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तीन महीने में ही फरीदाबाद के पुलिस कमिश्नर ओपी नरवाल का ट्रांसफर, आईपीएस सौरभ सिंह बने नए सीपी

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हरियाना/यूटर्न/21 नवंबर: 17 अगस्त 2014 को फरीदाबाद के पुलिस कमिश्नर की जिंमेदारी संभालने वाले आईपीएस ओपी नरवाल का महज तीन महीने में ट्रांसफर हो गया है। उनकी जगह अब साउथ रेंज के एडीजीपी रहे आईपीएस सौरभ सिंह को फरीदाबाद का पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया गया है। बुधवार शाम को जारी हुई ट्रांसफर लिस्ट में फरीदाबाद के पुलिस कमिश्नर के साथ ही नए जॉइंट पुलिस कमिश्नर भी शहर को मिले हैं। आईपीएस राजेश दुग्गल को जॉइंट पुलिस कमिश्नर की जिंमेदारी मिली है। अब तक वह स्टेट क्राइम ब्रांच में डीआईजी के पद पर तैनात थे। वहीं, नए सीपी के सामने कई तरह की चुनौतियां होगी। साइबर क्राइम को कंट्रोल करना सबसे बड़ी चुनौती के रूप में रहेगा। शहर में लगातार हो रहीं साइबर ठगी की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए उन्हें कोई ठोस प्लान बनाना होगा।
साइबर क्राइम कंट्रोल करना बड़ी चुनौती
नए पुलिस कमिश्नर आईपीएस सौरभ सिंह ने बताया कि शहर में क्राइम के ग्राफ को कम करना, साइबर क्राइम को लेकर जागरूकता व साइबर अपराधियों को पकडक़र सलाखों के पीछे पहुंचाया जाएगा। महिला सुरक्षा और ट्रैफिक को लेकर भी हालात बेहतर करना उनकी प्राथमिकता है। वहीं, इनके अलावा भी नए सीपी के सामने कुछ चुनौतियां रहेंगी। जैसे वाहन चोरी, अवैध नशे का कारोबार, सट्टा व जुआ आदि छोटे अपराध की शहर में भरमार है।
इतने कम समय में फरीदाबाद सीपी का ट्रांसफर क्यों?
बुधवार शाम को जारी हुई ट्रांसफर लिस्ट को लेकर शहर के लोगों और पुलिस महकमे में कई तरह की चर्चाएं होती रहीं। लोग इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि इतने कम समय में फरीदाबाद सीपी का ट्रांसफर किए जाने के पीछे कुछ वजह रही होगी। आईपीएस ओपी नरवाल का 16 अगस्त को फरीदाबाद सीपी के तौर पर ट्रांसफर हुआ था। 17 अगस्त को उन्होंने फरीदाबाद पहुंचकर सीपी का पदभार संभाल लिया था। महज तीन महीने में ही 20 नवंबर को उनका ट्रांसफर कर दिया गया।
नरवाल को हटाने की यह हो सकती है वजह
लोगों के बीच चर्चा है कि आर्यन मिश्रा हत्याकांड को कथित गौ-रक्षकों ने अंजाम दिया लेकिन पुलिस महकमे ने अज्ञान कारणों ने कथित गौ-रक्षकों के हत्या करने की बात को छुपाने का प्रयास किया। पुलिस ने कहा कि हमने इस तरह के कोई औपचारिक बयान नहीं दिए हैं कि हत्यारे गौ-रक्षक हैं। जबकि पुलिस के रिेकॉर्ड में कई बार इस केस के आरोपियों का नाम गौ-रक्षक के तौर पर दर्ज मिला है। वहीं, लोगों के बीच चर्चा है कि विधानसभा चुनाव के बाद गठित नई सरकार अपने अनुसार अधिकारियों के ट्रांसफर करती है।
शहर में काम करने का पूरा मौका नहीं मिला
इसके साथ ही 2025 की शुरुआत में नगर निगम के चुनाव भी होने हैं। ऐसे में अब हुए अधिकारियों के ट्रांसफर को लोग इससे भी जोडक़र देख रहे हैं। यह चर्चा भी हो रही है कि तीन महीने के कार्यकाल में से आईपीएस ओपी नरवाल का लगभग 2 महीने का समय तो विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से कराने में ही निकल गया। ऐसे में उन्हें शहर में काम करने का पूरा मौका नहीं मिला। इसके बावजूद ट्रांसफर होने को लेकर लोगों को शक है कि अधिकारी की कुछ राजनेताओं से न बनी हो, जिसके चलते ऐसा किया गया होगा।
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