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अलग अलग रूटों से 5 राज्यों से पहुंंच रहा हरियाना में नशा

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हरियाना/यूटर्न/29 नवंबर: नशे का गढ़ बनते जा रहे हरियाणा में पड़ोसी राज्यों से ही नशे की खेप आ रही है। पड़ोसी पांचों राज्यों पंजाब, राजस्थान, यूपी, हिमाचल व दिल्ली से हरियाणा में अलग-अलग नशे की आपूर्ति की जा रही है।खास बात ये है कि राज्य और देश से बाहर बैठे तस्कर नशे की खेप भेजने के लिए हर बार नया रूट तैयार कर रहे हैं। जब तक पुलिस एक रूट का पता करती है, तब तक तस्कर दूसरा रूट तैयार कर लेते हैं। तस्करों का नेटवर्क और रूट इतना मजबूत होता है कि वह जब चाहें प्रदेश के किसी भी जिले में नशे की खेप भिजवा रहे हैं। अब तक हरियाणा पुलिस की ओर से नशा तस्करों या उनके कारिंदों की गिरफतारी से यह खुलासा हुआ है।
छोटे-छोटे रास्ते बन रहे माध्यम
हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) से सेवानिवृत्त अधिकारी सुरेंद्र सिंह ने बताया कि तस्कर नशा आपूर्ति के लिए न केवल हाईवे का प्रयोग कर रहे हैं, बल्कि छोटे-छोटे रास्तों के माध्यम से भी जिलों में नशा भेजा जा रहा है। तस्कर नशा लेकर सार्वजनिक परिवहन सेवा में सफर करते हैं और निजी गाडिय़ों से लेकर फल और सब्जियों के ट्रकों में भी नशा ला रहे हैं। एनसीबी का मानना है कि यूं तो हरियाणा में दस राज्यों से नशा आ रहा है, लेकिन सबसे ज्यादा पड़ोस में लगे पांचों राज्यों से अधिक नशा सप्लाई होता है। दिल्ली, उड़ीसा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, राजस्थान, यूपी, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और बिहार से हरियाणा में ड्रग्स भेजा जा रहा है। सुरेंद्र सिंह ने बताया कि नशा तस्कर एक रूट पर काम नहीं करते। वे नशा सप्लाई के लिए अलग-अलग रूट बनाते हैं और अलग-अलग तरीके अपनाते हैं। यकीनन हरियाणा पुलिस और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो तस्करों के नेटवर्क को तोड़ रहा है, लेकिन जब तक गांववासी और शहरवासी खुलकर साथ नहीं आएंगे, इस नेटवर्क तोडऩा आसान नहीं होगा।
तस्करी के लिए 10 हजार से लेकर 1 लाख रुपये दिए जाते
तस्कर नशे की खेप एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजने के लिए एक नहीं कई लोगों का प्रयोग करते हैं। कैरियर के रूप में इस्तेमाल होता है। इसके लिए सभी की अलग-अलग राशि तय होती है। दूसरे राज्यों से नशा लेकर प्रदेश के किसी एक जिले में सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जाता है और इसके बाद अलग-अलग लोगों के माध्यम से इसे अलग-अलग स्थानों पर इसे भेजा जाता है। आपूर्ति करने वालों को 10 हजार रुपये से लेकर 1 लाख रुपये तक दिए जाते हैं। हालांकि, बड़ी खेप के लिए बड़ी रकम दी जाती है। इस समय ट्रेंड है कि सार्वजनिक परिवहन में कैरियर के खेप के साथ बैठाया जाता है और दूसरे स्थान पर पहुंचाया जाता है।
ये पकड़े मामले -नशे के हिसाब से रेट तय
