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शिरोमणी अकाली दल की वर्किंग कमेटी ने की सुखबीर सिंह बादल से इस्तीफे पर पुनर्विचार की अपील

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पंजाब/यूटर्न/19 नवंबर: शिरोमणी अकाली दल की कार्यकारिणी कमेटी ने आज सर्वसंमति से पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल से अपने इस्तीफे पर पुनर्विचार करने की अपील की। साथ ही उन्होंने कहा कि यदि सरदार बादल ने उनका अनुरोध स्वीकार नही किया तो पूरी कमेटी सामूहिक रूप से इस्तीफा दे देगी। कमेटी ने सुखबीर सिंह बादल की अगुवाई में अपना पूरा भरोसा जताते हुए कहा कि उन्हे पार्टी अध्यक्ष के रूप में आगे भी काम करते रहना चाहिए। उन्होने कड़े शब्दों में प्रस्ताव पारित करते हुए कहा कि यह समय की मांग है। कमेटी के सदस्यों ने यह भी कहा कि उन्हे पता है कि अकाली दल के खिलाफ साजिश रची गई है और इसका मुखय मकसद पार्टी को नेतृत्वविहीन करना है। उन्होने कहा कि हम ऐसी साजिशों को किसी भी कीमत पर सफल नही होने देंगें। सुखबीर बादल हमारे नेता हैं और आगे भी हमारे नेता बने रहेंगें।
बादल की सेवाओं की प्रशंसा
मीटिंग के बारे मीडिया को जानकारी देते हुए बलविंदर सिंह भूंदड़ ने कहा कि सदस्यों ने अपनी भावनाओं को जोरदार तरीके से व्यक्त किया और सरदार सुखबीर सिंह बादल की सेवाओं की प्रशंसा की और कहा कि पार्टी को इस महत्वपूर्ण मोड़ पर उनकी सेवाओं की और भी अधिक आवश्यकता है। यही कारण है कि वे सामूहिक रूप से खड़े हुए और जोर देकर कहा कि अगर अध्यक्ष ने अपना इस्तीफा वापिस नही लिया तो वे भी अपना इस्तीफा दे देंगें।
कमेटी के सदस्यों की मीटिंग
इस बीच कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि उन्हे पिछले दो दिनों से जिला अध्यक्षों, हलका इंचार्जों, शिरोमणी कमेटी के सदस्यों और यूथ अकाली दल तथा स़्त्री अकाली दल के सदस्यों के फोन आ रहे हैं। उन्होने बताया कि कुछ सदस्यों ने पार्टी अध्यक्ष के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए अपने इस्तीफे मुझे भेज दिए हैं। उन्होने कहा कि ये सभी लोग अचानक हुए घटनाक्रम से बेहद परेशान हैं और उन्होने व्यक्तिगत रूप से मुझसे अपनी पीड़ा व्यक्त की है। नेताओं ने मुझे बताया कि वे अपनी भावनाओं को पार्टी तक पहुंचाना चाहते हैं। इसीलिए मैंने जिलाध्यक्षों, हलका इंचार्जों और शिरोमणी कमेटी के सदस्यों की औपचारिक मीटिंग बुलाने का फैसला किया है ताकि उनके विचारों को सुना जा सके और इस महत्वपूर्ण मुददे पर व्यापक सहमति बनाई जा सके।
जमीन आवंटित करने का फैसला
इस बीच वर्किंग कमेटी ने चंडीगढ़ पर पंजाब के अधिकार को कम करने के लिए आम आदमी पार्टी सरकार और केंद्र सरकार की मिलीभगत पर हैरानी जताई। इसने पंजाब के राज्यपाल और केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासक के इस बयान पर भी नाराजगी जताई की चंडीगढ़ में हरियाणा को अलग विधानसभा के लिए जमीन आवंटित करने का फैसला अभी तक नही लिया गया है। पंजाब में चल रहे उपचुनावों के कारण राजनयिक बयान देने के बजाय प्रशासक को स्पष्ट रूप से बताना चाहिए कि वे इसकी अनुमति हरगिज नही देंगें।’’ कमेटी ने आप सरकार की इस बात के लिए भी निंदा की कि उसने पिछली सुनवाई की तारीख पर बंदी सिंह बलवंत सिंह राजोआणा को पैरोल पर रिहा करने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र नही दिया। इसने कहा कि दिल्ली की आप सरकार ने पहले बंदी सिंह दविंदरपाल सिंह भुल्लर को रिहा करने का वादा करके और फिर सात बार उनकी विशेष माफी याचिका को खारिज करके सिख समुदाय की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है। कमेटी ने पंजाब यूनिवर्सिटी में अपने सीनेट को समाप्त करने के प्रस्ताव के साथ लोकतंत्र का गला घोटने की भी कड़ी निंदा की है।
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