पंजाब में 2 महीने में 10वां आतंकी हमला, पुलिस नहीं लगा पा रही रोक
अमृतसर 16 जनवरी। पंजाब में 2 महीने के भीतर आतंकियों ने 10वां धमाका किया है। इस बार पूर्व डिप्टी सीएम व कांग्रेस सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा के करीबी अमृतसर के मजीठा में जैंतीपुर में शराब कारोबारी के घर हेंड ग्रेनेड फेंका गया है। इस दौरान यह पहली बार है जब खालिस्तानी आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) ने किसी व्यक्ति को टारगेट किया है। इससे पहले 9 हमले पुलिस चौकी और थानों पर हुए। जैंतीपुर में शराब ठेकेदार अमनदीप जैंतीपुरिया के घर हुए इस हमले की सीसीटीवी फुटेज भी सामने आई है। जिसमें बुधवार रात तकरीबन 8 बजे एक युवक मोटरसाइकिल से उतरा और अमनदीप के घर की तरफ हैंड ग्रेनेड जैसी चीज फेंकी। सीसीटीवी में साफ तौर पर चिंगारी भी निकलती नजर आई।
आर्मी एरिया के नजदीक है पुलिस चौकी
वहीं इससे पहले हमलावरों ने अमृतसर में गुमटाला पुलिस चौकी पर ग्रेनेड हमला किया। पुलिस ने इसे आतंकी हमला तो नहीं माना लेकिन सुरक्षा कड़ी कर दी है। गुमटाला चौक फ्लाईओवर पर लोहे के बड़े फ्रेम और टिन की चादरें लगवा दी हैं। साथ ही पुल पर पुलिस की एक्सयूवी भी तैनात कर दी गई है। आतंकी संगठन बीकेआई ने इस धमाके की जिम्मेदारी ली है। यह चौकी खास इसलिए है कि इसके करीब ही आर्मी का एरिया और एयरफोर्स स्टेशन भी है।
हमने शराबबंदी के लिए कहा, ठेकेदार ने बात हलके में ली
शराब ठेकेदार के घर धमाके को लेकर कुछ ही मिनटों के बाद बब्बर खालसा इंटरनेशनल की तरफ से सोशल मीडिया पर पोस्ट को वायरल किया गया। जिसमें लिखा है- वाहेगुरु जी का खालसा वाहेगुरु जी की फतेह… आज मैं जैंतीपुर में शराब ठेकेदार पप्पू जैंतीपुर के घर पर हुए ग्रेनेड हमले की जिम्मेदारी लेता हूं। इसके पीछे कारण यह है कि कुछ समय पहले हमने उन्हें फोन कर कहा था कि इस बार पंजाब में शराबबंदी करनी है और इसकी शुरुआत माझा से करनी है, हमारी बात को उन्होंने हल्के में लिया और बात को नजरअंदाज कर दिया लेकिन अब हम इसे अपने तरीके से समझाएंगे।
गुरु घर व स्कूलों के पास खोले ठेके
पोस्ट में यह भी लिखा है कि इन ठेकेदारों द्वारा गुरु घर और स्कूलों के पास कई ठेके खोले गए, लेकिन अब इसकी काफी निंदा हो रही है। दूसरे लोग उनके अधीन काम कर रहे हैं, इस बारे में सोचें। हमने उन्हें पहले मौखिक रूप से बताया था लेकिन उन्होंने कार्रवाई नहीं की, इसके बाद हमने उनके ठेके में आग भी लगा दी। लेकिन उन्होंने कोई बात नहीं की.’ और अगर किसी को पीना भी है तो वह अपने घर से बाहर ले जाकर पिए, ठेके से शराब नहीं लेनी चाहिए, क्योंकि आम जनता का पैसा सहकारी समिति और सरकार की जेब में चला गया है, लेकिन अब इसकी अनुमति नहीं दी जाएगी।