हाईकोर्ट ने फटकारा पटियाला में निगम चुनाव के दौरान विपक्षियों के नामांकन फाड़ने पर

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अदालत ने कहा-एसएसपी की मौजूदगी में ऐसा होना शर्मनाक, क्या सरकार संविधान-कानून से ऊपर ?

चंडीगढ़ 20 दिसंबर। नगर निगम चुनाव की नामाकंन प्रक्रिया के दौरान पटियाला में सएसपी की मौजूदगी में हुए बवाल पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने गंभीर संज्ञान लिया है। अदालत ने एसएसपी की मौजूदगी में ही विपक्ष के लोगों के नामांकन पत्र फाड़ने के मामले में सूबे के मुख्य सचिव और डीजीपी को जमकर फटकर लगाई है।
जानकारी के मुताबिक हाईकोर्ट ने कहा कि एसएसपी की मौजूदगी में ऐसा हुआ, दुर्भाग्यपूर्ण है, क्या सरकार संविधान और कानून से भी ऊपर है। हाईकोर्ट में पटियाला चुनाव को लेकर अवमानना याचिका दाखिल की गई थी। कोर्ट को बताया गया कि चुनाव के लिए नामांकन भरने से याची को रोक दिया गया और कागज फाड़ दिए गए। कोर्ट में इसका वीडियो भी पेश किया गया, जहां एसएसपी मौजूद दिखे। इस पर पंजाब के डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी को हाईकोर्ट ने तलब कर लिया। दोपहर में दोनों अधिकारी वीसी के जरिए हाईकोर्ट में पेश हुए।
अदालत ने डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी से पूछा कि आपने वीडियो देखे हैं, जिसमें धक्केशाही साफ नजर आ रही है। दोनों अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने अभी देखे हैं और उस पर कार्रवाई की जा रही है। हाईकोर्ट ने पूछा कि कब तक कार्रवाई होगी, दोनों ने कहा जल्द से जल्द करेंगे।
हाईकोर्ट ने कहा कि एसएसपी की मौजूदगी में ये सब हुआ है, कार्रवाई क्या की गई है। चीफ सेक्रेटरी ने कहा कि जांच की जा रही है। हाईकोर्ट ने कहा कि अगर ऐसे ही होना है तो चुनाव करवाने की क्या जरूरत है। चीफ सेक्रेटरी ने कहा कि वे अधिकारियों की भूमिका की जांच करेंगे। हाईकोर्ट ने कहा कि कैसे पुलिस अधिकारियों के सामने नॉमिनेशन फाड़े गए, इतनी धक्केशाही बर्दाश्त नहीं की जा सकती। चीफ सेक्रेटरी ने कहा जिस अधिकारी की भूमिका सामने आई उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
हाईकोर्ट ने कहा कि लोगों को चुनाव लड़ने ही नहीं दिया जा रहा, यह सीधे तौर पर लोकतंत्र के खिलाफ है, अगर ऐसे ही चलेगा तो चुनाव पर रोक लगाई जा सकती है। पंचायत चुनाव में भी ऐसा ही हुआ था, संविधान सबसे ऊपर है। जब लोगों को चुनाव में भाग ही नहीं लेने दिया जा रहा तो लोकतंत्र कैसे रहेगा। इस दौरान पंजाब के एडवोकेट जनरल को वीडियो दिखाते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि देखो क्या हो रहा है, बाघा पुराना और धर्मकोट में भी विपक्षी दलों के उम्मीदवारों को नामांकन भरने नहीं दिया गया। एजी ने कहा कि सभी मामलों में कार्रवाई की जाएगी।
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