कृषि वैज्ञानिक को कृषि मंत्री की सलाह

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जनहितैषी, 15 नवम्बर, लखनउ। गुरुवार को भारतीय गन्ना शोध संस्थान लखनऊ में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की क्षेत्रीय (उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड) समिति चतुर्थ की 27 वीं बैठक आयोजित की गई।

प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा विगत वर्षों में कृषि क्षेत्र में अनुसंधान तथा प्रौद्योगिकी विकास के लिए तथा विभिन्न प्रकार के खाद्यान्नों को देशवासियों तक पहुंचाने में सफलता प्राप्त की है। इसके लिए हम अनुसंधान परिषद के सभी वैज्ञानिकों को बधाई देते हैं। इन्हीं के प्रयासों से हमारा देश पशुपालन और उद्यानिकी तथा कृषि क्षेत्र में निरंतर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने प्रतिभागी वैज्ञानिकों से अपेक्षा की कि वह उच्च उत्पादन वाली प्रजातियों को विकसित करने की दिशा में कार्य करें।

इस दौरान माननीय कृषि मंत्री बिहार सरकार श्री मंगल पांडे जी (वर्चुअल), उत्तर प्रदेश गौ-सेवा आयोग के अध्यक्ष श्री श्याम बिहारी गुप्ता, माननीय मुख्यमंत्री सलाहकार श्री अवनीश अवस्थी, महानिदेशक भा.कृ.अनु.प (नई दिल्ली) श्री हिमांशु पाठक, वित्तीय सलाहकार (यूपी.) श्री के.वी. राजू, उपमहानिदेशक कृषि प्रसार भा.कृ.अनु.प श्री यू.एस. गौतम, उप महानिदेशक उद्यान विभाग भा.कृ.अनु.प श्री संजय कुमार सिंह, निदेशक भा.ग.अनु. संस्थान लखनऊ श्री आर. विश्वनाथन, निदेशक भा.स.अनु. संस्थान वाराणसी श्री नागेन्द्र राय सहित कई अन्य कृषि वैज्ञानिक उपस्थित रहे।

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राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की वित्तायुक्त एवं गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ सुमिता मिश्रा ने सभी उपायुक्तों के साथ की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पासपोर्ट कार्यालय की तर्ज पर हाईटेक होंगे रजिस्ट्री कार्यालय चंडीगढ़, 8 अप्रैल- हरियाणा की राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की वित्त आयुक्त गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ सुमिता मिश्रा ने प्रदेश के सभी उपायुक्तों को निर्देश दिए हैं कि मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी द्वारा विभाग से संबंधित बजट अभिभाषण में की गई घोषणाओं पर ततपरता से कार्य करें और हर 15 दिन में अपने स्तर पर समीक्षा बैठक कर मुख्यालय को रिपोर्ट भेजें। डॉ. मिश्रा आज चंडीगढ़ में प्रदेश के सभी उपायुक्तों के साथ वीडियो कॉन्फरेंसिंग के माध्यम से बैठक कर रही थीं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने राज्य के भू रिकॉर्ड के अपडेशन का कार्य अगस्त, 2025 तक पूरा करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि वे स्वयं हर 15 दिन में प्रदेश के सभी उपायुक्तों के साथ वर्चुअल माध्यम से समीक्षा बैठक करेंगी। विभाग के रजिस्ट्री कार्यालयों को पासपोर्ट कार्यालयों की तर्ज पर हाईटेक किया जायेगा। उन्होंने कहा कि भूमि की पैमाइश अब जरीब की बजाय रोबोट के माध्यम से की जाएगी, इसकी घोषणा भी बजट में की गई है। सभी उपायुक्त बजट घोषणाओं को पूरा करने के लिए एक टास्क फोर्स गठित करें। मुख्यमंत्री द्वारा उपमंडल, तहसील व उप तहसीलों के नए भवन बनाने के लिए की गई मुख्यमंत्री की घोषणाओं पर तत्काल कार्यवाही की जानी चाहिए। डॉ. मिश्रा ने कहा कि दीक्षित कमेटी द्वारा की गई सिफारिशों के आधार पर उत्तर प्रदेश व हरियाणा सीमा पर पिलर लगाने के लिए कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि उपायुक्तों को ऐसी ज़मीन या संपत्ति जो सरकार के स्वामित्व में हो, लेकिन इसे सीधे राज्य संपत्ति के तौर पर प्रशासित न किया जाए, बल्कि पट्टे या लाइसेंस पर दी जाए। उन्होंने नजूल भूमि का स्वामित्व सरकार के पास होता है, लेकिन इसका इस्तेमाल आम तौर पर पट्टे या लाइसेंस के माध्यम से किया जाता है, की भी जानकारी मांगी। उन्होंने बैठक में निर्देश दिए कि रबी फसल वर्ष 2025 के दौरान प्रदेश के 15 जिलों में ओलावृष्टि से हुए नुकसान पर क्षतिपूर्ति पोर्टल पर मुआवजे की जानकारी 15 अप्रैल, 2025 तक अपलोड की जाए। उन्होंने कहा कि भीषण गर्मी से बचाव एवं हीट वेव के बचाव के तहत जो सावधानियां बरती जा सकती है, उस बारे प्रचार-प्रसार के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाए।