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पंजाब के सहकारी बैंकों में एक फीसदी से भी कम एनपीए

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सिर्फ दो राज्य बेहतर, केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में सांसद संजीव अरोड़ा के सवाल पर किया खुलासा

लुधियाना 6 दिसंबर। 31 मार्च, 2024 तक सहकारी बैंकों में कम एनपीए के मामले में पंजाब देश में तीसरे स्थान पर है। केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने उपलब्ध कराए आंकड़ों के अनुसार यह खुलासा किया।

राज्यसभा में शीतकालीन सत्र के दौरान सांसद संजीव अरोड़ा द्वारा उठाए सवाल पर केंद्रीय मंत्री ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सबसे अधिक सकल यानि ग्रॉस एनपीए प्रतिशत जम्मू और कश्मीर में 55.52% है। जबकि सबसे कम तेलंगाना में 0.08% है। हालांकि, पंजाब का सकल एनपीए प्रतिशत 0.91% है। सांसद अरोड़ा ने बताया कि मंत्री द्वारा उपलब्ध कराए आंकड़ों के अनुसार, 31 मार्च, 2024 तक सहकारी बैंकों में कुल सकल एनपीए राशि 14,53,742.83 लाख रुपये है।

मंत्री ने आगे उत्तर दिया कि नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (नाबार्ड) और रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) द्वारा दी गई रिपोर्ट के अनुसार, 7 स्टेट कोआपरेटिव बैंक (एससीबी), 424 अर्बन कोआपरेटिव बैंक (यूसीबी) और 120 डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल कोआपरेटिव बैंक (डीसीसीबी) की ग्रॉस नॉन-परफार्मिंग एसेट्स (जीएनपीए) 10% से अधिक हैं। इसी तरह, रूरल कोआपरेटिव बैंकों (आरसीबी) में लागू किए गए उपायों में 8 जून 2023 को आरबीआई द्वारा जारी अधिसूचना शामिल है, जो तनावग्रस्त परिसंपत्तियों के लिए विवेकपूर्ण ढांचे के दायरे को व्यापक बनाती है। आरबीआई ने 19 अप्रैल 2022 की अधिसूचना के माध्यम से स्टेट कोआपरेटिव बैंकों और डीसीसीबी को नए पूंजीगत साधन जारी करने की अनुमति दी है। आरसीबी को अपनी कुल परिसंपत्तियों के 5% की मौजूदा आवास वित्त सीमा के भीतर कमर्शियल रियल एस्टेट – रेजिडेंशियल हाउसिंग (सीआरई-आरएच) सेक्टर को वित्त प्रदान करने की अनुमति दी गई है।

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