लुधियाना : डॉ.अंबेडकर जयंती को लेकर ‘क्रेडिट-वॉर’ में आप विधायक सिद्धू ने उनके सम्मान के नाम पर उठा ली बंदूक !

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चर्चा, क्या इस ‘गन-कल्चर’ से गलत-ट्रैंड तो नहीं कायम हो जाएगा, बीजेपी और अन्य दलों ने तीखी प्रतिक्रिया-हैरानी जताई

लुधियाना, 14 अप्रैल। खालिस्तान समर्थक आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने संविधान निर्माता डॉ. बीआर अंबेडकर की जयंती मनाने को लेकर धमकी दी है। इसी बीच सोमवार को लुधियाना में हल्का आत्मनगर से आम आदमी पार्टी के विधायक एडवोकेट कुलवंत सिंह सिद्धू का वीडियो सामने आया है। जिसमें सिद्धू कह रहे हैं कि मैं डॉ.अंबेडकर के आगे नतमस्तक होने के लिए बंदूक लेकर आया हूं। बाबा साहेब का निरादर करने की धमकी देने वाले अगर यहां तक चलकर आएंगे तो स्ट्रेचर पर ही जाएंगे। एमएलए सिद्धू ने कहा कि जिन शरारती लोगों ने धमकी दी है कि बाबा साहेब की प्रतिमा का निरादर करेंगे, वे आ जाएं। उनकी प्रतिमा की रक्षा के लिए हम पहरा दे रहे हैं। उन्होंने यहां तक कहा कि जो बाबा साहिब का निरादर करने आएगा, स्ट्रेचर पर जाएगा।

बीजेपी ने भी जताई तीखी प्रतिक्रिया :

भाजपा के सीनियर नेता व पूर्व सांसद अविनाश राय खन्ना ने कहा कि विदेश में बैठा आतंकी पन्नू पंजाब का माहौल खराब करने की कोशिश कर रहा है। वहीं आप विधायक कुलवंत सिंह सिद्धू बंदूक लेकर डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा की रक्षा करने की बात कह रहे हैं। इससे यह साबित होता है कि आम आदमी पार्टी के विधायकों को पंजाब पुलिस पर भरोसा नहीं है। हथियार हम अपनी रक्षा को तो रख सकते हैं, लेकिन उसे लहराना सरासर अपराध है।

छिड़ गई नई बहस :

इस मामले में प्रयास के बावजूद आप विधायक सिद्धू से संपर्क नहीं हो सका। हालांकि बीजेपी के पूर्व सांसद खन्ना की तर्ज पर पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु ने इस मामले में हैरानी जताई। उन्होंने कहा कि अगर सत्ताधारी विधायक ही संविधान निर्माता डॉ.बीआर अंबेडकर की प्रतिमाओं की रक्षा के लिए बंदूक उठा रहे हैं तो यह बड़ा सवालिया निशान है। सूबे से आतंकवाद समाप्त करने वाली पंजाब पुलिस के जवान इसके लिए सक्षम हैं। अगर जनप्रतिनिधियों को लगता है कि कोई खतरा है तो अपनी सुरक्षा में लगे पुलिस कर्मियों को यह जिम्मेदारी सौंप दे।

इससे ‘गन-कल्चर’ को मिलेगा बढ़ावा :

वरिष्ठ अकाली नेता कमल चेतली ने कहा कि अगर कोई जनप्रतिनिधि ऐसे बयान दे रहा है तो उसे अपनी भाषा पर नियंत्रण रखना चाहिए। इससे ‘गन-कल्चर’ को बढ़ावा मिलेगा। हिंसा का जवाब हिंसा की बजाए कानूनी-प्रक्रिया के जरिए भी दिया जा सकता है। संविधान निर्माता डॉ.अंबेडकर का वास्तव में यही संदेश है।

 

जनप्रतिनिधि से पहले हम जन-रक्षक : सिद्धू

आप विधायक कुलवंत सिद्धू ने इस मुद्दे पर पलटवार करते कहा कि विपक्षी दलों के नेता इस संवेदनशील मुद्दे पर केवल बयानबाजी कर चर्चा में आना चाहते हैं। पंजाब के माहौल को बिगाड़ने की कोशिश करने वालों से अकेले सरकार, सेना और पुलिस नहीं निपट सकती है। उसके लिए जन-समर्थन जरुरी है। लिहाजा जनप्रतिनिधि होने के साथ जन-रक्षक होने के नाते आतंकियों की धमकी व जनता की सुरक्षा के लिए उन्होंने कानून के दायरे में रहते हुए केवल लाइसेंसी हथियार संभाला। उन्होंने हथियार से किसी पर निशाना नहीं साधा और ना ही फायरिंग की।

 

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