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फर्जी गारमेंट व्यापारी लग्जरी चीजों-कपड़ों की वीडियोज डाल लोगों को भरमा, फिर ऑनलाइन पेमेंट मंगवा कर रहे ठगी

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ऑनलाइन शॉपिंग या ठगी की दुकानदारी : लुधियाना में फैशन के नाम पर इंस्टाग्राम पर ठगियों का खेल शुरु

नामी ब्रांडों की फस्ट कॉपी की आड़ में लाखों रुपए हो रहा टैक्स चोरी

(राजदीप सिंह सैनी)
लुधियाना 26 नवंबर। लुधियाना में ठगों द्वारा लोगों से ठगी करने के नए नए तरीके अपनाए जा रहे हैं। ठगों का एक तरीका उजागर होता है, तो साइबर ठग नए तरीके अपनाने लग जाते हैं। अब उन्हें देखकर कुछ फर्जी गारमेंट व्यापारियों द्वारा लुधियाना शहर में ऑनलाइन लग्जरी चीजें और गारमेंट्स बेचने की आड़ में ठगी करनी शुरु कर दी गई है। दरअसल, उक्त व्यापारियों की और से इंस्टाग्राम पर लग्जरी चीजें और ब्रांडेंड कपड़ों की वीडियोज डाल दी जाती है। जिसके बाद लोगों से ऑनलाइन ही पेमेंट डलवा ली जाती है। जिसके बाद न तो कस्टमर को सामान भेजा जाता है और न ही पेमेंट वापिस की जाती है। कुछ समय इसी तरह ठगी करने के बाद उक्त जाली गारमेंट व्यापारियों द्वारा अपने अकाउंट बंद कर दिए जाते हैं। जिसके बाद हैंक होने का बहाना बनाकर दूसरा फर्जी इंस्टाग्राम पेज बना लिया जाता है। इस समय सर्दी का सीजन होने के चलते जैकेटों के जरिए ज्यादा ठगी हो रही है। यह ऑनलाइन ठगी का धंधा धड़ल्ले से लुधियाना में फल फूल रहा है। लेकिन लुधियाना पुलिस, जीएसटी विभाग और इनकम टैक्स विभाग इस पर लगाम नहीं लगा जा पा रहा। बल्कि इसी की आड़ में हर महीने लाखों रुपए टैक्स भी चोरी किया जा रहा है।

दूसरी दुकानों के एड्रेस देकर कर रहे ठगी
चर्चा है कि उक्त ऑनलाइन सेलिंग करने के दावे करने वाले व्यापारियों द्वारा दूसरे लोगों की दुकानों के एड्रेस डाल दिए जाते हैं। जबकि एड्रेस भी जानबुझकर शहर के आउंटर इलाकों के बताए जाते हैं, जहां पर हर व्यक्ति को दूर लगे। जिसके चलते लोग ऑनलाइन शॉपिंग का सोचकर ऑनलाइन पेमेंट ट्रांसफर कर देते हैं। जिसके बाद उनसे ठगी हो जाती है। यह ठग इतने निडर हैं कि इनकी और से सरेआम इंस्टाग्राम पर अपनी फोटोज भी डाली जाती है, बकायदा नंबर भी दिया जाता है। मगर उक्त नंबर को कोई उठाता नहीं है।

मार्केट से कम प्राइज रख लोग किए जाते हैं आकर्षित
वहीं चर्चा है कि उक्त जाली गारमेंट व्यापारियों द्वारा लग्जरी चीजें जैसे कि घड़िया, बेल्ट, शू, परफ्यूम, पर्स, शर्ट, टी-शर्ट, पैंट और जैकटों की वीडियोज बनाई जाती है। हाई लेवल की वीडियोज बनाकर इंस्टाग्राम पर डाल दी जाती है। जबकि उन चीजों का प्राइज भी मार्केट से दोगुना कम रखा जाता है। जिसके चलते लोग उनकी तरफ आकर्षित होते हैं। इसी का फायदा उठाकर ठग वारदात कर देते हैं।

नामी ब्रांडों की फस्ट कॉपी भी हो रही सरेआम सेल
वहीं लुधियाना में नामी ब्रांडों की फस्ट कॉपी भी सरेआम ऑनलाइन सेल की जा रही है। दुकानदारों द्वारा सरेआम नामी ब्रांडों के नाम डालकर और बकायदा कपड़े पर लगे लोगो दिखाकर वीडियोज डाली जा रही है। लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि नामी ब्रांडों के लीगल एडवाइजरों द्वारा मामले में कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है। हालांकि ब्रांड का नाम लेकर उक्त दुकानदारों द्वारा कपड़े के रेट भी बढ़ा दिए जाते हैं। लेकिन असलियत में वह फस्ट कॉपी होती है। यहां तक कि कई दुकानदार तो लाट का माल बताकर भी बेचने में लगे हैं।

