राज्यसभा में सांसद संजीव अरोड़ा ने केंद्रीय मंत्री से इस मुद्दे पर मांगा जवाब
लुधियाना 12 दिसंबर। पंजाब राज्य सहित देश भर में विश्वविद्यालयों और उद्योगों के बीच सहयोगी आरएंडडी परियोजनाओं की संख्या बढ़ाने के लिए कई योजनाएं और कार्यक्रम हैं। केंद्र सरकार द्वारा इन योजनाओं के तहत विकसित प्रौद्योगिकियों के व्यावसायीकरण और अनुवाद पर जोर दिया जाता है। जांचकर्ताओं को उद्योग हितधारकों के साथ सहयोग के लिए प्रोत्साहित करते हैं। ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि इनके परिणामस्वरूप ठोस सामाजिक लाभ वाले इनोवेटिव प्रोडक्ट्स और समाधान सामने आएं।
राज्यसभा के चल रहे शीतकालीन सत्र में यह जवाब विज्ञान- प्रौद्योगिकी व पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के राज्य मंत्री डॉ. जितेंदर सिंह ने दिया। इस बारे में लुधियाना से सांसद संजीव अरोड़ा ने सवाल किया था कि एनआरएफ के तहत पंजाब में आरएंडडी परियोजनाओं की क्या स्थिति है। पंजाब के विश्वविद्यालयों में अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं की संख्या कितनी है, जिन्हें राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन या अन्य केंद्रीय योजनाओं के तहत वित्त पोषण मिला है।
उन्होंने कृषि प्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा और चिकित्सा अनुसंधान जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित इन परियोजनाओं की संख्या के बारे में भी पूछा था। साथ ही सरकार कैसे पंजाब के विश्वविद्यालयों और उद्योग के बीच सहयोगी आरएंडडी परियोजनाओं की संख्या बढ़ाने का काम कर रही है।
मंत्री ने जवाब दिया कि अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन को हाल ही में चालू किया है। पंजाब विश्वविद्यालयों में कई आरएंडडी परियोजनाएं हैं, जिन्हें पूर्ववर्ती विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड और विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की अन्य केंद्रीय योजनाओं के तहत वित्त पोषण मिला है। इसमें पंजाब विश्वविद्यालय में स्वीकृत 18 आरएंडडी परियोजनाएं शामिल हैं, जिनमें से 4 परियोजनाएं चिकित्सा अनुसंधान के प्रमुख क्षेत्र पर केंद्रित हैं। प्रौद्योगिकी, विकास और डिप्लॉयमेंट योजना के तहत 110 अनुसंधान एवं विकास परियोजनाएं हैं, जिनमें 12 परियोजनाएं रिन्यूएबल एनर्जी, 12 एग्रीकल्चरल टेक्नोलॉजी और 11 मेडिकल रिसर्च में हैं।
———–