आठ दिन पहले ही कुरुक्षेत्र जिले के शाहाबाद में पुलिस ने नशा तस्करी के मामले में गिरफतार रघुनन्दन यादव निवासी गांव चौरत जिला चतरा झारखंड को पुलिस ने गिरफतार किया है। उनके कब्जे से 3 किलो 200 ग्राम अफीम बरामद हुई थी। आरोपी को खेप पहुंचाने के लिए 20 हजार रुपये मिले थे। वह और उसका साथी मोहंमद शुबहान व आकाशदीप निवासी मलेरकोटला पंजाब अपने ट्रक से माल लोड करके बिहार, झारखंड व कलकत्ता जाते हैं और वापसी में तस्करी करते थे। इसी प्रकार का एक मामला दो माह पहले यहीं पर सामने आया था। यूपी निवासी आरोपी को 1.700 किलो किलोग्राम अफीम देकर शाहाबाद भेज गया था, इसके बदले तस्करों ने उसे 10 हजार रुपये दिए थे।
बस और ट्रेन से भी नशे की तस्करी
हरियाणा पुलिस द्वारा पकड़े गए मामलों को देखें तो इस समय सब्जी, फल समेत अन्य सामान के बीच नशे की बड़ी खेप आ रही है। इसी सप्ताह कुरुक्षेत्र पुलिस ने ट्रक से 36 किलोग्राम अफीम पकड़ी है। वहीं, 1 किलोग्राम से लेकर 5 किलोग्राम तक की खेप सार्वजनिक परिवहन के माध्यम से कैरियर बनाकर भेजी जा रही है। बस और ट्रेन में नशे के साथ पकड़े जाने के मामले तेजी से बढ़े हैं। तीन दिन पहले ही कुरुक्षेत्र में ट्रक के स्क्रैप में छुपाई गई अफीम की 36 किलोग्राम खेप सीआईए ने बरामद की है।
अफीम के लिए भिवानी और रेवाड़ी मेन रूट
राजस्थान से आने वाले नशे के मुखय रूट भिवानी और रेवाड़ी जिले हैं। राजस्थान से मुखय रूप से अफीम की तस्करी होती है। इसके लिए तस्कर भिवानी और रेवाड़ी के रास्ते हरियाणा में आते हैं। इसके बाद महम से होते हुए हिसार, सिरसा और पंजाब तक जाते हैं। एक बार किसी रूट पर खेप पकड़ी जाती है तो तस्कर तुरंत रूट प्लान बदल देते हैं।
बद्दी के रास्ते आ रही चरस, दिल्ली के गांवों से होकर आ रहा गांजा
हिमाचल और दिल्ली से चरस और गांजे की सप्लाई हरियाणा में होती है। हिमाचल से पंचकूला, अंबाला और यमुनागर जिले लगते हैं। खासकर बद्दी के साथ लगते क्षेत्र से हरियाणा में चरस आता है। दिल्ली से सोनीपत, झज्जर, फरीदाबाद और गुरुग्राम की सीमाएं लगती हैं। दिल्ली से नशीली दवाइयों के साथ गांजे की पुडिय़ा और केमिकल नशा भी आता है। दिल्ली के साथ लगते गांवों के रूट से नशा हरियाणा आ रहा है। पंजाब से अफीम, चूरापोस्त और चिट्टा हरियाणा में आता है। इसका रूट भी हरियाणा और पंजाब के साथ लगते गांव हैं। यूपी से नकली शराब के साथ-साथ मिलावटी नशे की खेप हरियाणा में आती है। यमुना नदी के रास्ते नकली शराब समेत अन्य नशीली दवाइयों की आपूर्ति की जाती है।
खिलाडिय़ों के शहर में इंजेक्शन का प्रयोग
एनसीबी की जांच में ये भी सामने आया है कि जहां खेलों के प्रति अधिक रुझान है, उन जिलों में नशीली दवाइयों और इंजेक्शन का प्रयोग अधिक है। इन जिलों में सीरिंज से नशा लेने का प्रयोग बढ़ रहा है। इनमें पहलवानी और मुक्केबाजी के लिए मशहूर जिले भिवानी, रोहतक, सोनीपत, करनाल और झज्जर शामिल हैं।
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