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बीए के बाद करता बैंक की नौकरी तो नहीं होता राज्यपाल… बंडारू दत्तात्रेय ने छात्रों को सुनाई अपनी कहानी

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हरियाना/यूटर्न/17 दिसंंबर: हरियाणा के 18वें राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को राजनीति में आने से पहले बैंक की नौकरी का ऑफर मिला था लेकिन उन्होंने यह नौकरी नहीं की। इसका खुलासा खुद हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने झज्जर के एक स्कूल में छात्र-छात्रओं को संबोधित करते हुए किया। बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि अगर बीए ने की नौकरी कर ली होती तो शायद आज इस मुकाम तक नहीं पहुंच पाता। मैं राज्यपाल नहीं बन पाता। दत्तात्रेय ने कहा कि मेरी मां प्याज बेचती थीं लेकिन इसके बाद मेरी मां उस दौर में पढ़ाई की अहमियत को में अच्छी तरह से समझती थीं। जिसने मुझे हमेशा से आगे बढऩे का मौका दिया।
नहीं ज्वाइन की थी बैंक की नौकरी
हरियाणा के राज्यपाल ने छात्र-छात्राओं को पढऩे के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा कि मुझे बीए करने के बाद बैंक की नौकरी का ऑफर मिला था, लेकिन मेरी इच्छा समाज के लिए कुछ करने की थी। जिसका सदैव मेरे परिवार ने समर्थन किया। विज्ञान में ग्रेजुएशन करने वाले बंडारू दत्तात्रेय ने 1965 में राष्ट्रीय स्वमंसेवक की सदस्यता ली थी। इसके बाद वह सबसे पहले 1991 में पहली बार लोकसभा के चुने गए थे। इसके बाद वह राज्य बीजेपी के अध्यक्ष भी रहे। इसके बाद वह 1998, 1999 में फिर जीते और केंद्र में मंत्री बने। इसके बाद उन्हें 2014 में फिर से जीत मिली। इसके बाद वह फिर मंत्री बने। 2021 में केंद्रीय मंत्रिमडल से हटने के बाद राष्ट्रपति ने उन्हें राज्यपाल नियुक्त किया।
छात्रों को किया मोटीवेट
हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने यह बात रविवार को गांव खातीवास स्थित एक निजी स्कूल के नौवें वार्षिकोत्सव एवं पारितोषिक समारोह में कही। इस मौके पर राज्यपाल ने बतौर मुखय अतिथि छात्र-छत्राओं को समानित भी किया। झज्जर के गांव खातीवास स्थित संस्कारम विद्यालय के वार्षिकोत्सव में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि जीवन में आगे बढऩे का एकमात्र रास्ता लगन और मेहनत है। सफलता का कोई शार्टकट नहीं हो सकता, इसलिए जरूरी यह है कि आप लक्ष्य निर्धारित करें और उसे पाने के लिए दिन-रात एक कर दें।
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