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निगम चुनाव जालंधर : आप को सियासी-झटका, जोड़तोड़ से बनेगा मेयर

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मान, अमन, भगत की मेहनत नहीं ला सकी रंग, आम आदमी पार्टी को लगा बड़ा झटका

जालंधर 22 दिसंबर। यहां नगर निगम चुनाव के नतीजे घोषित हो गए, लेकिन इस बार चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला। बहुमत का आंकड़ा 43 था, लेकिन सत्ताधारी आम आदमी पार्टी को सबसे ज्यादा 38 सीटें ही मिल सकीं। जिसके बाद 25 पार्षदों के साथ कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही। तीसरे नंबर पर बीजेपी के 19 उम्मीदवारों ने जीत दर्ज कराई है।

यहां गौरतलब है कि शहर के कुल 85 वार्डों में चुनाव हुए, जिसमें सिर्फ 50.27 फीसदी वोट पड़े। यह वोट प्रतिशत पिछले चुनाव से करीब 11 फीसदी कम रहा। सबसे खास पहलू, आप से टिकट ना मिलने से नाराज तरसेम सिंह लखोत्रा ​​ने निर्दलीय चुनाव जीत लिया। ऐसे में अब आप लखोत्रा ​​को आम आदमी पार्टी में शामिल करना चाहेगी, क्योंकि फिलहाल आप बहुमत हासिल नहीं कर सकी है।

सियासी जानकारी के मुताबिक आप को यह नुकसान इसलिए भी हुआ, क्योंकि आप से बागी नेताओं ने पार्षद चुनाव की तैयारी पहले ही शुरू कर दी थी। बाद में उन्हें टिकट नहीं मिल, जिसके चलते आप को भी नुकसान उठाना पड़ा। वहीं जिन लोगों को टिकट नहीं मिला, उन्होंने या तो निर्दलीय चुनाव लड़ा या फिर आप के वोट काटे। जिसके कारण आप को भारी नुकसान हुआ और वह बहुमत के आंकड़े से दूर रह गई।

अगर विधानसभा वार बात करें तो जालंधर पश्चिम क्षेत्र से कैबिनेट मंत्री मोहिंदर भगत के अलावा किसी भी पार्टी का कोई भी विधायक अपने क्षेत्र की सीट नहीं बचा पाया। भगत के विधानसभा क्षेत्र में कुल 24 वार्ड हैं, जिनमें से आप ने 10 और भाजपा ने 8 सीटें जीतीं। दूसरी ओर, जालंधर कैंट में कांग्रेस के विधायक परगट सिंह हैं। जहां कांग्रेस को सिर्फ 4 सीटों पर बढ़त मिली और आम आदमी पार्टी ने 8 सीटें जीतीं। इसी तरह, जालंधर सेंट्रल विधानसभा क्षेत्र में कुल 23 वार्ड हैं, जिनमें से कांग्रेस ने 10 सीटें जीतीं।

इसके अलावा सेंट्रल विधानसभा क्षेत्र में आम आदमी पार्टी के विधायक रमन अरोड़ा हैं। जो सिर्फ 9 सीटें जीत पाए। अंत में, जालंधर नॉर्थ में आम आदमी पार्टी ने कुल 11 सीटें जीतीं। नॉर्थ विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक बावा हेनरी हैं। जो अपने क्षेत्र में सिर्फ 7 सीटें ही जीत पाए।

आप को बहुमत के लिए फिलहाल करीब 5 और नेताओं की जरूरत है। ऐसे में उन्हें निर्दलीय उम्मीदवारों और विपक्ष पर निर्भर रहना पड़ेगा। विपक्ष समर्थन के लिए सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का पद मांग सकता है। इसके बाद ही आप अपना मेयर बना पाएगी। फिलहाल 38 सीटें जीतने वाली आप के नेता निर्दलीय उम्मीदवारों को मनाने में जुटे हैं। राज्य के सीएम सरदार भगवंत सिंह मान, पंजाब आप प्रमुख और कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा, मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ और मंत्री मोहिंदर भगत ने शहर के हर हल्के में प्रचार किया और शहर की जनता से कई वादे किए। जब नतीजे आए तो सियासी हालात बदल गए।

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