अन्नदाताओं के हितो के लिए प्रतिबद्ध है योगी सरकार
जनहितैषी, लखनउ, 27 नवम्बर । योगी सरकार के लगातार प्रोत्साहन से सात साल में तिलहन की उपज में दोगुने से अधिक की वृद्धि हुई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश में वर्ष 2017-2018 में तिलहन की उपज 13.62 मिट्रिक टन थी, जो 2023-2024 में बढ़कर 28.15 मिट्रिक टन हो गई। इस साल (2024-205) के आंकड़े आने पर इसमें और बढ़त संभव है।
यह सब मुमकिन हुआ योगी सरकार के तिलहन के उत्पादन में वृद्धि की प्रतिबद्धता के चलते। साथ ही इसमें केंद्र सरकार का भी लगातार सहयोग रहा। तिलहन के मामले में 2026-2027 तक उत्तर प्रदेश आत्मनिर्भर हो जाए, यह योगी सरकार का लक्ष्य है। इसके लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर इन फसलों की खरीद के साथ सरकार हर साल मिनी किट के रूप में किसानों को बेहतर उपज वाले उन्नत किस्म के निःशुल्क बीज भी मुहैया करवा रही है। इस क्रम में पिछले साल 10,797.2 क्विंटल बीज किसानों को दिए गए थे। इस साल 1,11,315.6 क्विंटल बीज मुहैया कराने का लक्ष्य रखा गया है।
प्रगतिशील किसानों के यहां इन बीजों का खेतों में प्रदर्शन और किसान पाठशालाओं के जरिए विशेषज्ञों द्वारा खेती के उन्नत तौर-तरीकों की जानकारी भी सरकार लगातार मुहैया करा रही है। किसानों को यह भी बताया जा रहा है कि इसमें परंपरागत खेती की तुलना में लागत कम, लाभ अधिक है। यही नहीं, रबी के सीजन में जो किसान दशहरे के बाद सरसों की बोआई कर चुके होंगे, उनको मार्च में फसल की कटाई के बाद रबी और खरीफ के बीच जायद की एक अतिरिक्त फसल लेने का भी मौका मिल जाता है। खासकर उड़द और मूंग की। इससे अतिरिक्त आय तो होती ही है, दलहनी फसल होने के कारण जमीन में प्राकृतिक रूप से नाइट्रोजन फिक्सेशन का लाभ खरीफ की फसल में अलग से होता है।