पंजाब/यूटर्न/13 दिसंंबर: पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे सरवन सिंह पंधेर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला खत लिखा है। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने खुद इसकी जानकारी दी। पंधेर ने कहा कि हमने प्रधानमंत्री को एक खुला पत्र लिखा है, जिसमें हमने कृषि मंत्रालय के 2013, 2016 के सहमति पत्र और कृषि मंत्रालय के दिसंबर 2021 के पत्र का हवाला दिया है। पंधेर ने कहा है कि अगर किसानों को कुछ नुकसान होता है इसकी जिंमेदारी केंद्र सरकार की होगी।
पत्र में मांगों का किया उल्लेख
पंधेर ने अपने पत्र में मांगें रखी हैं। पंधेर ने कहा है कि अगर इन विरोध प्रदर्शनों के दौरान किसानों को कोई नुकसान होता है, तो इसकी जिंमेदारी भारत सरकार की होगी। पंधेर ने लिखा है कि हम देश के लोगों से शाम को उपवास करने की अपील कर रहे हैं। कल हमें यहां 10 महीने पूरे हो जाएंगे, इसलिए हम लोगों से बड़ी संखया में यहां पहुंचने की अपील करते हैं। 14 दिसंबर को जसविंदर सिंह लोंगोवाल और मलकियत सिंह गुलामीवाला के नेतृत्व में 101 किसान दिल्ली जाएंगे। हम पर डिजिटल आपातकाल लगाया जा रहा है… जब हमारी बात आप तक पहुंचना बंद हो जाती है, तो इसका मतलब है कि सरकार हम पर हमला करने की तैयारी कर रही है।
कई शहरों में डटे हैं किसान
पंजाब हरियाणा के शंभू बॉर्डर के साथ नोएडा में भी किसान आंदोलन पर बैठे हैं। बुधवार को जेल में बंद किसानों से मिलने जा रहे समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल को पुलिस ने रोक लिया। किसान एमएसपी पर कानूनी गारंटी चाहते हैं। इसके लिए किसानों दिल्ली चलो का प्लान बनाया है ताकि शीतकालीन सत्र में ही सरकार पर दबाव बनाया जा सके। किसानों के आंदोलन का यह दूसरा सीजन है। पुलिस ने इन्हें शंभू बॉर्डर पर रोक दिया है। किसानों का कहना है कि स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट पर फसलों की कीमत तय हो। किसान चाहते हैं कि उनका कर्ज माफ होना चाहिए। किसान आंदोलन में मारे गए किसानों के परिवार को मुआवजा मिलना चाहिए। किसान चाहते हैं कि भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 दोबारा लागू हो।
————–
किसानों को कोई नुकसान होता है, तो… सरवन सिंह पंधेर ने पीएम मोदी को लिखा खुला खत,
Kulwant Singh
👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं