चंडीगढ़ के मेयर इलेक्शन पर साथ आईं दोनों पार्टियां आप और कांग्रेस
चंडीगढ़ 20 जनवरी। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के सियासी खेल ने सबको चौंका दिया है। दिल्ली में कांग्रेस और आप एक–दूसरे के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ रही हैं। इनके नेता एक–दूसरे को कोस रहे हैं। वहीं महज 260 किमी दूर चंडीगढ़ के मेयर इलेक्शन में दोनों पार्टियां एक साथ नजर आ रही हैं।
यहां काबिलेजिक्र है कि पिछले साल चंडीगढ़ में आप-कांग्रेस ने मिलकर अपना मेयर बनाया था। जिसके बाद लोकसभा चुनाव में भी दोनों पार्टियों ने मिलकर कांग्रेसी उम्मीदवार मनीष तिवारी को सांसद बनाया। अब सोमवार 20 जनवरी को मेयर के लिए नामांकन की आखिरी तारीख थी। चंडीगढ़ निगम के लिए दिसंबर 2021 में चुनाव हुए थे। आम आदमी पार्टी ने पहली बार चुनाव लड़ा और 35 वार्ड वाले चंडीगढ़ नगर निगम में 14 वार्ड जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। दूसरे नंबर पर 13 सीटों के साथ भाजपा थी। कांग्रेस ने 7 और एक सीट अकाली दल ने जीती थी।
इसी दौरान कांग्रेस ने बीजेपी विरोधी दलों के साथ मिलकर इंडिया ब्लॉक बनाया था। यहां जब मेयर चुनाव की बारी आई तो 14 पार्षद वाली आप और सात पार्षद वाली कांग्रेस साथ आ गए थे। इसमें तय हुआ कि मेयर आम आदमी पार्टी का बनेगा, जबकि सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर कांग्रेस का बनेगा। भाजपा के पास 13 ही पार्षद थे, उनके पास सांसद का भी एक वोट था, लेकिन आप कांग्रेस के 20 के मुकाबले 14 वोट होने से भाजपा मेयर चुनाव से बाहर हो गई थी।
इसके बाद 2023 में मेयर का चुनाव हुआ। इसमें सीधे तौर पर आप–कांग्रेस का बहुमत था। मगर, चुनाव अधिकारी लगाए नॉमिनेटेड पार्षद अनिल मसीह ने गड़बड़ी कर दी। वोटिंग हुई तो मसीह ने आप–कांग्रेस के 8 पार्षदों के वोट इनवैलिड करार दे दिए। जिससे आप के मेयर उम्मीदवार कुलदीप कुमार चुनाव हार गए। फिर भाजपा के 13 पार्षद, सांसद और अकाली दल के वोट को मिलाकर 16 वोट पाने वाले भाजपा के मनोज सोनकर को विजेता करार दे दिया।
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला, तब आप का मेयर बना। इसके खिलाफ आप सुप्रीम कोर्ट चली गई। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव के वक्त की सीसीटीवी फुटेज देखी तो चुनाव अधिकारी अनिल मसीह आप–कांग्रेस के पार्षदों के वोट पर निशान लगाते मिले। कोर्ट ने माना कि मसीह ने जानबूझकर वोट खराब किए। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने दोबारा मतगणना के लिए कहा, जिसमें इनवैलिड करार वोटों की गिनती के भी आदेश दिए। इसके बाद आप के कुलदीप कुमार मेयर बन गए।
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