अधिकारियों की मिली भगत के चलते अब रात में डालते हैं लोग अवैध निर्माण के लेंटर
नगर कौंसिल अधिकारियों की नाक तले अवैध निर्माणकर्ता ने डाल दिया पांचवी मंजिल का लेंटर
लोगों ने की नगर कौंसिल के भ्रष्ट अधिकारियों की विजिलेंस जांच की मांग
जीरकपुर Dec 05 : शहर में अवैध निर्माण कर्ताओं के हौसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि अब उन्हें नगर कौंसिल अधिकारियों का कोई डर नहीं रहा पहले तो यहां पर तीन से चार मंजिल तक ही निर्माण करते थे लेकिन अब पांच मंजिल तक अवैध निर्माण शुरू हो चुके हैं वह भी नक्शे के बिल्कुल विपरीत। ऐसे लोगों द्वारा नगर कौंसिल से कोठी का नक्शा पास करवाया जाता है और यहां पर 10 से लेकर 40 तक कमरे बनाकर किराए पर दिए जाते हैं तथा लाखों रुपए अवैध रूप से कमाया जाता है और नगर कौंसिल तथा सरकार के राजस्व को चुनाव भी लगाया जाता है लेकिन सरकारी अधिकारी ऐसे लोगों को देखकर आंखें मूंद लेते हैं। जिन लोगों द्वारा ऐसे निर्माण कर्ता संबंधी शिकायत की जाती है उनका कहना है कि यह सब नगर कौंसिल अधिकारियों की मिली भगत से ही बन रहा है और निर्माण कर्ता द्वारा मोटी रकम अधिकारियों को रिश्वत के तौर पर दी जाती है जिसके चलते निर्माण कर्ता बेफिक्र होकर अवैध निर्माण करता रहता है। क्योंकि जब उसके द्वारा स्थानीय अधिकारियों का ही मुंह बंद कर दिया तो उसके खिलाफ कार्रवाई कौन करेगा?
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रात के अंधेरे में डाल दिया पांचवी मंजिल का लेंटर ::::::
जीरकपुर के वीआईपी रोड पर दीक्षांत स्कूल को जाने वाली सड़क पर पिछले करीब 6 महीने से एक पीजी का निर्माण किया जा रहा है। निर्माण कर्ता द्वारा मंगलवार की रात को इस पीजी की पांचवी मंजिल का लेटर भी रात के अंधेरे में डाल दिया गया है। मंगलवार की रात को 7:00 बजे के बाद करीब 7 से लेकर 10 बजरी मिक्स करने वाली गाड़ियां मंगवाई गई और दो से तीन घंटे में इतनी बड़ी इमारत का लेंटर डालने का काम रात के अंधेरे में ही मुकम्मल कर दिया गया क्योंकि उसे समय कोई भी अधिकारी काम को रोकने के लिए नहीं आता। नगर कौंसिल के कुछ अधिकारी तो फोन ही नहीं उठाते और कुछ अधिकारी यह भी कह देते हैं कि 5:00 के बाद हम कोई भी सरकारी काम नहीं करेंगे इसलिए अब अवैध निर्माण कर्ताओं के हौसले बुलंद हो रहे हैं। यहां पर यह बता देना जरूरी है कि इस तरीके की सलाह भी इन्हीं अधिकारियों द्वारा अवैध निर्माण कर्ताओं को दी जाती है। यहां पर यह बात भी जिक्र योग्य है कि अगर रात के समय काम करते समय कोई हादसा हो जाए तो उसकी जिम्मेदारी किसकी बनती है क्योंकि बहुत सी जगह पर सुनने को मिलता है कि निर्माण अधीन इमारत में काम करने वाले मजदूरों के साथ कोई ना कोई हादसा होता ही रहता है।
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रात के समय हो रहे काम की सूचना के बाद भी नहीं कि अधिकारियों ने कोई कार्रवाई ::::
मंगलवार रात को 7:00 बजे के बाद जब वीआईपी रोड पर इस इमारत की पांचवी मंजिल का लेंटर डाला जा रहा था तो उसे समय एक व्यक्ति द्वारा नगर कौंसिल जीरकपुर के छोटे से लेकर बड़े अधिकारियों को फोटो सहित सूचित कर दिया था तथा उसके बाद डिप्टी कमिश्नर मोहाली को भी इसकी सूचना दे दी गई थी लेकिन आज 20 घंटे बीत जाने के बाद भी अधिकारियों द्वारा इस निर्माण कर्ता के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। यहां पर एक बड़ा सवाल यह उठता है कि नगर कौंसिल के अधिकारी ऐसे निर्माण कर्ता के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं करते? इसके पीछे क्या राज है? क्या इस निर्माण कर्ता की ताकत नगर कौंसिल अधिकारियों से भी ज्यादा है या कोई अंदर की बात है? नगर कौंसिल के अधिकारी यह जानते हुए भी के यहां पर ढाई मंजिल से ज्यादा निर्माण का नक्शा पास ही नहीं हो सकता तो यहां पर पांच मंजिल बन जाने पर भी क्यों चुप हैं? इस संबंध में नगर कौंसिल जीरकपुर का कोई भी अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं।