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ओमप्रकाश चौटाला का निधन, हरियाणा के पूर्व सीएम ने गुरुग्राम में ली अंतिम सांस

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हरियाना/यूटर्न/20 दिसंंबर: हरियाणा से एक दुखद खबर सामने आई है। ओमप्रकाश चौटाला का निधन हो गया। पूर्व सीएम ने 89 साल की उम्र में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली। वे इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के प्रमुख थे। उनके निधन से राजनीति जगत में शोक की लहर है। हरियाणा में ओपी चौटाला के नाम से ओमप्रकाश चौटाला फेमस थे। वे देश के छठवें उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के बेटे थे। उनका जन्म 1 जनवरी 1935 में सिरसा के डबवाली गांव में हुआ था। उन्होंने इनेलो से हरियाणा के सीएम के रूप में कार्य किया था।
हरियाणा के 4 बार सीएम बने ओमप्रकाश चौटाला
ओमप्रकाश चौटाला हरियाणा के चार बार मुखयमंत्री रहे। सीएम के तौर पर उनका कार्यकाल 2 दिसंबर 1989 से 22 मई 1990 तक, 12 जुलाई 1990 से 17 जुलाई 1990 तक, 22 मार्च 1991 से 6 अप्रैल 1991 तक और 24 जुलाई 1999 से 5 मार्च 2005 तक रहा। वे राष्ट्रीय स्तर पर एनडीए और तीसरे मोर्चे (गैर एनडीए और गैर यूपीए मोर्चा) का हिस्सा रहे थे।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने दी श्रद्धांजलि
कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एक्स पर पोस्ट कर ओमप्रकाश चौटाला के निधन पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि हरियाणा के पूर्व मुखयमंत्री और विधानसभा में साथी रहे चौ. ओमप्रकाश चौटाला के निधन का समाचार दु:खद है। उनसे हमारे पारिवारिक संबंध रहे और अपने मुखयमंत्रित्व काल में उन्होंने प्रदेश के विकास में काफी योगदान दिया। दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि और परिजनों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। भगवान् से प्रार्थना है कि दु:ख की इस घड़ी में परिवारजनों कोम्बल प्रदान करें।
कुनबे में कौन-कौन? कितने मेंबर राजनीति में और कौन गुमनाम?
हरियाणा की राजनीति के ‘धाकड’ नेता रहे ओम प्रकाश चौटाला ने आज दुनिया को अलविदा कह दिया। जी हां, हरियाणा के 4 बार के मुखयमंत्री और इनेलो प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला का आज निधन हो गया। 89 साल की उम्र में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में आखिरी सांस ली। उन्हें उनके आवास पर आज दिल का दौरा पड़ा था, जिसके चलते उन्हें अस्पताल ले जाया गया था। वहीं उन्होंने अंतिम सांस ली। आज शुक्रवार 20 दिसंबर शाम को उनका पार्थिव शरीर सिरसा स्थित उनके पैतृक गांव चौटाला ले जाया जाएगा, जहां लोग उनके अंतिम दर्शन कर पाएंगे। इसके साथ ही हरियाणा की राजनीति के एक युग का अंत हो गया, लेकिन जब-जब हरियाणा में चुनाव होंगे और हरियाणा की सियासत की बात होगी, चौटाला परिवार का जिक्र जरूर होगा। क्योंकि ताऊ देवी लाल चौटाला और उसके बाद ओम प्रकाश चौटाला के नाम से मशहूर खानदान की विरासत को उनके बच्चे आगे बढ़ा रहे हैं। कहा जाए तो पूरे चौटाला परिवार की जिंदगी राजनीति के इर्द-गिर्द घूमती है और सिरसा जिले की डबवाली तहसील का चौटाला गांव इस परिवार की जन्मभूमि और कर्मभूमि है। आइए जानते हैं कि ओम प्रकाश चौटाला के कुनबे में कौन-कौन है? कितने मेंबर राजनीति में हैं और कौन-क्या करता है?
ताऊ देवी लाल
अंग्रेजों की गुलामी वाले भारत में साल 1919 में चौधरी देवीलाल के पूर्वज राजस्थान से सटे सिरसा जिले के गांव चौटाला में आकर बसा। देवीलाल अपने ननिहाल में राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के अमरपुरा जालू में पैदा हुए थे। 1952 में कांग्रेस से विधायक बने। 1957 और 1962 में पंजाब विधानसभा के सदस्य भी रहे। 1971 तक कांग्रेस में रहे और 1977 में जनता पार्टी जॉइन की। 1987 में इंडियन नेशनल लोकदल बनाई। 2 दिसंबर 1989 से लेकर 21 जून 1991 तक उप-प्रधानमंत्री रहे। उप-प्रधानमंत्री बनने के बाद 1991, 1996, 1998 में रोहतक सीट से लोकसभा चुनाव हारे। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हराया। 1998 में वह राज्यसभा सदस्य बने। 2001 में राज्यसभा सांसद थे, लेकिन उनका निधन हो गया। ओम प्रकाश चौटाला सबसे बड़े बेटे हैं।
पत्नी और 4 बेटे-एक बेटी
ताऊ देवीलाल की पत्नी का नाम हरकी देवी था। साल 1926 में दोनों की शादी हुई थी। इनके 4 बेटे थे, जिनमें से दुनिया 2 को ही जानती है। इनकी एक बेटी भी है, लेकिन उसके बारे में दुनिया को ज्यादा जानकारी नहीं है। इनके बेटों का नाम ओम प्रकाश चौटाला, प्रताप चौटाला, रणजीत सिंह चौटाला, जगदीश चौटाला है। इनमें से प्रताप चौटाला और जगदीश चौटाला का निधन हो चुका है। ओम प्रकाश चौटाला और रणजीत चौटाला हरियाणा की रानजीति के दिग्गज नेता हैं, लेकिन आज ओम प्रकाश चौटाला का भी निधन हो गया। अब चौटाला खानदान की दूसरी पीढ़ी के एकमात्र सदस्य रणजीत चौटाला रह गए हैं।
ओम प्रकाश चौटाला
ताऊ देवीलाल चौटाला के सबसे बड़े बेटे ओम प्रकाश चौटाला 4 बार हरियाणा के मुखयमंत्री रहे, लेकिन इनका जीवन विवादित रहा। वे आखिरी सांस तक इनेलो अध्यक्ष रहे। ओम प्रकाश चौटाला दिल्ली एयरपोर्ट पर सोने की घडिय़ों की तस्करी के आरोप में गिरफतार हुए थे। तब पिता ताऊ देवीलाल उनसे नाराज हो गए और उन्हें घर-परिवार से निकाल दिया, लेकिन पिता की विरासत उनके ही हाथ आई, जो पिता ने खुद उन्हें सौंपी। उनका विवाह स्नेह लता से हुआ था, जिनकी अगस्त 2019 में मृत्यु हो गई थी। उनके 2 बेटे और 3 बेटियां हैं। बेटों के नाम अभय सिंह चौटाला और अजय सिंह चौटाला हैं ।
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