सुप्रीम कोर्ट ने डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए दी तीन दिन की मोहलत
नई दिल्ली 31 दिसंबर। खनौरी बॉर्डर पर 36 दिन से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत डल्लेवाल पंजाब सरकार से बातचीत को राजी हैं। वहीं उनको अस्पताल में भर्ती कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट से पंजाब सरकार को तीन दिन की मोहलत मिल गई है।
जानकारी के मुताबिक मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बैंच ने इस मामले में सुनवाई की। जिसमें पंजाब सरकार ने कहा कि सोमवार को पंजाब बंद था, जिस वजह से ट्रैफिक नहीं चला। इसके अलावा एक मध्यस्थ ने भी आवेदन दिया है। जिसमें कहा गया है कि अगर यूनियन हस्तक्षेप करती है तो डल्लेवाल बातचीत के लिए तैयार हैं। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार के समय मांगने के आवेदन को मंजूर कर लिया।
इस अवमानना मामले की अगली सुनवाई अब दो जनवरी को होगी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 28 दिसंबर की सुनवाई में पंजाब सरकार को 31 दिसंबर तक का अल्टीमेटम दिया था। यहां काबिलेजिक्र है कि सुप्रीम कोर्ट में पंजाब के एजी गुरमिंदर सिंह ने कहा कि कल दो चीजें बीच में आ गईं। पंजाब बंद था, जिस वजह से कल सोमवार को ट्रैफिक बिल्कुल भी नहीं चला। एक मध्यस्थ ने भी आवेदन दिया है, जिसमें कहा गया है कि अगर यूनियन हस्तक्षेप करती है तो डल्लेवाल बातचीत के लिए तैयार हैं। जिस पर जस्टिस सूर्यकांत ने अगर आपको कुछ और समय चाहिए, तो हम तैयार हैं। अवमानना करने वालों पंजाब के चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी ने डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती करवाने के लिए तीन दिन का समय मांगा है। एडवोकेट जनरल ने भी मौखिक तौर पर कुछ स्थितियां बताई हैं। जिसे देखते हुए डल्लेवाल को भर्ती कराने के आदेश को लागू करने के लिए कुछ और समय देने की अर्जी मंजूर की जाती है। कोर्ट के आदेश के बाद पंजाब पुलिस ने किसानों और डल्लेवाल को मनाने की काफी कोशिश की। 29 और 30 दिसंबर को रिटायर्ड एडीजीपी जसकरण सिंह के साथ पटियाला पुलिस के सीनियर अफसरों को भेजा गया। उन्होंने किसान नेताओं और डल्लेवाल से भी बात की, लेकिन तब वे राजी नहीं हुए। रविवार की रात पुलिस ने तैयारी भी की थी, लेकिन किसानों को भनक लगने के बाद जबरदस्ती ले जाने की कोई कार्रवाई नहीं की गई।
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