ट्रस्ट के हरजीत अरोड़ा, आशिम नागपाल, अशोक गुप्ता, संजीव गुप्ता समेत अन्य व्यापारी मौजूद थे।
पिछली सरकार के मुकाबले पहले ही दोगुना हैं रेट
एक तरफ तो सरकार की तरफ से ज्यादातर चीजें फ्री दी जा रही है। जबकि दूसरी तरफ व्यापारियों को लूटा जा रहा है।
पहले कांग्रेस सरकार के समय ठेका 2 से 400 रुपए तक चलता था। व्यापारियों का कहना है कि आप सरकार आने के बाद पहले ही मनमानी ढंग से पैसों की वसुली की जा रही है। अब और रेट बढ़ाए जा रहे हैं।
विधायकों की हिस्सेदारी होने की चर्चाएं
चर्चा है कि पार्किंग में राजनेताओं की हिस्सेदारी है। जिसके चलते ठेकेदारों पर एक्शन नहीं होता। हर ठेके में राजनेताओं की हिस्सेदारी होने के चलते विधायक इन मामलों में ज्यादा दखल नहीं देते। चर्चा है कि विधायकों को हिस्सा जा रहा है। लेकिन अब नए पार्षद आ चुके हैं।
विपक्ष बना सकता है मुद्दा
पार्किंग मामले में लेनदेन को लेकर नए नियुक्त पार्षदों और विधायक की आपस में ठन सकती है। जबकि विपक्ष भी अभी तक चुप बैठा है। चर्चा है कि आने वाले दिनों में विपक्ष इस मामले को तुल दे सकता है, जो सत्ताधारी नेताओं पर हावी हो सकता है।