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पंकज सीबी मिश्रा/राजनीतिक विश्लेषक एवं पत्रकार जौनपुर यूपी
डोनाल्ड ट्रंप और नरेंद्र मोदी के टारगेट में चढ़े ट्रुडो को अब अपनी औकात का पता चल रहा होगा । डीप स्टेट के सारे मुख्य एजेंट अब ट्रंप के हिट लिस्ट में आ गए हैं। कभी बाइडेन के राइट हैंड रहा एलन मस्क दुनियाभर में घूम घूम कर वैरिफाइड अकाउंट के लिए भीख मांग रहा। उधर बांग्लादेश धुर दक्षिणपंथियों को इकट्ठा कर रहा हैं। केवल इकट्ठा ही नहीं कर रहे बल्कि अपना इकोसिस्टम भी डिजाइन कर रहा अशांति दूत मोहम्मद यूनुस। लेकिन अब ये भी भारत के हत्थे चढ़ ही जायेगा । भारत की कूटनीति का मारा,कनाडाई मूर्ख प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण से पहले अपने पद से इस्तीफा दे चुका है। उसे डोनाल्ड की टीम ने भागने के लिए मजबूर कर दिया। जल्द ही एक और डंप स्टेट इंग्लैंड का प्रधानमंत्री ब्रिटेन का किएर स्टार्मर अपनी पद से इस्तीफा दे सकता है, क्योंकि इसके खिलाफ खुद एलन मस्क ने हुंकार भर दिया है। यह तो दिल की लगी का मामला है। डोनाल्ड और मस्क दोनों ही डीप स्टेट की कारगुज़ारियों के भुक्तभोगी है तो हर स्तर पर उतर कर निपटाने में लगे हैं। ट्रूडो के इस्तीफे का कनाडा-भारत के रिश्तों पर क्या असर पड़ेगा इसकी समीक्षा अगले लेख में कर दूंगा । भारत के साथ अपने देश के संबंधों को तनावपूर्ण बनाने वाले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अपने पद और लिबरल पार्टी के नेता पद से इस्तीफा दे दिया है। कनाडाई पीएम के इस कदम की दुनियाभर में बातचीत हो रही है और भारत को इस कूटनीति का श्रेय दिया जा रहा । इसी बीच एक सवाल ये भी खड़ा हो रहा है कि ट्रूडो के इस कदम से भारत-कनाडा के रिश्ते पर कैसा प्रभाव पड़ने वाला है और अमेरिका इसे किस तरह देखेगा ! कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे ने कनाडा की राजनीति में भूचाल ला दिया है। ट्रूडो इस्तीफे ने कनाडा की राजनीति में गर्माहट है लेकिन इसी बीच तेजी से बदलते घटनाक्रम और भारत-कनाडा के रिश्ते को लेकर कनाडाई पत्रकार डैनियल बोर्डमैन ने कहा कि ट्रूडो का इस्तीफा भारत के लिए अच्छा हो सकता है। बता दें कि भारत के साथ अपने देश के संबंधों को तनावपूर्ण बनाने वाले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अपने पद और लिबरल पार्टी के नेता पद से इस्तीफा दे दिया है। ट्रूडो ने पार्टी अध्यक्ष से नया नेता चुनने की प्रक्रिया शुरू करने का आग्रह किया है। नए नेता के चुनाव होने तक वह पीएम बने रहेंगे। कनाडा में अक्तूबर में आम चुनाव होने हैं ।कनाडाई पत्रकार डैनियल बोर्डमैन का तर्क है कि यह भारत के लिए अच्छा हो सकता है। उन्होंने बताया कि भारत में अपने सीमित अनुभवों के आधार पर उन्हें यह महसूस हुआ कि भारतीयों को कनाडा से कोई समस्या नहीं है, वे कनाडा को पसंद करते हैं। हालांकि, जब ट्रूडो और जगमीत सिंह का नाम आता है, तो भारतीय गुस्से में आ जाते हैं और चिल्लाने लगते हैं। बोर्डमैन ने भरोसा जताया कि कंजर्वेटिव सरकार के आने के बाद इस स्थिति में सुधार हो सकता है। उधर ट्रूडो के इस्तीफे से कनाडाई लोगों में खुशी का महौल देखा गया ।कनाडाई पत्रकार डैनियल बोर्डमैन के मुताबिक प्रधानमंत्री ट्रूडो के इस्तीफे से कनाडा में लोग खुशी का महौल हैं और यह स्थिति संसद की जांच के बाद स्पष्ट हो सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि मार्च तक लिबरल पार्टी का नेतृत्व बदल सकता है और कनाडा में गर्मियों में चुनाव होने की संभावना है। साथ ही बोर्डमैन ने यह भी कहा कि ट्रूडो का पिछले आठ सालों में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ खड़ा होना कनाडा और अमेरिका के रिश्तों में अस्थिरता का कारण बना। ब्रिटेन में भी किएर स्टार्मर लेबर पार्टी का प्रधानमंत्री है। लेबर पार्टी, यानी यह समझ लीजिए की जैसे भारत की कम्युनिस्ट पार्टी या फिर कांग्रेस पार्टी(मुस्लिम लीग) है।भारत की कांग्रेस (मुस्लिम लीग) ब्रिटेन की लेबर पार्टी अमेरिका की डेमोक्रेट पार्टी,कनाडा की लिबरल पार्टी, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया और इटली सबमें ही ही डीप स्टेट के ताकतवर सदस्य मौजूद हैं, उनका उद्देश्य डीपस्टेट की कंपनियों की लाभ पहुंचाना होता है, यानी कि सीधे शब्दों में कहें तो राष्ट्रवाद और बहुसंख्यक धर्मावलंबियों से घोर नफरत करने वाली पार्टियां दुनियां भर में फैली है। सारे संसार में उनका अपना बना बनाया इकोसिस्टम मौजूद है। बीते दिनों ब्रिटेन के सह पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की बयानबाजी अचानक भारत के बहुत विरुद्ध होने लगी थी। उन्होंने भारत सरकार पर तमाम गंभीर आरोप लगाए परंतु जब उनसे सबूत मांगे गए तो उनका कहना था कि वह बातें उन्होंने सिर्फ इंटेलिजेंस रिपोर्ट के आधार पर कही थी। उनके तमाम उलूल जुलूल बयानों के कारण भारत सरकार से कनाडा के रिश्ते बिगड़ते चले गए। जिसके कारण अब कनाडा में विपक्ष के तमाम सारे नेता तो उनके खिलाफ खुली जंग छेड़ ही दिए हैं, उनके अपने ही समर्थक सांसदों ने भी ट्रूडो के प्रति गहरी नाराजगी व्यक्ति की है। फिलहाल आजकल वह ब्रिटेन को हिस्लामीक रिपब्लिक ऑफ ब्रिटेन बनाने पर तुला हुआ है।आप सभी लोग इस बात को लेकर अंदाजा लगा सकते हैं कि टॉमी रॉबिंसन जिन्होंने पिछले हफ्ते ब्रिटेन में पाकिस्तानी ग्रूमिंग गैंग का सबूत के साथ खुलासा किया था और उसमें जो तमाम पीड़ित लड़कियां थीं उनका इंटरव्यू लिया था, आज उसी लेबर पार्टी के प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर की आदेश पर 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी जाते हैं और टॉमी रॉबिंसन को एक आतंकवादी की तरह सुलूक करके गिरफ्तार कर लेते हैं। यानी ब्रिटेन में अब ऐसे हालात हो गए हैं कि, आप वहां पर सच्चाई नहीं बोल सकते।