केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा सांसद अरोड़ा के सवाल पर किया खुलासा
लुधियाना 5 दिसंबर। पिछले तीन साल के साथ ही चालू वर्ष के दौरान भ्रामक विज्ञापनों सहित विज्ञापन संहिता के उल्लंघन से संबंधित 1246 शिकायतें केंद्र सरकार तक पहुंची। इन शिकायतों का तीन-स्तरीय शिकायत निवारण तंत्र के अनुसार उचित तरीके से समाधान कर दिया गया है। यह खुलासा केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने किया है।
उन्होंने राज्यसभा केशीतकालीन सत्र में सांसद संजीव अरोड़ा द्वारा पूछे सवाल के जवाब में यह जानकारी दी। अरोड़ा ने अंधविश्वासी उत्पादों को बढ़ावा देने वाले विज्ञापनों को रोकने के उपायों के बारे में प्रश्न पूछा था। उनके सवाल पर मंत्री ने बताया कि निजी टीवी चैनलों पर प्रसारित सभी विज्ञापनों को केबल टेलीविजन नेटवर्कस रेगुलेशन एक्ट, 1995 और उसके तहत बनाए नियमों के तहत निर्धारित विज्ञापन संहिता का पालन करना आवश्यक है। सरकार लगातार निजी टीवी चैनलों को विज्ञापन संहिता का पालन करने के लिए परामर्श देती है।
मंत्री ने बताया कि पिछले तीन वर्षों और चालू वर्ष के दौरान, विज्ञापन संहिता के पालन के लिए 6 एडवाइजरी जारी की गई हैं। विज्ञापन संहिता का उल्लंघन पाए जाने पर उचित कार्रवाई की जाती है। इसके अलावा प्रिंट मीडिया में विज्ञापन प्रेस कौंसिल एक्ट, 1978 के तहत प्रेस कौंसिल ऑफ इंडिया द्वारा जारी ‘पत्रकारिता आचरण के मानदंड’ द्वारा शासित होते हैं। वहीं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के तहत सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी ने गाइडलाइन्स फॉर प्रिवेंशन ऑफ मिसलीडिंग एडवर्टाइज़मेंटस एंड इंडोर्समेंटस फॉर मिसलीडिंग एडवर्टाइज़मेंट, 2022 जारी की है।
अरोड़ा ने सवाल किया था कि पिछले तीन वर्षों में अंधविश्वासी उत्पादों या सेवाओं को बढ़ावा देने वाले कितने विज्ञापनों की पहचान की गई, क्या उनकी जांच की गई और उन्हें दंडित किया गया।
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