राज्यसभा के शीतकालीन सत्र में मंत्री गडकरी ने सांसद अरोड़ा के सवाल पर किया खुलासा
लुधियाना 11 दिसंबर। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय मुख्य रूप से राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास और रखरखाव के लिए जिम्मेदार है। पिछले पांच वर्षों के दौरान राष्ट्रीय राजमार्गों के रखरखाव और मरम्मत पर लगभग 27,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
सांसद संजीव अरोड़ा को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन जयराम गडकरी ने राज्यसभा के शीतकालीन सत्र में यह जवाब दिया। मंत्री ने उल्लेख किया कि देश में राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क की 1,46,195 किलोमीटर लंबाई में से, चालू वित्त वर्ष के दौरान लगभग 816 किलोमीटर लंबाई में क्षति की सूचना मिली। राष्ट्रीय राजमार्गों का विकास और रखरखाव एक सतत प्रक्रिया है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय व इसकी विभिन्न क्रियान्वयन एजेंसियों द्वारा समय-समय पर इनकी स्थिति का आकंलन किया जाता है। राष्ट्रीय राजमार्गों की यातायात योग्य स्थिति बनाए रखने को लगातार कार्य किए जाते हैं।
उन्होंने बताया कि सरकार ने उत्तरदायी रखरखाव एजेंसी के माध्यम से राष्ट्रीय राजमार्गों के सभी खंडों के रखरखाव और मरम्मत को सुनिश्चित करने के लिए एक मैकेनिज्म विकसित किया है। राष्ट्रीय राजमार्गों के उन हिस्सों का रखरखाव और मरम्मत, जहां विकास कार्य शुरू हो चुके हैं या संचालन, रखरखाव और हस्तांतरण रियायतें/ संचालन और रखरखाव अनुबंध दिए गए हैं। इन राष्ट्रीय राजमार्गों के हिस्सों के संबंध में कोई अलग रखरखाव व्यय दर्ज नहीं किया जाता है।
इसके अलावा, मंत्री ने उत्तर दिया कि राष्ट्रीय राजमार्गों के शेष सभी खंडों के लिए, सरकार ने प्रदर्शन आधारित रखरखाव अनुबंध या अल्पकालिक रखरखाव अनुबंध के माध्यम से रखरखाव कार्य करने का नीतिगत निर्णय लिया है। ऐसे रखरखाव कार्यों की लागत इलाके के प्रकार, सड़क की स्थिति, लेन संरचना, अनुबंध अवधि आदि पर निर्भर करती है।
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