लुधियाना के नामी चिकित्सकों ने संयुक्त बयान में तीखी प्रतिक्रिया जताई
लुधियाना 5 दिसंबर। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने सामाजिक संतुलन के लिए हर परिवार में दो-तीन बच्चे जरुरी होने संबंधी बयान दिया था। जिसे लेकर चिकित्सकों ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है।
इस पर लुधियाना से नामी चिकित्सक डॉ. अरुण मित्रा ईएनटी सर्जन, डॉ. गगनदीप सिंह ऑर्थोपेडिक सर्जन, डॉ. परम सैनी क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट, डॉ. शक्ति कुमार न्यूरो मनोचिकित्सक, डॉ. प्रज्ञा शर्मा नेत्र रोग विशेषज्ञ, डॉ. इंदरवीर सिंह गिल, डॉ. मोनिका धवन जनरल सर्जन ने संयुक्त बयान जारी किया। उन्होंने रोष जताते कहा कि आरएसएस प्रमुख भागवत का बयान महिलाओं के स्वास्थ्य और उनके आत्मनिर्णय के अधिकार के खिलाफ एक अवैज्ञानिक बयान है और इसका सांप्रदायिक रंग भी है। उन्होंने कहा कि ज्यादा बच्चे पैदा करने से महिलाओं के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ेगा। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार, हमारे देश में 57% महिलाएं एनीमिया (खून की कमी) से पीड़ित हैं। अधिक जनसंख्या का अर्थ है कि लोगों के खाने के लिए अधिक भोजन। हम पहले से ही खाद्य सुरक्षा संकट का सामना कर रहे हैं।
चिकित्सकों ने कहा कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2024 में भारत 127 देशों में से 105वें स्थान पर है। सरकार द्वारा अपनाई जा रही आर्थिक नीतियों और आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि के कारण लोगों के लिए पौष्टिक भोजन प्राप्त करना बहुत मुश्किल हो रहा है। परिणामस्वरूप महिलाओं में एनीमिया बढ़ रहा है जिसका असर अंततः संभावित बच्चों पर पड़ता है। जनसंख्या बढ़ेगी तो स्थिति और खराब हो जाएगी। आरएसएस प्रमुख की सोच के मुताबिक महिलाओं को अपने जीवन का बड़ा हिस्सा बच्चों को जन्म देने और फिर उनके पालन-पोषण में बिताना चाहिए।
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