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शेयर बाजार में गिरावट, अडाणी एंटरप्राइजेज का शेयर भी गिरने से बढ़ी चिंता

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कारोबारी शहर लुधियाना में भी हलचल, एक्सपर्ट की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं

लुधियाना 21 नवंबर। शेयर बाजार में 21 नवंबर यानि वीरवार को गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स 422 अंक की गिरावट के साथ 77,155 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी में भी 168 अंक की गिरावट रही, ये 23,349 के स्तर पर बंद हुआ। अडाणी एंटरप्राइजेज का शेयर 23.44 फीसदी की गिरावट के साथ निफ्टी का टॉप लूजर रहा। यहां गौरतलब है कि न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट में हुई सुनवाई में गौतम अडाणी समेत 8 लोगों पर अरबों डॉलर की धोखाधड़ी और रिश्वत के आरोप लगे हैं। इस खबर के बाद अडाणी ग्रुप के 10 शेयरों में से 9 में गिरावट देखने को मिली। जिसके चलते कारोबारी शहर लुधियाना में हलचल देखने को मिली। हालांकि इसे लेकर एक्सपर्ट की मिली जुली प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं।
एक्सपर्ट व्यू :
–लुधियाना स्टॉक एंड कैपिटल लिमिटेड के चेयरमैन टीएस थापर बेबाक राय रखते हैं कि अडाणी प्रकरण पूर्व नियोजित नजर आता है। वैसे ही बाजार काफी दिनों से मंदा है। पहले रुस-यूक्रेन, फिर इजराइल-फिलिस्तीन वार के मामलों ने भी बाजार को प्रभावित किया। अभी बाजार को सामान्य होने में थोड़ा वक्त लगेगा। ऐसे में आम निवेशकों को संयम रखते हुए हालात को समझने की जरुरत है। बेशक बाजार टूटा है, हालांकि संभलने का मौका मिलेगा। यह भी समझने की जरुरत है कि अच्छी के मुकाबले बुरी खबरों का बाजार पर तेजी से असर पड़ता है।
–एक्सपर्ट संजीव गुप्ता मानते हैं कि पहले मार्केट हाइप ले चुकी थी। जाहिर तौर पर उसके बाद गिरावट भी आती है। फारेन सेल का भी असर पड़ा है। हालांकि इसमें आईपीओ लॉन्च होने के असर की बात बड़ा फाक्टर नहीं है। बेशक अडाणी प्रकरण के बाद बड़ा असर माना जा सकता है। हालांकि दस-पंद्रह दिन में बाजार में सुधार होने की उम्मीद की जा सकती है।
–एक्सपर्ट अनुराग अरोड़ा मानते हैं कि अडाणी प्रकरण के अलावा पहले से ही बाजार पर उप चुनाव के नतीजों को लेकर अलग किस्म का दबाव था। बाजार पर खराब खबरों का असर तेजी से पड़ता है, ऐसे में गिरावट आना स्वाभाविक होता है। हालांकि अब सुधार के भी आसार है। इन हालात में संभलकर फायदे वाले सैक्टरों में निवेश की जरुरत है।
–एक्सपर्ट रजनीश गर्ग मानते हैं कि पहले से ही बाजार कमजोर था। उस पर निवेशकों में अलग किस्म का डर नजर आ रहा था। इन हालात में अडाणी प्रकरण ने आग में घी का काम किया है। फिलहाल भारतीय बाजार महंगा चल रहा है। जबकि अमेरिका के बाजार की हालत सही है। जहां तक भारतीय बाजार का सवाल है तो यहां राजनीतिक हालात का बड़ा असर देखने को मिलता है।
–एक अन्य एक्सपर्ट की राय में भारतीय बाजार कमोबेश निचले स्तर पर आया। इसे इस नजरिए से देख सकते हैं कि तेजी और मंदी, दोनों ही रिवर्स होती हैं। इन हालात में सोने की स्थिति बेहतर है। लिहाजा निवेशकों को सोच-समझकर इन्वेस्टमेंट करने की जरुरत है।
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