लुधियाना वेरका प्लांट में 100 करोड़ी स्कैम में खुलासे के बाद मची खलबली
लुधियाना 9 अप्रैल। वेरका मिल्क प्लांट की लुधियाना ब्रांच में 100 करोड़ रुपए का स्कैम होने के संकेत के बाद लोगों में खलबली मच चुकी है। बुधवार को अमृतसर में वेरका मिल्क प्लांट की नई ब्रांच का उद्घाटन किया गया, जिसका उद्घाटन भी सीएम भगवंत मान की और से किया गया। एक तरफ तो वेरका के नए यूनिट खोले जा रहे हैं, ताकि लोगों को रोजगार मिल सके और सरकारी खजाना भर सके। जबकि दूसरी तरफ पहले से मौजूद यूनिटों में सरेआम करोड़ों रुपए का हेरफेर करके सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। चर्चा है कि यह करोड़ों रुपए का स्कैम एक साल में नहीं बल्कि पिछले कई सालों से किया जा रहा है। चर्चा है कि लुधियाना वेरका मिल्क प्वांट में बेशक अकाउंट ऑफिसर अपर अपार सिंह इस स्कैम में शामिल हैं। लेकिन अकाउंट्स विभाग के अलावा वेरका के खाते की देखरेख करना ऑडिट विभाग, सीए, चीफ ऑडिटर, जीएम और एफसीसी अफसर की भी जिम्मेदारी होती है। उनकी और से बकायदा चैक करना होता है कि कौन सा पैसा कहा इस्तेमाल हो रहा और कही कोई घोटाला तो नहीं हो रहा। लेकिन लुधियाना के ऑडिट इंस्पेक्टर जगदीप सिंह, अकाउंट इंचार्ज सीए पलक गुप्ता, चीफ ऑडिटर मनीला भांबरी, लोकल जीएम और एफसीसी अफसर अलोक शेखर की और से भी इसे चैक नहीं किया गया। लोगों में चर्चा है कि छह प्रमुख अफसरों की देखरेख के बावजूद 100 करोड़ का घोटाला होना, कही न कही बड़े सवाल खड़े कर रहा है। अब यह चर्चा है कि क्या इनकी लापरवाही के कारण यह स्कैम हुआ या फिर इनकी भी मिलीभगत है।
एक दिन में नहीं कई ट्रांजेक्शन के जरिए हुआ घोटाला
वहीं बता दें कि यह कोई एक ट्रांजेक्शन के जरिए घोटाला हुआ हो तो बात अलग है। लेकिन कई ट्रांजेक्शन के जरिए यह 100 करोड़ी स्कैम को अंजाम दिया गया है। हैरानी की बात तो यह है कि फिर भी छह अधिकारी इसे पकड़ नहीं सके। चर्चा है कि अब अधिकारी खुद का बचाव करने के लिए उच्च अधिकारियों से संपर्क साधने में लगे हुए हैं।
बाहर से आए सीए ने एक बार में ही किया खुलासा
हैरानी की बात यह है कि घोटाले की आशंका के चलते जांच कमेटी बनाई गई। जिसमें एक बाहरी सीए को शामिल किया गया। वेरका के खुद की महिला सीए इस घोटाले को उजागर नहीं कर सकी, जबकि बाहरी सीए की और से एक बाहर में ही खुलासा कर दिया। चर्चा है कि लाखों रुपए सैलरी लेने के बावजूद सीए द्वारा अगर इस तरीके से नौकरी की जा रही है, तो जाहिर है कि वे भी इसमें शामिल हो सकते हैं।
ऑडिट इंस्पेक्टर कर रहे पोस्ट का मिसयूज
वहीं चर्चा है कि वेरका के ऑडिट इंस्पेक्टर की और से अपनी पोस्ट का जमकर मिसयूज किया जा रहा है। उनकी और से घोटालों के खिलाफ बोलने वाले और उनके साथ मिलकर काम न करने वाले अधिकारियों की प्रमोशन तक रोक दी जा रही है। जबकि कानून मुताबिक ऑडिट इंस्पेक्टर के पास ऐसा कोई अधिकार नहीं कि वे किसी की प्रमोशन रोके। लेकिन फिर भी अपनी पोस्ट का मिसयूज करते हुए उनके द्वारा प्रमोट हो चुके अधिकारियों के प्रमोशन ऑर्डर ही रिलीज नहीं किए जा रहे।
अधिकारियों से भी ऊपर ऑडिट इंस्पेक्टर
वेरका लुधियाना में 19 जनवरी 2025 को नए जीएम सुबोध कुमार द्वारा चार्ज लिया गया। उनकी और से पहले से रुके काम और अधिकारियों के प्रमोशन लेटर जारी किए गए। चर्चा है कि इस दौरान भी ऑडिट इंस्पेक्टर जगदीप सिंह की और से कई अधिकारियों के प्रमोशन लेटर जारी नहीं किए। जिसे देख लगता है कि शायद जगदीप सिंह दूसरे अधिकारियों से भी ऊपर हो चुके हैं।
डीसी ऑफिस में ऑडिट इंस्पेक्टर की पेशी
वहीं चर्चा है कि ऑडिट इंस्पेक्टर जगदीप सिंह द्वारा अपनी पोस्ट का मिसयूज करने के चलते डीसी ऑफिस की और से उन्हें तलब कर लिया गया है। डीसी ऑफिस द्वारा उन्हें नोटिस जारी कर पेश होने के लिए कहा है। जिसके चलते वीरवार को उनकी पेशी होगी। हालांकि नियमों के मुताबिक अगर किसी की प्रमोशन रोकी जाती है तो उसके लिए चार्जशीट दर्ज होनी बनती है।