सबसे सशक्त दावेदार आशु, कांग्रेस जिला प्रधान तलवार समेत चर्चाओं में आए दावेदार नहीं बोले कुछ भी खुलकर
लुधियाना 20 जनवरी। आम आदमी पार्टी से लुधियाना वैस्ट हल्के से विधायक गुरप्रीत गोगी के निधन के बाद अब इस सीट पर उप चुनाव होना है। ऐसे में प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस में भी सियासी-हलचल शुरु हो गई है। चर्चाओं के मुताबिक इसी हल्के से विधायक रहे सूबे के पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु उप चुनाव में टिकट के सबसे मजबूत दावेदार रहेंगे। जबकि और भी कई दावेदार टिकट हासिल करने के लिए लॉबिंग कर रहे हैं। हालांकि दावेदार बताए जा रहे सभी नेता और कांग्रेस जिला प्रधान फिलहाल इस मामले में खुलकर बोलने को राजी नहीं हैं।
हालांकि सियासी-हल्कों में इसे लेकर चर्चाएं शुरु हो गई हैं, जिसके मुताबिक लुधियाना वैस्ट हल्के से दो बार चुनाव जीते सूबे के पूर्व विधायक भारत भूषण आशु ही टिकट के सबसे मजबूत दावेदार होंगे। वहीं यह बात भी अंदरखाते चर्चा में है कि महज डेढ़ साल के कार्यकाल के लिए आशु चुनाव लड़ने का रिस्क शायद नहीं लेंगे। यहां बताते चलें कि नगर निगम चुनाव में उनकी पत्नी ममता आशु के हारने के बाद वह ज्यादा सतर्क हो गए हैं। जब उनकी दावेदारी को लेकर बात की गई तो सियासत के मंझे खिलाड़ी होने के नाते आशु ने इस मुद्दे पर खुलकर कोई जवाब नहीं दिया। उन्होंने नपे-तुले अंदाज में सिर्फ इतना ही कहा कि फिलहाल उप चुनाव को लेकर कांग्रेस हाईकमान ने कोई पहल नहीं की है। लिहाजा यह इस मुद्दे पर अभी चर्चा करना वाजिब नहीं है।
कमोबेश इसी अंदाज में कांग्रेस शहरी जिला कमेटी के प्रधान व पूर्व विधायक संजय तलवार ने भी इस मुद्दे पर नपा-तुला जवाब दिया। उनके मुताबिक अभी पार्टी हाईकमान ने उप चुनाव को लेकर कोई चर्चा नहीं की है। दिल्ली विधानसभा के चुनाव निपटने के बाद ही इस मामले में कोई पहल हो सकती है। वहीं चर्चाओं के मुताबिक समाजसेवी व पूर्व कौंसलर सन्नी भल्ला उप चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार हो सकते हैं। हालांकि उनकी ओर से हाईकमान को यही मैसेज दिया गया है कि उनको अगले विधानसभा चुनाव में भी उम्मीदवार बनाया जाएगा, तभी वह इस उप चुनाव में मैदान में उतरेंगे। उन्होंने इस मुद्दे पर सिर्फ इतना ही कहा कि हमारे नेता आशु जी हैं और वहीं टिकट के सबसे मजबूत दावेदार होंगे।
समाजसेवी व पूर्व कौंसलर पंकज शर्मा काका का नाम भी इस सीट से टिकट के दावेदारों में शामिल है। हालांकि उन्होंने इस चर्चा को खारिज करते हुए सिर्फ इतना कहा कि वह तो केवल पार्टी के वफादार सिपाही हैं। बाकी पार्टी हाईकमान जो भी फैसला करेंगे, मेरे जैसे कर्मठ कार्यकर्ता उसको स्वीकार करेंगे।
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