लुधियाना 23 दिसंबर। नेशनल हाइवे 95ए पर कनाल रोड पर साउथ सिटी के बाहर लगातार अवैध निर्माण किए जा रहे हैं। हाईकोर्ट में सख्ती के बावजूद भी ग्लाडा इसे रोक नहीं पा रहा है। जिसे देख लगता है कि शायद ग्लाडा अधिकारियों के भी अब इन लैंड माफिया के आगे हाथ खड़े हो चुके हैं। बता दें कि ग्लाडा द्वारा कुछ दिन पहले जहां अवैध निर्माण गिराए गए, उसके एकदम साथ ही लैंड माफिया द्वारा छुटि्टयों का फायदा उठा दो दिन में इमारत खड़ी कर दी। हालांकि इन अवैध इमारतों का मामला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में विचाराधीन है। जिसके बावजूद लैंड माफिया द्वारा तो कोर्ट के आदेशों को लेकर लापरवाही की ही जा रही है, साथ में ग्लाडा द्वारा भी उनका पूरे तरीके से साथ दिया जा रहा है। हालांकि यह मामला लुधियाना सिटीजन काउंसिल और लेट्स क्लीन लुधियाना फाउंडेशन द्वारा उठाया गया है। उनकी तरफ से ग्लाडा के अधिकारियों को शिकायत दी है। अब देखना होगा कि ग्लाडा द्वारा कोई एक्शन लिया जाएगा या नहीं।
ग्लाडा आठ इमारतों पर पहले कर चुका कार्रवाई
जानकारी के अनुसार साउथ सिटी रोड पर पहले भी धड़ल्ले से एक के बाद एक कई अवैध इमारतें बनी थी। हाईकोर्ट के आदेशों के बाद ग्लाडा की और से आठ इमारतों पर एक्शन लेते हुए उन्हें गिरा दिया था। लेकिन जिन इमारतों पर कार्रवाई की गई, उसके साथ ही अब यह एक और अवैध इमारत बनाई जा रही है।
छुट्टी का फायदा उठा डाला लेंटर
लुधियाना सिटीजन काउंसिल के सदस्यों ने बताया कि उक्त इमारत का पहले कुछ हिस्सा ही बना था। लेकिन शनिवार को दोबारा से इसका निर्माण शुरु हुआ। रातों रात लैंटर डाल दिया गया। जबकि रविवार को भी काम धड़ल्ले से चलता रहा। दो दिन के अंदर अंदर काफी हद तक इमारत का काम पूरा कर लिया। सोमवार को काम जारी रहा, लेकिन कोई भी ग्लाडा अधिकारी इसे रोकने तक नहीं आया। अब लैंड माफिया द्वारा इमारत के आगे काला पर्दा लगा दिया गया है, ताकि किसी को कुछ दिखाई न दे।
हाईकोर्ट की सख्ती, फिर भी हो रहे अवैध निर्माण
लुधियाना सिटीजन काउंसिल और लेट्स क्लीन लुधियाना फाउंडेशन द्वारा पहले इन मामलों संबंधी कई बारा ग्लाडा अधिकारियों को शिकायत की। लेकिन कार्रवाई न होने पर काउंसिल सदस्यों ने हाईकोर्च में याचिका दायर की। याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट द्वारा सख्ती की गई। जिसके बाद ग्लाडा ने आठ अवैध निर्माण गिराए। लेकिन अब फिर से अवैध निर्माण जारी है। जिसे देख लगता है कि शायद अफसरों को भी हाईकोर्ट की प्रवाह नहीं है।
अफसरों पर मिलीभगत के आरोप
वहीं काउंसिल सदस्यों द्वारा ग्लाडा के अफसरों पर मिलीभगत के आरोप लगाए हैं। उनका आरोप है कि अफसरों की शह पर ही यह अवैध निर्माण हो रहे है। जिसके चलते उन्हें मोटी रिश्वत भी दी जाती है। इसी कारण निर्माण होने के बाद ही मुलाजिम कार्रवाई करने पहुंचते हैं। जबकि कई बार तो आपसी सेटिंग के चलते कार्रवाई भी नहीं की जाती।
48 घंटा का दिया समय, नहीं तो जाएंगे कोर्ट
काउंसिल की और से ग्लाडा अफसरों को शिकायत भेजने के साथ साथ 48 घंटे का समय दिया गया है। उन्होंने कहा कि अगर 48 घंटे के अंदर अंदर कार्रवाई न हुई तो वह हाईकोर्ट में इस संबंधी शिकायत करेगें। काउंसिल सदस्यों ने बताया कि पहले अवैध निर्माणों संबंधी दायर की याचिका कोर्ट में विचाराधीन है।