watch-tv

हरियाणा विधानसभा से पास दो बिलों को केंद्र ने लौटाया, कानून का दर्जा देने से किया इनकार

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

Listen to this article

हरियाना/यूटर्न/18 नवंबर: केंद्र सरकार ने हरियाणा को झटका दिया है। हरियाणा सरकार की ओर से पास किए गए दो कानूनों को केंद्र ने स्वीकृति प्रदान नहीं की है। यह दोनों कानून पूर्व मनोहर सरकार के कार्यकाल के दौरान विधानसभा में पारित करके भेजे गए थे। केंद्र सरकार की जरूरी संशोधन का सुझाव देकर लौटाए गए कानूनों को सरकार सोमवार को विधानसभा में वापस लेगी। पहला कानून, हरियाणा संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक 2023 से जुड़ा है और दूसरा हरियाणा ऑनरेबल डिस्पोजल आफ डेड बॉडी बिल 2024 है।राज्य सरकार अब इन दोनों बिलों को वापस लेने के बाद इनमें जरूरी बदलाव करेगी। यह भी संभव है कि इन बिलों को दोबारा पेश ही न किया जाए, क्योंकि अभी तक सरकार ने इन बिलों को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है।
क्या हैं हरियाणा के दोनों बिल
हरियाणा संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक 2023 में राज्य में होने वाले संगठित अपराधों पर अंकुश लगाने के कड़े प्रावधान किये गये थे। कांग्रेस इस कानून के विरोध में थी। दूसरा कानून हरियाणा ऑनरेबल डिस्पोजल ऑफ डेड बॉडी बिल-2024 था, जिसमें किसी भी शव के साथ प्रदर्शन, धरना या रोड जाम करने पर छह माह से पांच साल तक कैद व एक लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया था।
विरोध में थी कांग्रेस
हरियाणा विधानसभा में यह दोनों बिल पिछली बीजेपी सरकार के कार्यकाल के आखिरी दिनों में पास किये गए थे। हरियाणा संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक 2023 का विरोध असंध के तत्कालीन कांग्रेस विधायक शमशेर सिंह गोगी ने विरोध किया था, जबकि हरियाणा ऑनरेबल डिस्पोजल ऑफ डेड बॉडी बिल 2024 का विरोध सदन के बाहर कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने किया था।
हरियाणा विधानसभा में हुआ था हंगामा
हरियाणा संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक 2023 जब पास हुआ था, तब मनोहर लाल राज्य के मुखयमंत्री थे। इस बिल के पेश होने के दौरान विधानसभा में बजट सत्र के अंतिम दिन जबरदस्त हंगामा हुआ था। इस कानून को बनाने के पीछे सरकार की सोच थी कि न केवल गैंगस्टरों, उनके मुखियाओं और संगठित आपराधिक गिरोह के सदस्यों के खिलाफ प्रभावी कानूनी कार्रवाई करने में मदद मिल सकेगी।
जमकर हुआ था विरोध
हरियाणा ऑनरेबल डिस्पोजल ऑफ डेड बॉडी बिल-2024 का भी कांग्रेस की तरफ से विरोध किया गया था। कांग्रेस का मानना था कि शव के साथ धरना-प्रदर्शन करने वालों को जेल भेजने व जुर्माना लगाने का कानून गलत है। उस समय कांग्रेस ने भाजपा की सहयोगी पार्टी जननायक जनता पार्टी पर भी इस बिल को लाने को लेकर सवाल उठाए थे। कांग्रेस ने तब कहा था कि सरकार नहीं चाहती कि सरकारी तंत्र की वजह से होने वाली मौतों पर मृतक के परिजन न्याय के लिए अपनी आवाज उठा सकें।
————-

Leave a Comment