इन इलाकों में ज्यादा चल रहा इललीगल कारोबार
लुधियाना के अलग अलग इलाकों में ब्रांडेंड कपड़ों का नाम लेकर व फर्जी कारोबारी बनकर लोगों से ठगी की जा रही है। जिसमें मुड़ियां कलां, राम नगर 33 फुटा रोड, हैबोवाल, अकालगढ़ मार्केट, राहों रोड, ताजपुर रोड, सिविल लाइन, कोट मंगल सिंह, एसी मार्केट प्रमुख स्थान है। इसके अलावा भी कई और इलाके हैं, जहां धड़ल्ले से यह अवैध कारोबार किया जा रहा है।

लुधियाना में ही बनता है माल, लोगो लगता है ब्रांडेंड
वहीं चर्चा है कि दुकानदारों द्वारा जो कपड़ा विदेशी कहकर और लाट का माल बताकर बेचा जाता है। वह ज्यादातर लुधियाना में ही तैयार होता है। बस उस कपड़े पर फिनिशिंग ज्यादा कर दी जाती है। जिससे देख लगता है कि इंपोर्टेड और ब्रांडेंड कपड़ा है। जिसके चलते कपड़े का मुल और बढ़ा दिया जाता है। हालांकि दुकानदारों द्वारा उसी लोकल तैयार माल को लाट का माल भी बताकर लोगों को चुना लगाया जा रहा है।

बड़े सत्र पर हो रहा टैक्स चोरी
ऑनलाइन फस्ट कॉपी सेल परचेज की आड़ में दुकानदारों द्वारा बड़े सत्र पर टैक्स भी चोरी किया जा रहा है। दरअसल, दुकानदारों की और से जाली कपड़ें को असली बताकर लोगों को बेचा जाता है। पीछे से वह चीज तो 500 रुपए की मिलती है, लेकिन आगे 2500 से 3 हजार रुपए सेल की जाती है। ऐसे फस्ट कॉपी बेचने वाले दुकानदारों द्वारा बिल भी नहीं दिया जाता। जबकि ऊपर की कमाई दुकानदारों द्वारा खुद रख ली जाती है। ऐसे करके शहर के ही कई दुकानदार ऐसे हैं, जिनकी और से रोजाना 50 हजार से एक लाख रुपए तक की सेल की जाती है और पिछले 2-3 साल में ही वह लाखपति बन गए।

विभाग के पास नहीं कोई टेक्नोलॉजी
वहीं जीएसटी विभाग इन ठगों को पकड़ने में सक्षम नहीं है। विभाग के पास ऐसी कोई टेक्नोलॉजी ही नहीं है, जिससे वह इन्हें ट्रेस कर सके और टैक्स चोरी को रोका जा सके। हालांकि विभाग द्वारा खुद भी इतनी कोशिश नहीं की जाती कि वह अपने सत्र पर जांच कर सके। लोगों द्वारा शिकायत करने के बाद जरुर प्रशासन हरकत में आ जाता है। लेकिन विभाग की इसी सुस्त प्रणाली का फायदा उठाकर लोग लाखों रुपए अवैध तरीके से कमा रहे हैं।

एड्रेस पर पहुंचा तो निकली चिकन शॉप
लुधियाना के रहने वाले राजू ने बताया कि लुधियाना में एक युवक द्वारा सिद्धू क्लेक्शन नामक शॉप बताकर इंस्टाग्राम पर कपड़ों की वीडियोज डाली जाती थी। जिस पर एड्रेस मुड़ियां कलां की 33 फुटा रोड पर जैन टावर एड्रेस दिया हुआ था। कई बार कॉल करने पर भी युवक ने फोन नहीं उठाया। फिर एड्रेस पर जाकर चैक किया तो वहां चिकन की दुकान थी। सिद्धू क्लेक्शन शॉप ही पूरी मार्केट में नहीं है।

ब्रांडेंड बता बेच रहे जाली माल
वहीं एक अन्य युवक ने बताया कि ताजपुर रोड पर एक दुकानदार द्वारा रोजाना ब्रांडेंड कपड़े बता वीडियोज डाली जाती है। लेकिन जब वह मौके पर पहुंचा तो फस्ट कॉपी थी और रेट ब्रांडेंड के मुकाबले थे। युवक का कहना है कि सरेआम दुकानदार ब्रांडेंड कपड़े बता वीडियोज डाल रहा है। लेकिन प्रशासन कार्रवाई नहीं कर रहा।

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