चंडीगढ/यूटर्न/22 नवंबर: हिमाचल प्रदेश के मुखयमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने बीजेपी की पूर्व सरकार पर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि जयराम ठाकुर की अगुवाई वाली बीजेपी सरकार के दौरान ही हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीसी) के होटलों को आउटसोर्स करने का प्रस्ताव रखा गया था। हमने विधानसभा में इसका विरोध किया था। उन्होंने कहा कि उस समय के बीजेपी मंत्रियों को भी इस बारे में जानकारी नहीं थी। चौहान ने कहा कि विधानसभा में एचपीटीडीसी होटलों को निजी पार्टियों को बेचने या लीज पर देने का विरोध किया था।
बीजेपी के नेताओं पर लगाए गए आरोप
बीजेपी नेताओं पर देशभर में राज्य की छवि खराब करने का आरोप लगाते हुए चौहान ने कहा कि सिफऱ् मीडिया में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के बीजेपी के नेता ऐसा कर रहे हैं। सुखिऱ्यों में बने रहने के लिए बीजेपी के 5-6 केंद्रीय और राज्य स्तरीय नेता इस मुद्दे को बढ़ा रहे हैं और सरकार की आलोचना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी नेतृत्व को अपने कार्यकाल के दौरान ही इसके लिए कदम उठाने चाहिए थे, लेकिन ऐसा लगता है कि उनमें इस मुद्दे को हल करने के लिए प्रशासनिक और कानूनी ज्ञान की कमी थी।
हिमाचल भवन को लेकर दिया ये जवाब
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा सेली हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी को बकाया राशि का भुगतान न करने पर दिल्ली स्थित हिमाचल भवन को नीलामी के लिए संभावित रूप से कुर्क करने के आदेश पर चौहान ने कहा कि राज्य सरकार कानूनी लड़ाई लड़ेगी। जहां तक 18 एचपीटीडीसी होटलों को बंद करने का सवाल है, राज्य सरकार तय करेगी कि उन्हें आउटसोर्स करना है या उन्हें मजबूत करना है। एक समिति का गठन किया गया है और एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी जल्द ही सुझाव पेश करेंगे। हिमाचल को बदनाम करने की कोशिशचौहान ने कहा कि बीजेपी महाराष्ट्र, झारखंड में विधानसभा चुनाव और पंजाब और उत्तर प्रदेश में उपचुनाव के मद्देनजर हिमाचल प्रदेश को बदनाम करने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस नेता ने दावा किया कि लोगों को सच्चाई पता होनी चाहिए कि जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली पिछली बीजेपी सरकार एचपीटीडीसी की संपत्तियों को लगभग बेच ही चुकी होती, अगर विधानसभा ने इसका विरोध नहीं किया होता।
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बीजेपी एचपीटीडीसी के होटल बेच चुकी होती, अगर हमने विरोध ना किया होता… सुक्खू सरकार का बड़ा दावा
Kulwant Singh
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