प्रदूषित बुड्ढे नाले की सफाई पर बढ़ता विवाद, शासन-प्रशासन पसोपेश में, किसे कहे गलत और किसे सही
लुधियाना 1 दिसंबर। महानगर से गुजरते प्रदूषित बुड्ढे नाले की सफाई को लेकर जारी विवाद तूल पकड़ चुका है। समाजसेवी लक्खा सिधाना की अगुवाई में काला पानी मोर्चा के मेंबर डाइंग इंडस्ट्री को इसके लिए कसूरवार ठहरा चुके हैं। मोर्चे ने डाइंग इंडस्ट्री की यूनिटों से दोनों सीईटीपी के जरिए बुड्ढे नाले में गिरने वाले पानी का रास्ता बंद करने का ऐलान किया था। मोर्चे द्वारा केवल डाइंग इंडस्ट्री को टारगेट किए जाने से भड़के इस ट्रेड के कारोबारियों ने भी वीरवार को एकजुट होकर प्रेस कांफ्रेस की थी। जिसमें उन्होंने मोर्चे की अगुवाई करने वाले नेताओं को ‘ब्लैकमेलर’ करार दिया था। इसके बाद शनिवार को मोर्चे की आगू सिधाना ने लाइव होकर फिर डाइंग इंडस्ट्री के साथ मान सरकार के शासन-प्रशासन भी कारोबारियों को शह देने के आरोप लगाए थे। ऐसे माहौल गर्माते देख पुलिस-प्रशासन अलर्ट हो गया। मोर्चे व डाइंग इंडस्ट्री में टकराव की आशंका को देखते हुए ताजपुर रोड और फोकल प्वाइंट स्थित सीईटीपी प्लांट्स की निगरानी को पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई। वहीं डाइंग इंडस्ट्री किसी भी स्थिति से निपटने को रणनीतिक बैठक करने के अलावा लगातार पुलिस-प्रशासन के संपर्क में है। इससे सबसे अलग, सूबे की आप सरकार और पुलिस-प्रशासन पसोपेश में नजर आ रहा है। उसके सामने यही चुनौती है कि आखिर इस मामले में किसे गलत और किसे सही करार दिया जाए।
डाइंग इंडस्ट्री ‘अलर्ट-मोड’ पर : बॉबी जिंदल
नामी डाइंग उद्यमी बॉबी जिंदल ने कहा कि काला पानी मोर्चे की सीईटीपी यूनिटों के आगे बांध लगाने की चेतावनी के मद्देनजर पूरी डाइंग इंडस्ट्री अलर्ट-मोड पर है। यहां काबिलेजिक्र है कि इस मामले में पंजाब डायर्स एसोसिएशन, बहादुरके रोड टैक्सटाइल एंड निटवेयर्स एसोसिएशन और स्पेशल परपज व्हीकल संस्था समेत डाइंग इंडस्ट्री एकजुट है। उनका एकसुर में यही कहना है कि काला पानी मोर्चा जमीनी हकीकत से वाकिफ नहीं है। केवल डाइंग इंडस्ट्री को टारगेट करना गलत है, उनके तो बाकायदा पूरी क्षमता वाले ट्रीटमेंट प्लांट लगे हैं। शहर में बहुत सी छोटी-मोटी इललीगल यूनिटों और डेरियों से निकलने वाला गंदा पानी बुड्ढे नाले को प्रदूषित कर रहा है।
डटकर मोर्चा संभालेंगे वॉलिंटियर्स : कमल चौहान
नामी डाइंग उद्यमी कमल चौहान ने दावा किया कि 3 दिसंबर को अगर काला पानी मोर्चे ने सीईटीपी पर बांध लगाने का प्रयास किया तो जवाबी प्रतिक्रिया होगी। डाइंग इंडस्ट्री से जुड़े एक लाख वॉलिंटियर्स मुस्तैद है। अगर ताजपुर और फोकल प्वाइंट सीईटीपी पर मोर्चे ने बांध लगाए तो उनको पूरी ताकत से रोकेंगे। साथ ही बताया कि वैसे तो किसी भी स्थिति से निपटने को दोनों सीईटीपी प्लांट्स पर पुलिस फोर्स मुस्तैद हो चुके है।
मीटिंग रखी है डाइंग इंडस्ट्री की : सुनील कुमार
इसी मुद्दे पर जब डाइंग उद्यमी सुनील कुमार से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि फिलहाल हमारी मीटिंग होने वाली है। लिहाजा इस संबंध में सोमवार को बेहतर जानकारी दे सकेंगे। दूसरी ओर, सूत्रों का कहना है कि डाइंग इंडस्ट्री के तीखे तेवरों को देखते हुए पुलिस-प्रशासन ने उनको आश्वासन दिया है कि सीईटीपी प्लांट्स की पूरी सुरक्षा की जाएगी, ताकि टकराव को टाला जा सके।
अब विवाद में व्यापार संघ की एंट्री :
लुधियाना व्यापार संघ के प्रधान एडवोकेट हर्ष शर्मा ने इस मामले में पंजाब सरकार से अपील की है कि डाइंग उद्यमियों के साथ गुंडागर्दी पर उतारू लोगों से सख्ती से निपटा जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि काला पानी के नाम से मोर्चा की बात करने वाले इन लोगों ने मोर्चों को अपना धंधा बना लिया है। ये लोग पूरी तरह से उद्योग और पंजाब विरोधी हैं। इनकी साजिश है कि पंजाब से उद्योग पूरी तरह से पलायन कर जाएं। ऐसी समस्या का समाधान करना सरकारों का काम होता है कि ना किसी समाजसेवी संस्था को यह अधिकार है।
यह है मोर्चे का एक्शन-प्लान :
एक्टिविस्ट लक्खा सिधाना और पब्लिक एक्शन कमेटी के मेंबर कुलदीप खैहरा, कपिल अरोड़ा व अन्य लोगों ने इस बाबत बड़ा ऐलान किया था। जिसके मुताबिक 3 दिसंबर को मोर्चे की कॉल पर उनके मेंबर फिरोजपुर रोड स्थित वेरका मिल्क प्लांट के पास सुबह 10 बजे इकट्ठे होंगे। उनकी घोषणा के मुताबिक यदि पुलिस-प्रशासन उनको आने से रोकेगा तो वे लोग वहीं सड़क जाम कर देंगे। उनका लक्ष्य शहर में फोकल पाइंट और ताजपुर रोड पर सीईटीपी प्लांट्स के आगे बांध लगाकर उनको बंद करना है।
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